Chapter 10 कोशिका चक्र और कोशिका विभाजन (Cell Cycle and Cell Division) Solutions
Question - 1 : - स्तनधारियों की कोशिकाओं की औसत कोशिका चक्र अवधि कितनी होती है?
Answer - 1 : - 24 घण्टे के समय में मनुष्य की कोशिको अथवा स्तनधारियों की कोशिका में कोशिका विभाजन पूर्ण होने में केवल एक घण्टा लगता है।
Question - 2 : - जीवद्रव्य विभाजन व केन्द्रक विभाजन में क्या अन्तर है?
Answer - 2 : - कोशिका चक्र के M-प्रावस्था में केन्द्रक विभाजन आरम्भ होता है जिसमें गुणसूत्र अलग होकर दो केन्द्रकों का निर्माण करते हैं। इसे केन्द्रक विभाजन अथवा केरियोकाइनेसिस (karyokinesis) कहते हैं। सामान्यत: इस क्रिया की समाप्ति पर कोशिका द्रव्य में भी विभाजन होकर दो कोशिका बन जाती हैं। इसे जीवद्रव्ये विभाजन अथवा साइटोकाइनेसिस (cytokinesis) कहते हैं। यदि केवल केरियोकाइनेसिस हो तथा साइटोकाइनेसिस न हो, तो एक कोशिका बहुकेन्द्रकी (multinucleate) बन जाती है।
Question - 3 : - अन्तरावस्था में होने वाली घटनाओं का वर्णन कीजिए।
Answer - 3 : -
यह अवस्था कोशिका की विश्राम अवस्था (resting phase) मानी जाती है क्योंकि इस अवस्था में कोशिका वृद्धि करती है, अगले विभाजन की तैयारियाँ पूर्ण होती हैं तथा DNA का द्विगुणन होता है। इस अवस्था के तीन चरण हैं
1. G1 – फेस (Gap 1)
2. S – फेस (संश्लेषण अवस्था)
3. G2– फेस (Gap 2)
G1-फेस माइटोसिस तथा DNA द्विगुणन प्रारम्भ होने का मध्यावकाश है। S-फेस में DNA संश्लेषण व द्विगुणन होता है। DNA की मात्रा दोगुनी हो जाती है परन्तु गुणसूत्र संख्या में वृद्धि नहीं होती है। यदि G1 में 2n गुणसूत्र संख्या हो, तो S मंं भी 2n ही होगी। जन्तु कोशिका में DNA द्विगुणन के साथ-साथ सेन्ट्रिओल विभाजन भी होता है। G2फेस में प्रोटीन संश्लेषण होता है तथा कोशिका टोसिस (mitosis) के लिए तैयार होती है।
Question - 4 : - कोशिका चक्र का G0 (प्रशान्त प्रावस्था) क्या है?
Answer - 4 : - कुछ कोशिकाओं में विभाजन की क्रिया नहीं होती है। कोशिका की मृत्यु होने पर दूसरी कोशिका उसका स्थान ले लेती है। अत: G1 -प्रावस्था एक अक्रिय अवस्था में प्रवेश करती है, इसे शान्त प्रावस्था (G0) कहते हैं। इस अवस्था में कोशिका केवल उपापचयी रूप से सक्रिय रहती है।
Question - 5 : - सूत्री विभाजन को सम विभाजन क्यों कहते हैं?
Answer - 5 : - सूत्री विभाजन में बनी दोनों पुत्री कोशिकाओं (daughter cells) में गुणसूत्रों की संख्या मातृ कोशिका के समान ही बनी रहती है। इसी कारण सूत्री विभाजन को सम विभाजन (equational division) भी कहते हैं।
Question - 6 : - कोशिका चक्र की उस प्रावस्था का नाम बताइए जिसमें निम्न घटनाएँ सम्पन्न होती हैं
1. गुणसूत्र तर्क मध्य रेखा की ओर गति करते हैं।
2. गुणसूत्र बिन्दु का टूटना व अर्ध गुणसूत्र का पृथक् होना।
3. समजात गुणसूत्रों का आपस में युग्मन होना।
4. समजात गुणसूत्रों के बीच विनिमय का होना।
Answer - 6 : -
1. मेटाफेस
2. एनाफेस
3. प्रोफेस-I की जाइगोटीन अवस्था जिसमें साइनेप्सिस (synapsis) होती है
4. प्रोफेस-I की पेकीटीन (pachytene) प्रावस्था।
Question - 7 : - निम्न के बारे में वर्णन कीजिए
(i) सूत्रयुग्मन
(ii) युगली
(iii) काएज्मेटा।
Answer - 7 : -
(i) सूत्रयुग्मन (Synapsis) :
अर्धसूत्री विभाजन के प्रथम प्रोफेसे की जाइगोटीन अवस्था में गुणसूत्र जोड़े बनाते हैं। इसे सूत्रयुग्मन कहते हैं।
(ii) युगली (Bivalent) :
सूत्रयुग्मन से बने समजात गुणसूत्र जोड़े में 4 अर्धगुणसूत्र होते हैं तथा इस जोड़े को युगली कहते हैं।
(iii) काएज्मेटा (Chiasmeta) :
डिप्लोटीन में यदि गुणसूत्र में विनिमय प्रारम्भ होने से पहले ‘x’ आकार की संरचना बनती है, तो उसे काएज्मेटा कहते हैं।
Question - 8 : - पादप व प्राणी कोशिकाओं के कोशिकाद्रव्य विभाजन में क्या अन्तर है?
Answer - 8 : - पादप कोशिका में विभाजन के समय पट्ट बनता है जिससे बाद में कोशिका भित्ति बनती है। परन्तु जन्तु कोशिका में दोनों ओर से वलन बनकर मध्य में आते हैं और दो भागों में कोशिका बँट जाती है।
Question - 9 : - अर्द्धसूत्री विभाजन के बाद बनने वाली चार संतति कोशिकाएँ कहाँ आकार में समान व कहाँ भिन्न आकार की होती हैं?
Answer - 9 : - अर्द्धसूत्री विभाजन (Meiosis) द्वारा युग्मक निर्माण होता है। शुक्राणुजनन (spermatogenesis) में मातृ कोशिका के विभाजन से बनने वाली चारों पुत्री कोशिकाएँ समान होती हैं। ये शुक्रकायान्तरण द्वारा शुक्राणु का निर्माण करती हैं। शुक्रजनन में बनने वाली चारों संतति कोशिकाएँ आकार में समान होती हैं। अण्डजनन (oogenesis) में मातृ कोशिका से बनने वाली संतति कोशिकाएँ आकार में भिन्न होती हैं। अण्डनन के फलस्वरूप एक अण्डाणु तथा पोलर कोशिकाएँ बनती हैं। पोलर कोशिकाएँ आकार में छोटी होती हैं। पौधों के बीजाण्ड में गुरुबीजाणुजनन (अर्द्धसूत्री विभाजन) के फलस्वरूप गुरुबीजाणु से चार कोशिकाएँ बनती हैं। इनमें आधारीय कोशिका अन्य कोशिकाओं से भिन्न होती है। यह वृद्धि और विभाजन द्वारा भ्रूणकोष (embryo sac) बनाता है। पौधों में लघु-बीजाणु जनन द्वारा लघु बीजाणु या परागकण बनते हैं। ये आकार में समान होते हैं।
Question - 10 : - सूत्री विभाजन की पश्चावस्था तथा अर्द्धसूत्री विभाजन की पश्चावस्था I में क्या अन्तर है?
Answer - 10 : - सूत्री विभाजन तथा अर्द्धसूत्री विभाजन की पश्चावस्था प्रथम में अन्तर