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Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण घनत्व और वृद्धि (The World Population) Solutions

Question - 1 : -
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
(i) निम्नलिखित में से किस महाद्वीप में जनसंख्या वृद्धि सर्वाधिक है
(क) अफ्रीका
(ख) एशिया
(ग) दक्षिण अफ्रीका
(घ) उत्तर अमेरिका।

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक विरल जनसंख्या वाला क्षेत्र नहीं है
(क) अटाकामा
(ख) भू-मध्यरेखीय प्रदेश
(ग) दक्षिण-पूर्वी एशिया
(घ) ध्रुवीय प्रदेश।
 
(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा एक प्रतिकर्ष कारक नहीं है
(क) जलाभाव
(ख) बेरोजगारी
(ग) चिकित्सा/शैक्षणिक सुविधाएँ
(घ) महामारियाँ।

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा एक तथ्य सही नहीं है
(क) विगत् 500 वर्षों में मानव जनसंख्या 100 गुणा से अधिक बढ़ी है।
(ख) 5 अरब से 6 अरब तक बढ़ने में जनसंख्या को 100 वर्ष लगे।
(ग) जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में जनसंख्या वृद्धि उच्च होती है।

Answer - 1 : -

(i) (क) अफ्रीका।
(ii) (ग) दक्षिण-पूर्वी एशिया
(iii) (ग) चिकित्सा/शैक्षणिक सुविधाएँ।
(iv) (ग) जनांकिकीय संक्रमण की प्रथम अवस्था में जनसंख्या वृद्धि उच्च होती है।

Question - 2 : - जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले तीन भौगोलिक कारकों का उल्लेख कीजिए।

Answer - 2 : -

जनसंख्या के वितरण को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारक हैं

  1. जलवायु – शीत ध्रुवीय प्रदेश तथा मरुस्थल विरल जनसंख्या के प्रदेश हैं, परन्तु शीतोष्ण प्रदेश घने बसे हुए प्रदेश हैं।
  2. भू-आकृति – पर्वत तथा पठार विरल जनसंख्या वाले प्रदेश हैं लेकिन मैदानों में जनसंख्या अधिक है।
  3. जल की प्राप्ति – नदी घाटियाँ संसार में सर्वाधिक सघन बसे क्षेत्र हैं।

Question - 3 : - विश्व में उच्च जनसंख्या वाले अनेक क्षेत्र हैं। ऐसा क्यों होता है?

Answer - 3 : -

विश्व में उच्च जनसंख्या वाले क्षेत्र होने के कारण निम्नलिखित हैं

1.भौगोलिक कारक
  • स्वच्छ जल की पर्याप्त आपूर्ति
  • संमतल मैदानी भाग
  • उत्तम जलवायु
  • उपजाऊ मृदाएँ आदि।
2. आर्थिक कारक
  • खंजिन संसाधनों की उपलब्धता
  • नगरीकरण
  • औद्योगीकरण आदि।
3. सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक

Question - 4 : - जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक कौन-से हैं?

Answer - 4 : -

जनसंख्या परिवर्तन के तीन घटक हैं

  1. जन्म-दर
  2. मृत्यु-दर एवं
  3. प्रवास।

Question - 5 : -
अन्तर स्पष्ट कीजिए
 जन्म-दर और मृत्यु-दर।

Answer - 5 : -


Question - 6 : -
अन्तर स्पष्ट कीजिए
प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक

Answer - 6 : - प्रवास के प्रतिकर्ष कारक और अपकर्ष कारक में अन्तर

Question - 7 : - विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों की विवेचना कीजिए।

Answer - 7 : -

विश्व में जनसंख्या वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारक
विश्व में जनसंख्या के वितरण और घनत्व को प्रभावित करने वाले कारकों को सामान्यत: तीन भागों में बाँटा गया है
(I) भौगोलिक कारक

  1. जल की उपलब्धता – जल, जीवन का सबसे महत्त्वपूर्ण कारक है। अत: जनसंख्या का बसाव स्वच्छ जल की पर्याप्त आपूर्ति वाले क्षेत्रों में ही होता है। नदी घाटियाँ विश्व में सर्वाधिक सघन बसे क्षेत्र हैं।
  2. भू-आकृति – जनसंख्या सामान्यतया समतल मैदानों व मन्द ढालों पर अधिक पायी जाती है।
  3. जलवायु – अति उष्ण या ठण्डे मरुस्थलों की अपेक्षा उत्तम जलवायु वाले भागों में जनसंख्या अधिक पायी जाती है।
  4. मृदाएँ – उपजाऊ मृदा वाले भागों में जनसंख्या का बसाव अपेक्षाकृत अधिक होता है।
(II) आर्थिक कारक

  1. खनिज – खनिज उपलब्धता वाले क्षेत्रों में जनसंख्या का बसाव अपेक्षाकृत अधिक होता है।
  2. औद्योगीकरण – औद्योगिक पेटियाँ रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाती हैं। अत: जनसंख्या का बसाव अपेक्षाकृत अधिक होता है।
  3. परिवहन सुविधा – परिवहन सुविधा उपलब्धता वाले क्षेत्रों में जनसंख्या बसाव अपेक्षाकृत अधिक पाया जाता है।
  4. आधारभूत सुविधाएँ – जहाँ मनुष्य को आधारभूत सुविधाएँ उपलब्ध होती हैं वहाँ जनसंख्या बसाव अपेक्षाकृत अधिक पाया जाता है।
  5. नगरीकरण – नगरों में उपलब्ध सुविधाएँ भी जनसंख्या बसाव की अधिकता के लिए उत्तरदायी हैं।
(III) सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक
सामाजिक और राजनीतिक शान्ति वाले क्षेत्रों में जनसंख्या बसाव अपेक्षाकृत अधिक पाया जाता है।

Question - 8 : - जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाओं की विवेचना कीजिए।

Answer - 8 : -

जनांकिकीय संक्रमण-इस सिद्धान्त का उपयोग किसी क्षेत्र की जनसंख्या के वर्णन तथा भविष्य की जनसंख्या के पूर्वानुमान के लिए किया जाता है।
जनांकिकीय संक्रमण की अवस्थाएँ
जनांकिकीय संक्रमण की तीन अवस्थाएँ निम्नलिखित हैं
प्रथम अवस्था — इस अवस्था में उच्च प्रजननशीलता व उच्च मर्त्यता होती है क्योंकि लोग महामारियों और भोजन की अनिश्चित आपूर्ति में होने वाली मृत्युओं की क्षतिपूर्ति अधिक पुनरुत्पादन से करते हैं। जनसंख्या वृद्धि धीमी होती है और अधिकांश लोग खेती में कार्यरत होते हैं। यहाँ बड़े परिवारों को परिसम्पत्ति माना जाता है। जीवन प्रत्याशा निम्न होती है, अधिकांश लोग अशिक्षित होते हैं और उनके प्रौद्योगिकी स्तर निम्न होते हैं। 200 वर्ष. ” पूर्व विश्व के सभी देश इसी अवस्था में थे
 
द्वितीय अवस्था – इस अवस्था के प्रारम्भ में प्रजननशीलता उच्च बनी रहती है किन्तु यह समय के साथ घटती जाती है। यह अवस्था घटी हुई मृत्यु-दर के साथ आती है। स्वास्थ्य सम्बन्धी दशाओं व स्वच्छता में सुधार . के साथ मर्त्यता में कमी आती है। इस अन्तर के कारण, जनसंख्या में होने वाला शुद्ध योग उच्च होता है।
अन्तिम अवस्था में प्रजननशीलता और मर्त्यता दोनों अधिक घट जाती हैं। जनसंख्या या तो स्थिर हो जाती है या मन्द गति से बढ़ती है। जनसंख्या नगरीय और शिक्षित हो जाती है तथा उसके पास तकनीकी ज्ञान होता है। ऐसी जनसंख्या विचारपूर्वक परिवार के आकार को नियन्त्रित करती है। इससे प्रदर्शित होता है कि मनुष्य जाति अत्यधिक नम्य है और अपनी प्रजननशीलता को समायोजित करने की योग्यता रखती है।

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