Chapter 14 प्राकृतिक संपदा Solutions
Question - 1 : - शुक्र और मंगल ग्रहों के वायुमण्डल से हमारा वायुमण्डल कैसे भिन्न है?
Answer - 1 : -
हमारे वायुमण्डल (पृथ्वी के) में वायु कई गैसों का मिश्रण है, जैसे-नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कॉर्बन डाई ऑक्साइड व जलवाष्प आदि। पृथ्वी पर इन सभी गैसों की उपस्थिति ही जीवन-यापन करने के लिए आवश्यक है।
शुक्र व मंगल के वायुमण्डल में 95 से 97% तक कार्बनडाइआक्साइड ही पाई जाती है। अतः इन ग्रहों पर कोई जीवन नहीं पाया जाता है।
Question - 2 : - वायुमण्डले एक कम्बल की तरह कैसे कार्य करता है?
Answer - 2 : -
वायु ऊष्मा की कुचालक है। वायुमण्डल पृथ्वी के औसत तापमान को दिन के समय और यहाँ तक कि पूरे वर्ष-भर नियत रखता है। वायुमण्डल ही दिन में अचानक तापमान को बढ़ने से रोकता है, और रात के समय पृथ्वी के बाहरी आन्तरिक्ष में ताप की दर को कम करता है। अतः हम कह सकते हैं कि वायुमण्डल एक कम्बल की तरह कार्य करता है।
Question - 3 : - वायु प्रवाह (पवन) के क्या कारण हैं?
Answer - 3 : -
स्थल तथा जल के ऊपर की वायु सौर ऊर्जा के कारण गर्म होती है। जल की अपेक्षा स्थल के ऊपर की वायु शीघ्र गर्म होकर ऊपर उठना प्रारंभ कर देती है। इससे वहाँ कम वायुदाब का क्षेत्र बन जाता है और समुद्र के ऊपर की वायु कम वायुदाब वाले क्षेत्र में प्रवाहित होने लगती है। इस प्रकार एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में वायु प्रवाह पवनों का निर्माण करती है। दिन के समय वायु की दिशा समुद्र से स्थल की ओर होती है। रात्रि में स्थल के ऊपर की वायु समुद्र के ऊपर की वायु की तुलना में जल्दी ठंडी हो जाती है। अतः रात्रि में वायु प्रवाह स्थल से समुद्र की ओर होता है।
Question - 4 : - बादलों का निर्माण कैसे होता है?
Answer - 4 : -
बादलों का निर्माण-दिन में वायुमण्डल में जलवाष्प पहुँचती है क्योंकि गर्म होने पर जल जलाशयों से उड़ता है तथा जलवाष्प बनकर वायुमण्डल में आ जाता है। गर्म वायु जलवाष्प को अपने साथ लेकर ऊपर की ओर उठती है। फैलने पर यह ठंडी हो जाती है तथा संघनित होकर बादल बनाती है।
Question - 5 : - मनुष्य के तीन क्रिया-कलापों का उल्लेख करें जो वायु प्रदूषण में सहायक हैं।
Answer - 5 : -
मानव निर्मित स्रोत जो विभिन्न मानव क्रिया-कलापों द्वारा उत्पन्न होते हैं, जैसे-
(i) जनसंख्या वृद्धि,
(ii) वनों का काटना,
(iii) शहरीकरण,
(iv) औद्योगीकरण
- मानव अपने कार्यों द्वारा विभिन्न प्रदूषण जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), हाइड्रोकार्बन, आर्सेनिक तथा रेडियोधर्मी पदार्थ वायु में छोड़ता है।
- कोयला तथा पेट्रोलियम आदि जीवाश्म ईंधनों के जलने से भी प्रदूषक वायु में पहुँचते हैं।
- कृषि में अत्यधिक उर्वरकों तथा पीड़कनाशियों के प्रयोग से भी वायु में प्रदूषक पहुँचते हैं।
- ओजोन परत में छेद होने से भी पराबैंगनी किरणें पृथ्वी तक पहुँचती हैं।
Question - 6 : - जीवों को जल की आवश्यकता क्यों होती है?
Answer - 6 : -
- सभी कोशिकीय प्रक्रियाएँ जल माध्यम में होती हैं।
- पदार्थों का संवहन घुली अवस्था में होता है।
- प्राणी को जीवित रहने हेतु जल आवश्यक है।
- जल प्राणियों का आवास भी है।
- स्थलीय जीवों को मीठे जल की आवश्यकता होती है।
Question - 7 : - जिस गाँव/शहर/नगर में आप रहते हैं वहाँ पर उपलब्ध शुद्ध जल का मुख्य स्रोत क्या है?
Answer - 7 : -
शहर में- नगर निगम द्वारा निर्मित जल के टैंक।
गाँवों में- तालाब, कुएँ, नल तथा नदियाँ एवं नहर आदि।
Question - 8 : - क्या आप किसी क्रिया-कलाप के बारे में जानते हैं जो इस जल के स्रोत को प्रदूषित कर रहा है?
Answer - 8 : -
(i) कृषि में उपयोगी कीटनाशक तथा उर्वरक
(ii) उद्योगों से निकला कचरा नदियों तथा झीलों में जमा हो जाता है।
(iii) जलाशयों में अनैच्छिक पदार्थों का मिलाना।
(iv) इच्छित पदार्थों को जल से हटाना।
Question - 9 : - मृदा (मिट्टी) का निर्माण किस प्रकार होता है?
Answer - 9 : -
मिट्टी बनाने में निम्नलिखित कारक काम करते हैं
सूर्य – सूर्य पत्थरों को गर्म करता है जिससे वे प्रसारित हो जाते हैं। रात के समय पत्थर सिकुड़ जाते हैं। इससे उसमें दरार पड़ जाती है और वह टूट जाता है।
जल – जले मिट्टी के निर्माण में दो तरीके से सहायता करता है-
- सूर्य के ताप से बनी दरार में पानी भर जाता है जो यदि जम जाता है तो वह दरार को चौड़ा कर देता है लेकिन यदि पानी बाद में जमता है तो यह दरार को और भी चौड़ा करेगा क्योंकि बहता हुआ व जमा हुआ पानी पत्थर को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ देता है।
- तेज गति से बहता पानी पत्थर के टुकड़ों को बहा ले जाता है जिससे वे आपस में टकराकर टूटकर और छोटे हो जाते हैं। इस प्रकार मिट्टी अपने मूल पत्थर के स्थान से काफी दूर पायी जाती है।
हवा – हवा से पत्थर के टुकड़े आपस में टकराकर और भी छोटे-छोटे टुकड़ों में बँट जाते हैं।
जीव – जीव भी मिट्टी के बनने की प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं। लाइकेन पत्थरों की सतह पर उगते हैं जो पत्थर को चूर्ण के रूप में बदल देते हैं और मिट्टी की परत का निर्माण करते हैं। इसी प्रकार मॉस भी मिट्टी को बारीक करने का काम करते हैं।
Question - 10 : - मृदा अपरदन क्या है?
Answer - 10 : -
उपरिमृदा (Top soil) का वायु/जल द्वारा उड़ना अथवा दूसरे स्थान पर पहुँचना ही मृदा का अपरदन है। मृदा के महीन कण बहते हुए जल के साथ चले जाते हैं। तेज वायु भी मृदा कणों को उड़ाकर ले जाती है।