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Chapter 9 सौर विकिरण, ऊष्मा संतुलन एवं तापमान (Solar Radiation, Heat Balance and Temperature) Solutions

Question - 1 : -
निम्न में से किस अक्षांश पर 21 जून की दोपहर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं?
(क) विषुवत् वृत्त पर
(ख) 23.5° उ०
(ग) 66.5° द०
(घ)66.5° उ०

Answer - 1 : - (ख) 23.5° उ०।

Question - 2 : -
निम्न में से किस शहर में दिन ज्यादा लम्बा होता है?
(क) तिरुवनन्तपुरम
(ख) हैदराबाद
(ग) चण्डीगढ़
(घ) नागपुर

Answer - 2 : - (ग) चण्डीगढ़।

Question - 3 : -
निम्नलिखित में से किस प्रक्रिया द्वारा वायुमण्डल मुख्यतः गर्म होता है?
(क) लघु तरंगदैर्घ्य वाले सौर विकिरण से
(ख) लम्बी तरंगदैर्घ्य वाले स्थलीय विकिरण से
(ग) परावर्तित सौर विकिरण से।
(घ) प्रकीर्णित सौर विकिरण से।

Answer - 3 : - (ख) लम्बी तरंगदैर्घ्य वाले स्थलीय विकिरण से।

Question - 4 : -
निम्न पदों को उसके उचित विवरण के साथ मिलाएँ
1. सूर्यातप                             (अ) सबसे कोष्ण और सबसे शीत महीनों के मध्य तापमान का अन्तर
2. एल्बिडो                             (ब) समान तापमान वाले स्थानों को जोड़ने वाली रेखा।
3. समताप रेखा                      (स) आने वाला सौर विकिरण ।
4. वार्षिक तापान्तर                  (द) किसी वस्तु के द्वारा परावर्तित दृश्य प्रकाश का प्रतिशत।

Answer - 4 : - 1 (स), 

2. (द) 
3. (ब), 
4. (अ)।

Question - 5 : -
पृथ्वी के विषुवत वृत्तीय क्षेत्रों की अपेक्षा उत्तरी गोलार्द्ध के उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों का तापमान अधिकतम होता है, इसका मुख्य कारण है
(क) विषुवतीय क्षेत्रों की अपेक्षा उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में कम बादल होते हैं।
(ख) उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में गर्मी के दिनों की लम्बाई विषुवत्तीय क्षेत्रों से ज्यादा होती है।
(ग) उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में ग्रीनहाउस प्रभाव’ विषुवतीय क्षेत्रों की अपेक्षा ज्यादा होता है।
(घ) उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्र विषुवतीय क्षेत्रों की अपेक्षा महासागरीय क्षेत्रों के ज्यादा करीब है।

Answer - 5 : - (क) विषुवतीय क्षेत्रों की अपेक्षा उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में कम बादल होते हैं।

Question - 6 : - पृथ्वी पर तापमान का असमान वितरण किस प्रकार जलवायु और मौसम को प्रभावित करता है?

Answer - 6 : - पृथ्वी पर कुछ स्थान शीत जलवायु वाले हैं तथा कुछ स्थान उष्ण मरुस्थलीय हैं जबकि कुछ शीतोष्ण जलवायु के अन्तर्गत सम्मिलित हैं। वास्तव में इसका मुख्य कारण पृथ्वी पर तापमान का असमान वितरण है। इतना ही नहीं पृथ्वी के उच्च पर्वतीय भागों में हिम के रूप में वर्षा होती है और मैदानी भागों में जल के रूप में। इसका कारण भी यही है क्योंकि उच्च पर्वतीय भागों पर तापमान कम और मैदानी भागों में तापमान अधिक रहता है। अत: पृथ्वी पर तापमान का असमान वितरण जलवायु और मौसम को सबसे अधिक प्रभावित करता है। जहाँ तापमान अधिक पाया जाता है वहाँ उष्ण जलवायु मिलती है किन्तु जहाँ तापमान निम्न रहता है वहाँ शीत जलवायु रहती है। वस्तुत: तापमान जलवायु व मौसम का निर्धारक तत्त्व है, इसीलिए पृथ्वी के सभी स्थान तापमान भिन्नता के कारण असमान जलवायु प्रदेशों के रूप में पहचाने जाते हैं।

Question - 7 : - वे कौन-से कारक हैं जो पृथ्वी पर तापमान के वितरण को प्रभावित करते हैं?

Answer - 7 : - पृथ्वी पर तापमान वितरण में पर्याप्त असमानताएँ मिलती हैं। इस असमानता के प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं। 1. अक्षांश, 2. समुद्रतल से ऊँचाई, 3. समुद्रतल से दूरी, 4. पवनों की दिशा, 5. स्थानीय कारक।

Question - 8 : - भारत में मई में तापमाने सर्वाधिक होता है, लेकिन उत्तर अयनांत के बाद तापमान अधिकतम नहीं होता। क्यों?

Answer - 8 : - भारत में मुख्य रूप से मार्च के बाद गर्मी ऋतु प्रारम्भ हो जाती है। मई एवं जून देश में प्रचण्ड गर्मी के महीने होते हैं, इनमें भी मई मौसम में अधिक तापमान अंकित किया जाता है। किन्तु उत्तर अयनांत के बाद तापमान में गिरावट आरम्भ हो जाती है, क्योंकि दिन की अवधि में परिवर्तन आ जाता है।

Question - 9 : - साइबेरिया के मैदान में वार्षिक तापान्तर सर्वाधिक होता है। क्यों?

Answer - 9 : - साइबेरिया के मैदान में वार्षिक तापान्तर सर्वाधिक होता है। इसका मुख्य कारण यहाँ जलवायु पर समुद्री धाराओं का विशेष प्रभाव है। इस भाग में कोष्ण महासागरीय धारा गल्फस्ट्रीम तथा उत्तरी अटलांटिक महासागरीय ड्रिफ्ट की उपस्थिति से उत्तरी अन्ध महासागर अधिक गर्म हो जाता है जो यूरेशिया के मैदानी भागों के तापमान में परिवर्तन कर देता है। इसलिए साइबेरिया के मैदानी भाग जो अन्ध महासागर के अधिक निकट हैं वहाँ वार्षिक तापान्तर अधिक पाया जाता है।

Question - 10 : - अक्षांश और पृथ्वी के अक्ष का झुकाव किस प्रकार पृथ्वी की सतह पर प्राप्त होने वाली विकिरण की मात्रा को प्रभावित करते हैं?

Answer - 10 : - पृथ्वी पर सूर्यातप की प्राप्ति अक्षांश और पृथ्वी के अक्ष के झुकाव द्वारा निर्धारित होती है। पृथ्वी का अक्ष सूर्य के चारों ओर परिक्रमण की समतल कक्षा से का कोण बनाता है, इसके कारण सभी अक्षांशों पर सूर्य की किरणों का नति कोण समान नहीं होता है। यह कोण उच्च अक्षांशों अर्थात् ध्रुवों पर कम होता है तथा निम्न अक्षांशों अर्थात् भूमध्य रेखा पर अधिक होता है। यही कारण है कि भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर उत्तरी एवं दक्षिणी अक्षांशों पर तापमान कम होता जाता है, कि ध्रुवों पर सूर्य की किरणें तिरछी पड़ने से वह अधिक क्षेत्र परे फैलती हैं; अतः इन किरणों को पृथ्वी का अधिक स्थान घेरना पड़ता है, इसलिए कम ताप की प्राप्ति होती है जबकि भूमध्यरेखा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। इन किरणों का घनत्व कम क्षेत्र को अधिक तापमान प्रदान करता है। अतः पृथ्वी का गोलाकार स्वरूप, उसका अपने अक्ष पर झुकाव और अक्षांश ऐसे तथ्य हैं जो पृथ्वी की सतह पर प्राप्त होने वाली विकिरणों की मात्रा से प्रभावित होते हैं और पृथ्वी के तापमान वितरण में असमानता उत्पन्न करते हैं।

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