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Chapter 3 खनिज और शक्ति संसाधन Solutions

Question - 1 : -
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(i) प्रतिदिन आपके उपयोग में आने वाले तीन सामान्य खनिजों के नाम बताइए।
(ii) अयस्क क्या है? धात्विक खनिजों के अयस्क सामान्यतः कहाँ पाए जाते हैं?
(iii) प्राकृतिक गैस संसाधनों में संपन्न दो प्रदेशों के नाम बताइए।
(iv) निम्न के लिए आप ऊर्जा के किन स्रोतों का सुझाव देंगे
(v) पाँच तरीके दीजिए जिनसे कि आप घर पर ऊर्जा बचा सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों 
तटीय क्षेत्रों 
शुष्क प्रदेशों 
(v) पाँच तरीके दीजिए जिनसे कि आप घर पर ऊर्जा बचा सकते हैं।

Answer - 1 : -

प्रतिदिन उपयोग में आने वाले सामान्य खीनज हैं-
(i) 
लोहा 
नमक 
ग्रेफाइट 
(ii) जिन शैलों से खनिजों का खनन किया जाता है वे शैल अयस्क कहलाती हैं। धात्विक खनिजों के अयस्क सामान्यतः आग्नेय और कायांतरित शैलों में पाए जाते हैं।
(iii) प्राकृतिक गैस संसाधन से संपन्न दो प्रदेश हैं।
जैसलमेर (राजस्थान) 
मुंबई (महाराष्ट्र) 
(iv)
बायोगैस 
ज्वारीय ऊर्जा एवं पवन ऊर्जा 
पवन ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा 
(v) घर पर ऊर्जा की बचत के तरीके-
बिजली उपकरणों को आवश्यकता न होने पर बंद कर देना।। 
सब्जी प्रेशर कुकर में पकाना।। 
सी.एफ.एल. बल्ब व ट्यूब का प्रयोग करना। 
खिड़कियों को खुली रखकर प्राकृतिक हवा और प्रकाश को अधिकतम प्रयोग करना। 
गैस जलाने से पहले सब्जियाँ काटकर व धोकर तैयार रखना। 

Question - 2 : -
सही उत्तर को चिह्नित कीजिए
(i) निम्नलिखित में से कौन-सी एक खनिजों की विशेषता नहीं है?
(क) वे प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा निर्मित होते हैं।
(ख) उनका एक निश्चित रासायनिक संघटन होता है।
(ग) वे असमाप्य होते हैं।
(घ) उनका वितरण असमान होता है।

(ii) निम्नलिखित में से कौन-सी अभ्रक का उत्पादक नहीं है?
(क) झारखंड
(ख) राजस्थान
(ग) कर्नाटक
(घ) आंध्र प्रदेश

(iii) निम्नलिखित में से कौन विश्व में ताँबे का अग्रणी उत्पादक है?
(क) बोलीविया
(ख) चिली
(ग) घाना
(घ) जिंबाब्वे

(iv) निम्नलिखित प्रक्रियाओं में से कौन-सी आपके रसोईघर में द्रवित पेट्रोलियम गैस (एल.पी.जी.) को संरक्षित नहीं करेगी-
(क) पकाने से पहले दाल को कुछ समय के लिए भिगोना।
(ख) प्रेशर कुकर में खाना पकाना।
(ग) पकाने के लिए गैस जलाने से पूर्व सब्जी को काट लेना।
(घ) खुली कढ़ाई में कम ज्वाला पर भोजन पकाना।

Answer - 2 : -

(i) (ग) वे असमाप्य होते हैं।
(ii)  (ग) कर्नाटक
(iii) (ख) चिली
(iv) (घ) खुली कढ़ाई में कम ज्वाला पर भोजन पकाना।

Question - 3 : -
कारण बताइए-
(i) बड़े बाँधों के निर्माण के पूर्व पर्यावरणीय पहलुओं को ध्यानपूर्वक देखना चाहिए।
(ii) अधिकांश उद्योग कोयला खानों के पास केंद्रित होते हैं।
(iii) पेट्रोलियम को ‘काला सोना’ कहा जाता है।
(iv) आखनन पर्यावरणीय चिंता का विषय हो सकता है।

Answer - 3 : -

कारण-
(i)
बड़े पैमाने पर वनों को काटा जाता है। 
बहुत बड़ा क्षेत्र जलमग्न हो जाता है। 
स्थानीय स्तर पर भूकंप, भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है। 
(ii)
कोयला शक्ति के साधन के रूप में उद्योगों की माँग पूरी करता है। 
कोयला एक भारी खनिज ईंधन है जिसे दूर क्षेत्रों में ढोने से खर्च और समय बढ़ जाता है। 
(iii) पेट्रोलियम और इससे बने उत्पादों के महत्त्व तथा अधिक मूल्यवान होने कारण ही इसे काला सोना कहा जाता है।
(iv) आखनन खुले गर्तवाली खनन क्रिया जिससे धूल बड़े स्तर पर पर्यावरण में फैलती है जिससे प्रदूषण होता है।

Question - 4 : -
निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए-
(i) परंपरागत और गैर-परंपरागत ऊर्जा के स्रोत
(ii) बायो गैस और प्राकृतिक गैस
(iii) लौह और अलौह खनिज
(iv) धात्विक और अधात्विक खनिज

Answer - 4 : -

अंतर-
(i) परंपरागत और गैर-परंपरागत ऊर्जा के स्रोत
1. परंपरागत ऊर्जा के स्रोत 
जिन स्रोतों का उपयोग मनुष्य अपनी ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए लंबे
समय से करता चला आ रहा है। 
इन स्रोतों का भंडार सीमित है तथा ये अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत हैं। 
इन ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से प्रदूषण होता है। 
कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि परंपरागत ऊर्जा स्रोत के उदाहरण हैं। 
2. गैर-परंपरागत ऊर्जा के स्त्रोत 
जिन स्रोतों का उपयोग मनुष्य अपनी ऊर्जा की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए परंपरागत ऊर्जा स्रोतों के विकल्प के रूप में करने लगा है। 
इन स्रोतों का भंडार सीमित नहीं है और ये नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत हैं। 
इन ऊर्जा स्रोतों के उपयोग से प्रदूषण नहीं फैलता है। 
सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा गैर-परंपरागत ऊर्जा स्रोत के उदाहरण हैं। 

(ii) बायोगैस और प्राकृतिक गैस-
1. बायोगैस 
यह मानव निर्मित संसाधन है। 
यह जैविक अपशिष्ट जैसे मृत पौधे और जंतुओं के अवशेष,पशुओं का गोबर आदि से तैयार की जाती है। 
इसका उपयोग खाना पकाने तथा बल्ब जलाने आदि में घरेलू जरूरतों के लिए किया जाता है। 
इसके प्लांट ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लगाए गए हैं। ( 
2. प्राकृतिक गैस- 
यह प्राकृतिक संसाधन है। 
यह पेट्रोलियम निक्षेपों के साथ पायी जाती है। 
इसका उपयोग घरेलू और वाणिज्यिक ईंधनों के रूप में किया जाता है। 
भारत में प्राकृतिक गैस जैसलमेर, कृष्णा-गोदावरी डेल्टा, त्रिपुरा और मुंबई के अपतटीय क्षेत्रों में पायी जाती है। 

(iii) लौह और अलौह खनिज-
1. लौह खनिज- 
जिन धात्विक खनिजों में लौह अंश पाया जाता है, उन्हें लौह खनिज कहते हैं। 
लौह-अयस्क, मैंगनीज, क्रोमाइट इत्यादि लौह खनिज के उदाहरण हैं। 
2. अलौह खनिज 
जिन धात्विक खनिजों में लौह अंश नहीं पाया जाता है। 
सोना, चाँदी, ताँबा, आदि अलौह खनिज के उदाहरण हैं। 

(iv) धात्विक और अधात्विक खनिजे
1. धात्विक खनिज 
जिन खनिजों से धातु प्राप्त होती है। 
इनको पीटकर पतली कादरों के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है। 
इनमें चमक होती है। 
लौह-अयस्क, मैंगनीज, क्रोमाइट, सोना, चाँदी इत्यादि धात्विक खनिज के उदाहरण हैं। 
2. अधात्विक खनिज 
जिन खनिजों से धातु प्राप्त नहीं होती है। 
ये पीटने पर टूट जाते हैं। 
इनमें चमक नहीं होती है। 
संगमरमर, कोयला, अभ्रक, पेट्रोलियम इत्यादि अधात्विक खनिजों के उदाहरण हैं। 

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