Chapter 9 संगतकार Solutions
Question - 1 : - संगतकार के माध्यम से कवि किस प्रकार के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है?
Answer - 1 : -
संगतकार के माध्यम से कवि उस तरह के व्यक्तियों की ओर संकेत करना चाह रहा है जो महान और सफल व्यक्तियों की सफलता में परदे के पीछे रहकर अपना योगदान देते हैं। ये लोग महत्त्वपूर्ण योगदान तो देते हैं परंतु ये लोगों की निगाह में नहीं आ पाते हैं और सफलता के श्रेय से वंचित रह जाते हैं। मुख्य गायक की सफलता में साथी गायकों वाद्य कलाकारों, ध्वनि एवं प्रकाश व्यवस्था देखने वाले कलाकारों या कर्मियों का योगदान रहता है पर उन्हें इसका श्रेय नहीं मिल पाता है।
Question - 2 : - संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और किन-किन क्षेत्रों में दिखाई देते हैं?
Answer - 2 : -
संगतकार जैसे व्यक्ति संगीत के अलावा और भी बहुत से क्षेत्रों में होते हैं
खेल में जीत का श्रेय कैप्टन को मिलता है जबकि विजेता बनाने में कई खिलाड़ियों का योगदान होता है। इसके अलावा उनके कोच और अन्य अनेक लोगों का योगदान होता है।
राजनीति के क्षेत्र में चुनाव में जीत केवल उम्मीदवार विशेष की होती है, परंतु उसे विजयी बनाने में छोटे नेताओं के आलावा चुनावी चंदा देने वाले, प्रचार करने वाले जैसे बहुतों का योगदान होता है।
सिनेमा के क्षेत्र में फ़िल्म को सफल बनाने में अगणित लोगों का योगदान होता है।
शिक्षा के क्षेत्र में परीक्षाफल बढ़ने का श्रेय अधिकारियों को मिलता है पर उसके लिए अध्यापकगण एवं अन्य कर्मचारियों का अमूल्य योगदान होता है।
किसी युद्ध को जीतने में सेनापति के अलावा बहुत से वीरों का योगदान होता है।
Question - 3 : - संगतकार किन-किन रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं?
Answer - 3 : -
संगतकार विभिन्न रूपों में मुख्य गायक-गायिकाओं की मदद करते हैं; जैसे
वे मुख्य गायक की भारी आवाज में अपनी सुंदर और कमज़ोर आवाज़ की गूंज मिलाकर गायन को प्रभावपूर्ण बना देते
गायक जब अंतरे के जटिल जंगल में खो जाते हैं तो संगतकार ही स्थायी को सँभाले रखकर उनकी मदद करते हैं।
तारसप्तक गाते समय संगतकार उसके स्वर में स्वर मिलाकर उसे अकेले होने का अहसास नहीं होने देते हैं।
संगतकार मुख्य गायक के स्वर से अपना स्वर ऊँचा न करके उसकी सफलता में बाधक नहीं बनते हैं।
Question - 4 : - भाव स्पष्ट कीजिए
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है।
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है।
उसे विफलता नहीं।
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।
Answer - 4 : -
उपर्युक्त पंक्तियों का भाव यह है कि संगतकार जान-बूझकर अपने स्वर को मुख्य गायक के स्वर से ऊँचा नहीं होने देते हैं। यह संगतकार द्वारा अपनी प्रतिभा का त्याग है जो योग्यता और सामर्थ्य होने पर भी मुख्य गायक की सफलता में बाधक नहीं बनता है और मानवता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है।
Question - 5 : - किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्धि पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। कोई एक उदाहरण देकर इस कथन पर अपने विचार लिखिए।
Answer - 5 : -
किसी भी क्षेत्र में प्रसिद्ध पाने वाले लोगों को अनेक लोग तरह-तरह से अपना योगदान देते हैं। उनकी सफलता में योगदान देने वाले बहुत से लोग होते हैं जो परदे के पीछे रह जाते हैं और प्रकाश में नहीं आ पाते हैं। इसका एक उदाहरण देखिएहमारे क्षेत्र के वर्तमान विधायक श्री रमन शर्मा हैं। थोड़े दिनों पहले तक वे अत्यंत साधारण आदमी हुआ करते थे। उनके सद्व्यवहार से प्रेरित होकर लोगों ने उन्हें चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया। कुछ ने स्वेच्छा से तथा बीस लोगों की टीम ने उनके लिए चंदा एकत्र करना शुरू किया। युवा वर्ग ने स्वेच्छा से प्रचार का कार्य अपने जिम्मे सँभाल लिया। मुख्य बाज़ार के दो बड़े दुकानदारों ने पोस्टर, होर्डिंग्स और बैनर का खर्च उठाया। करीब बीस-पच्चीस लोग उनके साथ दिन-रात एक करके क्षेत्र में घूमते रहे और चुनाव होने तक साये की तरह उनके साथ रहे। आज इन सहयोगियों को कोई नहीं जानता है। श्री रमन शर्मा की गणना कर्मठ एवं ईमानदार विधायकों में की जाती है।
Question - 6 : - कभी-कभी तारसप्तक की ऊँचाई पर पहुँचकर मुख्य गायक का स्वर बिखरता नज़र आता है उस समय संगतकार उसे बिखरने से बचा लेता है। इस कथन के आलोक में संगतकार की विशेष भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
Answer - 6 : -
तारसप्तक गाते समय स्वरों के उतार-चढ़ाव में जब मुख्य गायक की आवाज़ बैठने लगती है और उसकी आवाज़ कुछ गिरती हुई महसूस होती है तब संगतकार मुख्य गायक के स्वर में स्वर मिलाकर उसे सहारा देते हैं तथा उसको स्वर बिखरने से पहले ही सँभाल लेते हैं और उसके गायन की सफलता को विफलता में नहीं बदलने देते हैं। इस प्रकार मुख्य गायक की सफलता में संगतकार की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है।
Question - 7 : - सफलता के चरम शिखर पर पहुँचने के दौरान यदि व्यक्ति लड़खड़ाता है तब उसे सहयोगी किस तरह सँभालते हैं?
Answer - 7 : -
सफलता के शीर्ष पर पहुँचकर जब कोई व्यक्ति अचानक लड़खड़ा जाता है तो उसके सहयोगी उसे साहस एवं हौंसला बनाए रखने के लिए प्रेरित करते हैं। वे तन-मन से ही नहीं, आवश्यकता होने पर धन से भी उसकी सहायता करते हैं। वे उसे उसकी कमियों के प्रति सचेत करते हैं तथा दुबारा सफलता के शीर्ष पर पहुँचाने में मदद करते हैं।
Question - 8 : - कल्पना कीजिए कि आपको किसी संगीत या नृत्य समारोह का कार्यक्रम प्रस्तुत करना है लेकिन आपके सहयोगी कलाकार किसी कारणवश नहीं पहुँच पाए
(क) ऐसे में अपनी स्थिति का वर्णन कीजिए।
(ख) ऐसी परिस्थिति का आप कैसे सामना करेंगे?
Answer - 8 : -
(क) संगीत या नृत्य के कार्यक्रम में सहयोगी कलाकारों के न पहुँच पाने से मैं परेशान हो जाऊँगा। उनके न पहुँचने के कारणों का पता करूंगा। यथासंभव उन्हें बुलाने का प्रयास करूंगा। यदि वे नहीं आ सकेंगे तो मैं आयोजक को सारी बातें बताकर उनसे कहूँगा कि अपने स्तर से अन्य सहयोगी कलाकारों की व्यवस्था कराने का कष्ट करें ताकि मैं प्रस्तुति दे सकें।
(ख) ऐसी स्थिति का सामना करने के लिए मैं आयोजकों एवं श्रोताओं के सामने सारी बात साफ़-साफ़ स्पष्ट कर दूंगा। और रिकार्डेड गीतों पर नृत्य प्रस्तुत करके बाँधे रखने का प्रयास करूंगा।
Question - 9 : - आपके विद्यालय में मनाए जाने वाले सांस्कृतिक समारोह में मंच के पीछे काम करने वाले सहयोगियों की भूमिका पर एक अनुच्छेद लिखिए।
Answer - 9 : -
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सफलता में सहायक लोगों की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है। इनके सहयोग के बिना कार्यक्रम की सफलता की कल्पना करना भी बेमानी है। ये सहायक लोग ही कार्यक्रम के लिए आवश्यक वस्तुओं को एकत्र करते हैं, साज-सज्जा में विशेष योगदान देते हैं। वे अतिथियों के बैठने की व्यवस्था सँभालते हैं। मंच पर प्रकाश का उचित प्रबंध करते हैं। परदे के पीछे कुछ लोग रिकॉर्डिंग समय पर बजाकर कलाकारों की मदद करते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित करते हैं।
Question - 10 : - किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य यो शीर्ष स्थान पर क्यों नहीं पहुँच पाते होंगे?
Answer - 10 : -
किसी भी क्षेत्र में संगतकार की पंक्ति वाले लोग प्रतिभावान होते हुए भी मुख्य या शीर्ष स्थान पर इसलिए नहीं पहुँच पाते है, क्योंकि
- प्रतिभावान होकर भी वे मुख्य कलाकार से अलग होकर प्रस्तुति देने का हौंसला नहीं कर पाते हैं।
- उन्हें शीर्ष स्थान पर पहुँचने तथा वहाँ बने रहने में संदेह रहता है।
- आर्थिक समस्याएँ उनके मार्ग में बाधक बनती हैं।
- उनमें से कुछ लोग स्वयं को भाग्य के हवाले कर देते हैं कि किस्मत में होगा तो शीर्ष स्थान हासिल कर लेंगे।
- ऐसे लोगों को उचित अवसर एवं सहयोग नहीं मिल पाता है।