Chapter 3 वैद्युत रसायन (Electro Chemistry) Solutions
Question - 1 : - निकाय Mg2+ |Mg का मानक इलेक्ट्रोड विभव आप किस प्रकार ज्ञात करेंगे?
Answer - 1 : - निकाय Mg2+ |Mg का मानक इलेक्ट्रोड विभव ज्ञात करने के लिए एक सेल स्थापित करते हैं। जिसमें एक इलेक्ट्रोड Mg | MgSO4 (1M),एक मैग्नीशियम के तार को 1M MgSO4 विलयन में डुबोकर व्यवस्थित करते हैं तथा मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड Pt, H2 (1atm) | H+ (1M) को दूसरे इलेक्ट्रोड की भाँति व्यवस्थित करते हैं (चित्र-1)।
सेल का विद्युत वाहक बल मापते हैं तथा वोल्टमीटर में विक्षेप की दिशा को भी नोट करते हैं। विक्षेप की दिशा प्रदर्शित करती है कि इलेक्ट्रॉनों को प्रवाह मैग्नीशियम इलेक्ट्रोड से हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड की ओर है। अर्थात् मैग्नीशियम इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण तथा हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड पर अपचयन होता है। अत: सेल को निम्नवत् व्यक्त किया जा सकता है –
Question - 2 : - क्या आप एक जिंक के पात्र में कॉपर सल्फेट का विलयन रख सकते हैं?
Answer - 2 : -
अब हम यह जाँच करेंगे कि निम्नलिखित अभिक्रिया होगी अथवा नहीं।
Zn(s)+ CuSO4(aq) → ZnSO4(aq) + Cu(s)
सेल को इस प्रकार प्रदर्शित किया जा सकता है –
Zn | Zn2+ || Cu2+ | Cu
= 0.34 V – (- 0.76V) = 1.1 V
चूंकि E–cell धनात्मक है, अत: अभिक्रिया होगी तथा इस कारण हम जिंक के पात्र में कॉपर सल्फेट नहीं रख सकते हैं।
Question - 3 : - मानक इलेक्ट्रोड विभव की तालिका का निरीक्षण कर तीन ऐसे पदार्थ बताइए जो अनुकूल परिस्थितियों में फेरस आयनों को ऑक्सीकृत कर सकते हैं।
Answer - 3 : -
फेरस आयनों के ऑक्सीकरण का अर्थ है –
Fe2+ → Fe3+ + e– ; E– =-0.77 V
केवल वे पदार्थ Fe2+ को Fe3+ में ऑक्सीकृत कर सकते हैं जो प्रबल ऑक्सीकारक हों तथा जिनका धनात्मक अपचायक विभव 0.77 V से अधिक हो जिससे सेल अभिक्रिया का विद्युत वाहक बल धनात्मक प्राप्त हो सके। यह स्थिति उन तत्वों पर लागू हो सकती है जो विद्युत-रासायनिक श्रेणी में Fe3+ |Fe2+ से नीचे स्थित हैं; उदाहरणार्थ- Br, Cl तथा I.
Question - 4 : - pH = 10 के विलयन के सम्पर्क वाले हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के विभव का परिकलन कीजिए।
Answer - 4 : - हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड के लिए,
H+ + e– → 1/2 H2
नेर्नुस्ट समीकरण से,
Question - 5 : - एक सेल के emf का परिकलन कीजिए जिसमें निम्नलिखित अभिक्रिया होती है। दिया गया है: E–cell =1.05 V
Ni(s) + 2Ag+ (0.002M) → Ni2+ (0.160M) + 2Ag(s)
Answer - 5 : - दी गई सेल अभिक्रिया के लिए नेस्ट समीकरण से,
Question - 6 : - एक सेल जिसमें निम्नलिखित अभिक्रिया होती है –
2Fe3+ (aq) + 2I– (aq) → 2Fe2+ (aq)+ I(s)
का 298K ताप पर E–cell =0.236 V है। सेल अभिक्रिया की मानक गिब्ज ऊर्जा एवं साम्य स्थिरांक का परिकलन कीजिए।
Answer - 6 : - 2Fe3+ + 2e– → 2Fe2+
2I– → I2 + 2e–
अतः दी गई सेल अभिक्रिया के लिए, n = 2
ΔrG– = – nFE–cell
= – 2 x 96500 x 0.236 J
= -45.55 kJ mol-1
ΔrG– = -2.303 RT log KC
= 7.983
KC = Antilog (7.983) = 9.616 x 107
Question - 7 : - किसी विलयन की चालकता तनुता के साथ क्यों घटती है?
Answer - 7 : - विलयन की चालकता, विलयन के एकांक आयतन में उपस्थित आयनों की चालकता होती है। तनुकरण पर प्रति एकांक आयतन आयनों की संख्या घटती है, अत: चालकता भी घट जाती है।
Question - 8 : - जल की Δºm ज्ञात करने का एक तरीका बताइए।
Answer - 8 : -
अनन्त तनुता पर जल की सीमान्त मोलर चालकता (Δºm), अनन्त तनुता पर सोडियम हाइड्रॉक्साइड, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल तथा सोडियम क्लोराइड (जिसमें सभी प्रबल विद्युत-अपघट्य हैं) की मोलर चालकताएँ ज्ञात होने पर निम्न प्रकार प्राप्त की जा सकती है –
Δºm (H2O ) = Δºm (NaOH) + Δºm HCl – Δºm (NaCl)
Question - 9 : - 0.025 mol L-1 मेथेनोइक अम्ल की चालकता 46.1 S cm2 mol-1 है। इसकी वियोजन की मात्रा एवं वियोजन स्थिरांक का परिकलन कीजिए। दिया गया है कि
λ°(H+) = 349.6S cm mol-1 एवं
λ°(HCOO-) = 54.6 S cm mol-1.
Answer - 9 : -
Question - 10 : - यदि एक धात्विक तार में 0.5 ऐम्पियर की धारा 2 घंटों के लिए प्रवाहित होती है तो तार में से कितने इलेक्ट्रॉन प्रवाहित होंगे?
Answer - 10 : -
Q (कूलॉम) = i (ऐम्पियर) × t (सेकण्ड)
= (0.5 ऐम्पियर) × (2 × 60 x 60 s) = 3600 C
96500 C का प्रवाह 1 मोल इलेक्ट्रॉन अर्थात् 6.02 x 1023 इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के तुल्य होता है।
3600 C के तुल्य इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह =
= 2246 x 1022 इलेक्ट्रॉन