The Total solution for NCERT class 6-12
Answer - 1 : - गवरइया और गवरा के बीच आदमी के वस्त्र पहनने को लेकर बहस हुई। गवरइया वस्त्र पहनने के पक्ष में थी तथा गवरा विपक्ष में था। गवरइया को आदमी द्वारा रंग-बिरंगे कपड़े पहनना अच्छा लग रहा था जबकि गवरा का कहना था कि कपड़ा पहन लेने के बाद आदमी और बदसूरत लगने लगता है। कपड़े पहन लेने के बाद आदमी की कुदरती ख़ूबसूरती ढँक जाती है। उसी बहस के दौरान गवरइया ने अपनी टोपी पहनने की इच्छा को व्यक्त किया। उसकी इच्छा तब पूरी हुई जब एक दिन घूरे पर चुगते-चुगते उसे रुई का एक फाहा मिल गया।
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Answer - 4 : - सफलता के लिए उत्साह आवश्यक है। कहा भी गया है कि मन के हारे हार है मन के जीते जीत। उत्साह से ही हमारे मन में किसी भी कार्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न होती है। यदि हम किसी भी कार्य को बेमन से करेंगे तो निश्चय ही हमें उस कार्य में पूर्णतया सफलता नहीं मिलेगी।
Answer - 5 : - टोपी पहनकर गवरइया राजा को दिखाने पहुँची जबकि उसकी बहस गवरा से हुई और वह गवरा के मुँह से अपनी बड़ाई सुन चुकी थी। लेकिन राजा से उसकी कोई बहस हुई ही नहीं थी। फिर भी वह राजा को चुनौती देने को पहुँची क्योंकि गवरा ने बहस के दौरान कहा था कि टोपी मात्र राजा ही पहनता है। यह बात उसे अच्छी नहीं लगी थी।
Answer - 6 : - यदि राजा के राज्य के सभी कारीगर अपने-अपने श्रम का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे होते तब गवरइया के साथ उन कारीगरों का व्यवहार सामान्य होता और सर्वप्रथम वे राजा का काम करते क्योंकि उनका काम ज्यादा था।
Answer - 7 : - चारों ने राजा का काम रोककर गवरइया का काम किया क्योंकि उन लोगों को काम की वाजिब मजदूरी मिली थी, जिससे वे सब खुश थे।