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Chapter 11 द्रव्य के तापीय गुण (Thermal Properties of Matter) Solutions

Question - 1 : -
निऑन तथा Co2 के त्रिक बिन्दु क्रमशः 24.57 K तथा 216.55 K हैं। इन तापों को सेल्सियस तथा फारेनहाइट मापक्रमों में व्यक्त कीजिए।

Answer - 1 : - यहाँ TNe =24.57 K तथा TCO2 =216.55 K
परन्तु (t+ 273.15) = T t =(T – 273.15)°C
tNe =TNe –273.15 = (24.57 – 279.15)°C = -248.58°C
t
Co2 =TCo2 -273.15= (216.55 – 273.15) = -56.6°C

Question - 2 : -
दो परम ताप मापक्रमों A तथा B पर जल के त्रिक बिन्दु को 200A तथा 350B द्वारा परिभाषित किया गया है। TA तथा TB में क्या सम्बन्ध है?

Answer - 2 : - दिया है कि दोनों परम ताप मापक्रम हैं अर्थात् दोनों का शून्य, परम शून्य ताप से सम्पाती है। प्रश्नानुसार प्रथम पैमाने पर परम शून्य से जल के त्रिक बिन्दु (ताप 273.15K) तक के ताप को 200 भागों में तथा दूसरे पैमाने पर 350 भागों में विभाजित किया गया है।
अतः 200A – 0A = 350B –0B = 273.16 K – 0k
या 200A = 350B = 273.16K

Question - 3 : -

किसी तापमापी का ओम में विद्युत प्रतिरोध ताप के साथ निम्नलिखित सन्निकट नियम के अनुसार परिवर्तित होता है R = R0 [1+ α (T -T0)] यदि तापमापी का जल के त्रिक बिन्दु 273,16K पर प्रतिरोध 1016.Ω तथा लैड के सामान्य संगलन बिन्दु (600.5K) पर प्रतिरोध 165.5Ω है तो वह ताप ज्ञात कीजिए जिस पर तापमापी का प्रतिरोध 123.4Ω है।

Answer - 3 : - यहाँ T1 = 273.16 K पर R1 = 101.6 Ω
T2 = 600.5 K
पर R2 = 165.5 Ω
माना T3 =? पर R3 = 123.4 Ω

Question - 4 : -
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए :
(a) आधुनिक तापमिति में जल का त्रिक बिन्दु एक मानक नियत बिन्दु है, क्यों? हिम के गलनांक तथा जल के क्वथनांक को मानक नियत-बिन्दु मानने में (जैसा कि मूल सेल्सियस मापक्रम में किया गया था।) क्या दोष है?
(b) जैसा कि ऊपर वर्णन किया जा चुका है कि मूल सेल्सियस मापक्रम में दो नियत बिन्द थे। जिनको क्रमशः 0°C तथा 100°C संख्याएँ निर्धारित की गई थीं। परम ताप मापक्रम पर दो में से एक नियत बिन्दु जल का त्रिक बिन्दु लिया गया है जिसे केल्विन परम ताप मापक्रम पर संख्या 273.16 K निर्धारित की गई है। इस मापक्रम (केल्विन परम ताप)
पर अन्य नियत बिन्दु क्या है?
(c) परम ताप (केल्विन मापक्रम) T तथा सेल्सियस मापक्रम पर ताप t¢ में सम्बन्ध इस प्रकार है:
tc =T -273.15
इस सम्बन्ध में हमने 273.15 लिखा है 273.16 क्यों नहीं लिखा?
(d) उस.परमताप मापक्रम पर, जिसके एकांक अन्तराल का आमाप फारेनहाइट के एकांक अन्तराल की आमाप के बराबर है, जल के त्रिक बिन्दु का ताप क्या होगा?

Answer - 4 : -

(a) क्योकि जल का त्रिक बिन्दु एक अद्वितीय बिन्दु है,जिसके संगत ताप 273.16 K अद्वितीय है, जबकि हिम का गलनांक तथा जल का क्वथनांक नियत नहीं है ये दाब परिवर्तित करने पर बदल जाते हैं।
(b)
केल्विन मापक्रम पर अन्य नियत बिन्दु, परम शून्य ताप है जिस पर सभी गैसों का दाब शून्य हो जाता है

(c) सेल्सियस पैमाने पर 0°C, सामान्य दाब पर बर्फ का गलनांक है जिसके संगत केल्विन ताप 273.15 K है कि 273.15 K इस प्रकार प्रत्येक परम ताप, संगत सेल्सियस ताप से 273.15 K ऊँचा है इसीलिए उक्त सम्बन्ध में 273.15 का प्रयोग किया गया है।

(d) हम जानते हैं कि 32°F = 273.15 K तथा 212°F = 273.15 K
212°F – 32°F = (373.15 – 273.15) K या 180°F = 100 K

Question - 5 : -
दो आदर्श गैस तापमापियों A तथा B में क्रमशः ऑक्सीजन तथा हाइड्रोजन प्रयोग की गई है। इनके प्रेक्षण निम्नलिखित हैं:

(a) तापमापियों A तथा B के द्वारा लिए गए पाठ्यांकों के अनुसार सल्फर के सामान्य गलनांक के परमताप क्या हैं?
(b) आपके विचार से तापमापियों A तथा B के उत्तरों में थोड़ा अन्तर होने का क्या कारण है? (दोनों तापमापियों में कोई दोष नहीं है)। दो पाठ्यांकों के बीच की विसंगति को कम करने के लिए इस प्रयोग में और क्या प्रावधान आवश्यक हैं?

Answer - 5 : -

(a) तापमापी A के लिए।

(b) दोनों तापमापियों के पाठ्यांकों में अन्तर इसलिए है क्योंकि प्रयोग की गई गैसें आदर्श नहीं हैं। विसंगति को दूर करने के लिए पाठ्यांक कम दाब पर लेने चाहिए जिससे कि गैसें आदर्श गैस की भाँति व्यवहार करें।

Question - 6 : -

किसी 1 m लम्बे स्टील के फीते का यथार्थ अंशांकन 27.0°C पर किया गया है। किसी तप्त दिन जब ताप 45°C था तब इस फीते से किसी स्टील की छड़ की लम्बाई 63.0 cm मापी गई। उस दिन स्टील की छड़ की वास्तविक लम्बाई क्या थी? जिस दिन ताप 27.0°C होगा उस दिन इसी छड़ की लम्बाई क्या होगी? स्टील का रेखीय प्रसार गुणांक = 1.20 x 10-5 K-1.

Answer - 6 : -

जब ताप 27°C से बढ़कर45°C हो जाती है तो तापमें वृद्धि ΔT = (45-27)°C ≡ 18K; माना 27°C पर अंशांकित स्टीलके फीते पर इस तापवृद्धि के कारण इसकीl1 =1 सेमी लम्बाई बढ़कर l2, हो जाती हैतो

अतः यदि स्टील काफीता 45°Cपर 1 सेमी मापता है तो छड़की वास्तविक लम्बाई 1.000216 सेमी होगी। परन्तु यहाँ 45°C परं यह 63 सेमी मापताहै। अत: स्टील छड़ की वास्तविक लम्बाई
= 63 x 1.000216
सेमी= 63.0136 सेमी
जिस दिन ताप 27°C होगा उसदिन स्टील फीते पर 1 सेमी चिह्न की वास्तविक लम्बाई 1 सेमीही होगी चूंकि यह फीता इसीताप पर अंशांकित कियागया है। अत: 27°C पर छड़की वास्तविक लम्बाई = 63.0 x 1 सेमी = 63.0 सेमी ही होगी।

Question - 7 : -
किसी बड़े स्टील के पहिए को उसी पदार्थ की किसी धुरी पर ठीक बैठाना है। 27°C पर धुरी का बाहरी व्यास 8.70 cm तथा पहिए के केन्द्रीय छिद्र का व्यास 8.69 cm है। सूखी बर्फ (ठोस Co2) द्वारा धुरी को ठण्डा किया गया है। धुरी के किस ताप पर पहिया धुरी पर चढ़ेगा? यह मानिए कि आवश्यक ताप परिसर में स्टील का रैखिक प्रसार गुणांक नियत रहता है। αस्टील = 1.20 x 10-5 K-1.

Answer - 7 : - T1 = 27°C = (27 + 273) K =300K पर धुरी का व्यास D1 = 8.70 सेमी।
माना धुरी को T2K तक ठण्डा किया गया है ताकि इसका व्यास सिकुड़कर पहिए के केन्द्रीय छिद्र के व्यास D2 = 8.69 सेमी के बराबर हो जाये जिससे कि पहिया धुरी पर चढ़ सके।

Question - 8 : -

ताँबे की चादर में एक छिद्र किया गया है। 27.0°C पर छिद्र का व्यास 4.24 cm है। इस धातु की चादर को 227°C तक तप्त करने पर छिद्र के व्यास में क्या परिवर्तन होगा? ताँबे का रेखीय प्रसार गुणांक = 1.70 x 10-5K-1.

Answer - 8 : -



Question - 9 : -

27°C पर 1.8 cm लम्बे किसी ताँबे के तार को दो दृढ़ टेकों के बीच अल्प तनाव रखकर थोड़ा कसा गया है। यदि तार को -39°C ताप तक शीतित करें तो तार में कितना तनाव उत्पन्न हो जाएगा? तार का व्यास 2.0 mm है। पीतल को रेखीय प्रसार गुणांक = 2.0 x 10-5 k-1, पीतल का यंग प्रत्यास्थता गुणांक = 0.91 x 1011Pa,

Answer - 9 : - दिया है : T1 = 27°C, T2 = -39°C,
ताप परिवर्तन ∆T = [27 -(-39)] = 66°C या 66 K, तार (UPBoardSolutions.com)की लम्बाई L = 1.8 cm
तार का व्यास 2r = 2.0 mm
त्रिज्या r = 1.0 x 10-3m

Question - 10 : -

50cm लम्बी तथा 3.0mm व्यास की किसी पीतल की छड़ को उसी लम्बाई तथा व्यास की किसी स्टील की छड़ से जोड़ा गया है। यदि ये मूल लम्बाइयाँ 40°C पर हैं तो 250°C पर संयुक्त छड़ की लम्बाई में क्या परिवर्तन होगा? क्या सन्धि पर कोई तापीय प्रतिबल उत्पन्न होगा? छड़ के सिरों को प्रसार के लिए मुक्त रखा गया है। (पीतल तथा स्टील के रेखीय प्रसार गुणांक क्रमशः 2.0 x 10-5 k-1 तथा 1.2x 10-5 x k-1 हैं।)

Answer - 10 : -

प्रत्येक छड़ का तापT1 = 40°C परलम्बाई L1 =50 सेमी
संयुक्त छड़ का अन्तिम तापT2 = 250°C
अतः प्रत्येक छड़ के तापमें वृद्धि
∆T = T2 – T1 = (250 -40)°C = 210°C = 210K
(
सेल्सियस तथाकेल्विन पैमाने पर 1 डिग्री को आकार बराबरहोता है)
पीतलकी छड़ की लम्बाई मेंवृद्धि
(∆L)
पीतल =L1• α.पीतल x ∆T
= 50
सेमी x2.0x 10-5 K-1 x 210K
= 0.21
सेमी स्टील की छड़ कीलम्बाई में वृद्धि (∆L)स्टील = L1 x 0.स्टील x ∆T
= 50
सेमी x1.2 x 10-5 K-1 x 210K
= 0.126
सेमी≈ 0.13 सेमी
संयुक्त छड़की लम्बाई में वृद्धि
= (∆L)
पीतल+ (∆L)स्टील
= 0.21
सेमी+ 0.13 सेमी
= 0.34
सेमी
चूँकि छड़ों के सिरों कोप्रसार के लिए मुक्तरखा गया है, अत:संधि पर कोई तापीयप्रतिबल उत्पन्न नहीं होगा।

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