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Chapter 8 d एवं f ब्लॉक के तत्त्व (The d and f Block Elements) Solutions

Question - 31 : -

आप निम्नलिखित को किस प्रकार से स्पष्ट करेंगे

  1. d4 स्पीशीज में से Cr2+ प्रबल अपचायक है, जबकि मैंगनीज (III) प्रबल ऑक्सीकारक है।
  2. जलीय विलयन में कोबाल्ट (II) स्थायी है, परन्तु संकुलनकारी अभिकर्मकों की उपस्थिति में यह सरलतापूर्वक ऑक्सीकृत हो जाता है।
  3. आयनों का d1 विन्यास अत्यन्त अस्थायी है।

Answer - 31 : -

  1. Cr2+ प्रबल ऑक्सीकारक होता है क्योंकि इसमें 3d4 से 3d3 का परिवर्तन निहित है। 3d3 विन्यास (t32g) अधिक स्थायी है। Mn3+ के ऑक्सीकारक गुणों में 3d4 से 3d5 का परिवर्तन होता है। तथा 3d5 अधिक स्थायी विन्यास है। यही कारण है कि Mn3+ प्रबल ऑक्सीकारक है।
  2. जटिलीकरण (complexing) अभिकर्मकों की उपस्थिति में क्रिस्टल फील्ड स्थिरीकरण ऊर्जा (CFSE) कोबाल्ट की तृतीय आयनन एन्थैल्पी से अधिक होती है। इस प्रकार Co (II) सरलता से Co (III) में ऑक्सीकृत हो जाता है।
  3. वे आयन जिनमें d1 विन्यास होता है, वे d-उपकक्ष में उपस्थित इलेक्ट्रॉन को त्यागने की प्रवृत्ति रखते हैं तथा अधिक स्थायी d0 विन्यास प्राप्त कर लेते हैं। यह सरलता से सम्पन्न हो सकता है। क्योंकि जलयोजन या जालक ऊर्जा का मान d-उपकक्ष से इलेक्ट्रॉन के पृथक्कीकरण में निहित आयनन एन्थैल्पी से अधिक होता है।

Question - 32 : - असमानुपातन से आप क्या समझते हैं? जलीय विलयन में असमानुपातन अभिक्रियाओं के दो उदाहरण दीजिए।

Answer - 32 : - किसी रासायनिक अभिक्रिया के फलस्वरूप किसी पदार्थ का एक समय में ऑक्सीकरण अपचयन समानुपातीकरण कहलाता है। इस प्रकार, पदार्थ की ऑक्सीकरण अवस्था बढ़ती भी है तथा घटती भी है। जैसे,

Question - 33 : - प्रथम संक्रमण श्रेणी में कौन-सी धातु बहुधा तथा क्यों +1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती हैं?

Answer - 33 : -

Cu(3d10 4s1)प्रायः +1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है तथा Cu+ आयन (3d10) बनाता है, जिसकी अधिक स्थायी विन्यास होता है।

Question - 34 : - प्रथम संक्रमण श्रेणी में कौन-सी धातु बहुधा तथा क्यों +1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती हैं?

Answer - 34 : -

Cu(3d10 4s1)प्रायः +1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है तथा Cu+ आयन (3d10) बनाता है, जिसकी अधिक स्थायी विन्यास होता है।

Question - 35 : - प्रथम संक्रमण श्रेणी में कौन-सी धातु बहुधा तथा क्यों +1 ऑक्सीकरण अवस्था दर्शाती हैं?

Answer - 35 : -

Cu(3d10 4s1)प्रायः +1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है तथा Cu+ आयन (3d10) बनाता है, जिसकी अधिक स्थायी विन्यास होता है।

Question - 36 : - निम्नलिखित गैसीय आयनों में अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की गणना कीजिए
Mn3+, Cr3+, v3+ 
तथा Ti3+
इनमें से कौन-सा जलीय विलयन में अतिस्थायी है?

Answer - 36 : -

Mn3+; 3d4 अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 4
Cr3+; 3d3 
अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 3
V3+; 3d3 
अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 2
Ti3+; 3d1 
अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या = 1
इनमें से Cr3+ जलीय विलयन में अतिस्थायी हैं, क्योंकि इनमें अर्द्धपूरित t2g स्तर होता है।

Question - 37 : -
उदाहरण देते हुए संक्रमण धातुओं के रसायन के निम्नलिखित अभिलक्षणों का कारण बताइए –
1. संक्रमण धातु का निम्नतम ऑक्साइड क्षारकीय है, जबकि उच्चतम ऑक्साइड उभयधर्मी या अम्लीय है।
2. संक्रमण धातु की उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था ऑक्साइडों तथा फ्लुओराइडों में। प्रदर्शित होती है।
3. धातु के ऑक्सोऋणायनों में उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होती है।

Answer - 37 : -

  1. निम्नतम ऑक्साइड में संक्रमण धातु की ऑक्सीकरण अवस्था सबसे कम होती है। इसलिए ऑक्साइड क्षारीय होता है तथा उच्च ऑक्सीकरण अवस्था प्राप्त करने के लिए अम्ल से क्रिया कर ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति रखता है। जबकि उच्चतम ऑक्साइड उच्च ऑक्सीकरण अवस्था में बनते हैं। परिणामस्वरूप, ये ऑक्साइड अम्लीय या उभयधर्मी होते हैं।
  2. संक्रमण धातु की उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था ऑक्साइडों तथा फ्लुओराइडों में प्रदर्शित होती है। क्योंकि ऑक्सीजन तथा फ्लुओरीन उच्च विद्युत ऋणात्मक तत्त्व हैं तथा आकर में छोटे होते हैं। ये प्रबल ऑक्सीकारक होते हैं। उदाहरणार्थऑस्मियम, OsF6 में +6 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है तथा वेनेडियम, V2O5 में +5 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
  3. धातु ऑक्सोऋणायनों में उच्च ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होती है जैसे- Cr2O2-7 में Cr की ऑक्सीकरण अवस्था +6 है, जबकि MnO4 में Mn की ऑक्सीकरण अवस्था +7 है। धातु का ऑक्सीजन से संयोग का कारण यह है कि ऑक्सीजन उच्च विद्युत ऋणात्मक तथा ऑक्सीकरक तत्त्व है।

Question - 38 : -

निम्नलिखित को बनाने के लिए विभिन्न पदों का उल्लेख कीजिए

  1. क्रोमाइट अयस्क से K2Cr2O7 
  2. पाइरोलुसाइट से KMnO4

Answer - 38 : -

  1. क्रोमाइट अयस्क से K2Cr2O7 (K2Cr2O7 from chromite ore) – अभ्यास प्रश्न 14 का उत्तर देखें।
  2. पाइरोलुसाइट से KMnO4(KMnO4 from pyrolusite) – अभ्यास प्रश्न 16 का (ii) देखें।

Question - 39 : - मिश्रातुएँ क्या हैं? लैन्थेनाइड धातुओं से युक्त एक प्रमुख मिश्रातु का उल्लेख कीजिए। इसके उपयोग भी बताइए।

Answer - 39 : -

दो या दो से अधिक धातुओं या धातुओं अधातुओं का समांग मिश्रण मिश्रातु कहलाती है। मिश धातु एक महत्त्वपूर्ण मिश्रातु है, जिसमें 30-35% सीरियम तथा कुछ मात्रा में अन्य हल्की लैन्थेनाइड धातु Zr होती है। यह धातुकर्म में अपचायक के रूप में प्रयोग होती है। 30% मिश्रातु तथा 1% Zr धातु युक्त मैग्नीशियम मिश्रातु का प्रयोग जेट इंजन में किया जाता है।

Question - 40 : -
आन्तरिक संक्रमण तत्व क्या हैं? बताइए कि निम्नलिखित में कौन-से परमाणु क्रमांक आन्तरिक संक्रमण तत्वों के हैं –
29, 59, 74, 95, 102, 104

Answer - 40 : -

वे तत्त्व जिनमें विभेदी इलेक्ट्रॉन (n – 2) f-उपकक्षक में प्रवेश करता है, अन्त: संक्रमण तत्त्व कहलाते हैं। दिये गये तत्त्वों में 59,95 तथा 102 परमाणु क्रमांक वाले तत्त्व अन्त: संक्रमण तत्त्व हैं।

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