The Total solution for NCERT class 6-12
Answer - 1 : -
Answer - 2 : -
हाइड्रोजन परमाणु का नाभिक एक प्रोटॉन है जिसका द्रव्यमान (1.67 x 10-27 kg) α – कण के द्रव्यमान (6.64 x 10-27 kg)की तुलना में कम है। यह हल्का नाभिक भारी α -कण को प्रतिक्षिप्त नहीं कर पाएगा; अतः α-कण सीधे नाभिक की ओर जाने पर भी वापस नहीं लौटेगा और इस प्रयोग में α-कण का बड़े कोणों पर विक्षेपण भी नहीं होगा।
Answer - 3 : -
Answer - 4 : - दिया है, ∆E = 2.3 eV= 2.3 x 1.6 x10-19 जूल; h= 6.62 x 10-34 जूल-सेकण्ड विकिरण की आवृत्ति ν = ?
Answer - 5 : -
Answer - 6 : -
Answer - 7 : - (a) दिया है,e= 1.6 x 10-19 कूलॉम, ६ = 8.85 x 10-12 कूलॉम2/न्यूटन मीटर2
Answer - 8 : - बोर की nवीं कक्षा की त्रिज्या
Answer - 9 : - निम्नतम ऊर्जा स्तर में H2 परमाणु की ऊर्जा E1 = -13.6eVजब इस पर 12.5eV ऊर्जा के इलेक्ट्रॉन की बमबारी की जाती है तो इस ऊर्जा को अवशोषित करने पर माना यह नावे उत्तेजित ऊर्जा स्तर में चला जाता है।अत: En = E1 +12.75= -(-13.6 +12.75)eV = -0.85 eV
Answer - 10 : - दिया है, पृथ्वी का द्रव्यमान m = 6.0 x 1024 किग्रा; कक्षा की त्रिज्या r = 1.5 x 1011 मीटरतथा पृथ्वी का कक्षीय वेग ν = 3 x 104 मीटर/सेकण्डh = 6.62 x 104 जूल-सेकण्डबोर मॉडल के अनुसार, mνr =
उपग्रह की गति के लिए यह क्वाण्टम संख्या अत्यन्त विशाल है और इतनी विशाल क्वाण्टम संख्या के लिए क्वाण्टीकृत प्रतिबन्धों के परिणाम चिरसम्मत भौतिकी से मेल खाने लगते हैं।