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Chapter 4 मुग़ल साम्राज्य Solutions

Question - 1 : - राजपूतों के साथ मुगलों के शादियों के कुछ उदाहरण दें। 

Answer - 1 : - जहाँगीर की माँ और अकबर की पत्नी कच्छवा की राजकुमारी थी। वह अंबर (वर्तमान में जयपुर) के राजपूत शासक की पुत्री थी। शाहजहाँ की माँ और जहाँगीर की पत्नी एक राठौड़ राजकुमारी थी। वह मारवाड़ (जोधपुर) के राजपूत शासक की पुत्री थी।

Question - 2 : - अकबर और औरंगजेब के शासनकाल के मनसबदारों की संख्या की तुलना करें। 

Answer - 2 : - 5000 जात वाले अभिजातों का दर्जा 1000 जात वाले अभिजातों से ऊँचा था। अकबर के शासनकाल में 29 ऐसे मनसबदार थे, जो 5000 जाते की पदवी के थे। औरंगजेब के शासनकाल तक ऐसे मनसबदारों की संख्या 79 हो गई।

Question - 3 : - अकबरनामा और आइने अकबरी के बारे में व्याख्या करें। 

Answer - 3 : - अकबर ने अपने करीबी मित्र और दरबारी अबुल फजल को आदेश दिया कि वह उसके शासनकाल का इतिहास लिखें। अबुल फजल ने यह इतिहास तीन जिल्दों में लिखा और इसको शीर्षक है ‘अकबरनामा’। पहली जिल्द में अकबर के पूर्वजों का बयान है और दूसरी अकबर के शासनकाल की घटनाओं का विवरण देती है। तीसरी जिल्द आइने अकबरी है। इसमें अकबर के प्रशासन, घराने, सेना, राजस्व और साम्राज्य के भूगोल का ब्यौरा मिलता है। इसमें समकालीन भारत के लोगों की परंपराओं और संस्कृतियों का भी विस्तृत वर्णन है। आइने-अकबरी का सबसे रोचक आयाम है, विविध प्रकार की चीजों-फसलों, पैदावार, कीमतों, मजदूरी और राजस्व का सांख्यिकीय विवरण।

Question - 4 : -

Answer - 4 : -


Question - 5 : -
रिक्त स्थानों को भरें :
(क) ………… अकबर के सौतेले भाई, मिर्जा हाकिम के राज्य की राजधानी थी।
(ख) दक्कन की पाँचों सल्तनत बरार, खानदेश, अहमदनगर, …………. और …………. थीं।
(ग) यदि जात एक मनसबदार के पद और वेतन को द्योतक था, तो सवार ………… उसके ………….. को दिखाता था।
(घ) अकबर के दोस्त और सलाहकार, अबुल फ़जल ने उसकी …………. के विचार को गढ़ने में मदद की जिसके द्वारा वह विभिन्न धर्मों, संस्कृतियों और जातियों से बने समाज पर राज्य कर सका।

Answer - 5 : -

(क) काबुल
(ख) बीजापुर और गोलकुंडा
(ग) सैन्य उत्तरदायित्व
(घ) सुलह-ए-कुल।

Question - 6 : - मुगल राज्य के अधीन आने वाले केंद्रीय प्रांत कौन-से थे?

Answer - 6 : -

मुगल साम्राज्य के अधीन आने वाले केन्द्रीय प्रांत-
1. दिल्ली 
2. आगरा। 

Question - 7 : - मनसबदार और जागीर में क्या संबंध था?

Answer - 7 : - मनसबदार अपना वेतन राजस्व एकत्रित करने वाली भूमि के रूप में पाते थे, जिन्हें जागीर कहते थे और जो तकरीबन ‘इक्ताओं के समान थी, परंतु मनसबदार, मुक्तियों से भिन्न अपने जागीरों पर नहीं रहते थे और न ही उन पर प्रशासन करते थे। उनके पास अपनी जागीरों से केवल राजस्व एकत्रित करने का अधिकार था। यह राजस्व उनके नौकर उनके लिए एकत्रित करते थे, जबकि वे स्वयं देश के किसी अन्य भाग में सेवारत रहते थे।

Question - 8 : - मुगल प्रशासन में जमींदार की क्या भूमिका थी?

Answer - 8 : - मुगलों की आमदनी का प्रमुख साधन किसानों की उपज से मिलने वाला राजस्व था। अधिकतर स्थानों पर | किसान ग्रामीण कुलीनों यानी ज़मींदारों को अपना राजस्व देते थे। एकत्रित किए गए राजस्व को जमींदार सरकारी खजाने में जमा कराते थे।

Question - 9 : - शासन-प्रशासन संबंधी अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चाएँ कितनी महत्त्वपूर्ण थीं?

Answer - 9 : -

अकबर के विचारों के निर्माण में धार्मिक विद्वानों से होने वाली चर्चाएँ निम्न प्रकार महत्त्वपूर्ण थीं
1. धार्मिक चर्चाओं और परिचर्चाओं से अकबर को ज्ञात हुआ कि धार्मिक कट्टरता प्रजा के विभाजन और असामंजस्य के लिए उत्तरदायी होती है। 
2. ये अनुभव अकबर को सुलह-ए-कुल या सर्वत्र शांति के विचार की ओर ले गया। 
3. इन चर्चाओं ने उसे प्रशासन की एक स्पष्ट सोच प्रदान की, जिसमें केवल सच्चाई, न्याय और शांति पर बल था। 

Question - 10 : - मुगलों ने खुद को मंगोल की अपेक्षा तैमूर के वंशज होने पर क्यों बल दिया?

Answer - 10 : - मुगल दो महान शासक वंशों के वंशज थे। माता की ओर से मंगोल शासक चंगेज खान के वंशज थे। पिता की ओर से वे ईरान, इराक एवं वर्तमान तुर्की के शासक तैमूर के वंशज थे, परंतु मुगल अपने को मंगोल या मुगल कहलवाना पसंद नहीं करते थे। ऐसा इसलिए था, क्योंकि चंगेज खान से जुड़ी स्मृतियाँ सैकड़ों व्यक्तियों के नरसंहार से संबंधित थी। दूसरी तरफ मुगल, तैमूर के वंशज होने पर गर्व का अनुभव करते थे, क्योंकि उनके इस महान पूर्वज ने 1398 में दिल्ली पर कब्जा कर लिया था।

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