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Chapter 12 कंचा Solutions

Question - 1 : -
कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब क्या होता है?

Answer - 1 : -

कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं तो उसे लगता है कि जैसे कंचों का जार बड़ा होकर आसमान-सा बड़ा हो गया और वह उसके भीतर चला गया। वह अकेला ही कंचे चारों ओर बिखेरता हुआ मजे से खेल रहा था। हरी लकीर वाले सफ़ेद गोल कंचे उसके दिमाग में पूरी तरह छा गए। मास्टर जी कक्षा में ‘रेलगाड़ी’ का पाठ पढ़ा रहे थे लेकिन उसका ध्यान पढ़ाई में न था। वह तो केवल कंचों के बारे में सोच रहा था इसके लिए उसने मास्टर जी से डाँट भी खाई।

Question - 2 : -
दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू की क्या स्थिति है? वे दोनों उसको देखकर पहले परेशान होते हैं, फिर हँसते हैं। कारण बताइए।

Answer - 2 : -

दुकानदार व ड्राइवर के सामने अप्पू एक छोटा बालक है जो अपनी दुनिया में मस्त है। दुकानदार अप्पू से परेशान था, क्योंकि वह उसकी दुकान में खड़ा कंचों को देखे जा रहा था, लेकिन खरीद नहीं रहा। दुकानदार उसकी हरकतों से परेशान था क्योंकि उसे चिंता हुई कि उसका ज़ार गिराकर तोड़ न डालें। बाद में जब अप्पू ने कंचे खरीदे तो वह हँस पड़ता। ऐसे ही जब अप्पू के कंचे सड़क पर बिखर जाते हैं, तो तेज़ रफ्तार से आती कार का ड्राइवर यह देखकर परेशान हो जाता है। कि दुर्घटना की परवाह किए बिना सड़क पर कंचे बन रहा है लेकिन जैसे ही अप्पू उसे इशारा करके अपना कंचा दिखाता है तो वह उसकी बचपन की शरारत समझने लगता है और हँसने लगता है।

Question - 3 : -
‘मास्टर जी की आवाज़ अब कम ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे।’ मास्टर जी की आवाज़ धीमी क्यों हो गई होगी? लिखिए।

Answer - 3 : -

जब मास्टर जी ने रेलगाड़ी पाठ पढ़ाना शुरू किया तो उनकी आवाज़ ऊँची थी क्योंकि वे सभी बच्चों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाहते थे ताकि वे ध्यानपूर्वक पाठ को सुन सकें। जब पाठ शुरू हो गया बच्चे एकाग्रचित्त होकर उनकी बातें सुनने लगे तो उनकी आवाज़ धीमी हो गई।

Question - 4 : -
कंचे, गिल्ली-डंडा, गेंदतड़ी (पिट्ठ) जैसे गली-मोहल्लों के कई खेल ऐसे हैं जो बच्चों में बहुत लोकप्रिय हैं। आपके इलाके में ऐसे कौन-कौन से खेल खेले जाते हैं? उनकी एक सूची बनाइए।

Answer - 4 : -

हमारे इलाके में क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबॉल, वालीबॉल, खो-खो आदि अधिक खेले जाते हैं।

Question - 5 : -
किसी एक खेल को खेले जाने की विधि को अपने शब्दों में लिखिए।

Answer - 5 : -

क्रिकेट आज कल हमारे देश में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। क्रिकेट का मैच दो टीमें खेलती हैं। दोनों टीमों में ग्यारह ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। एक टीम बल्लेबाजी करती है और दूसरी टीम गेंदबाजी व क्षेत्ररक्षण। निर्णायक अंपायर कहलाते हैं, जिनका फैसला सर्वोपरि माना जाता है। एक दिवसीय मैच में 50 ओवरों का खेल होता है, जबकि ट्वेंटी-ट्वेंटी में बीस-बीस ओवरों का खेल होता है। इन मैचों के दौरान जो टीम सबसे ज्यादा रन निर्धारित ओवरों के अंतर्गत बनाती है। उसे विजयी टीम घोषित किया जाता है। एक ओवरों में सामान्यतः छह गेंदे फेंकी जाती हैं। इसके अलावा टेस्ट मैच पाँच दिवसीय होता है। इसमें पाँच दिनों में दोनों टीमें दो-दो पारी खेलती है और अगर दोनों टीमें दो पारियों में आऊट नहीं होती हैं तो वह मैच ड्रा घोषित किया जाता है। अगर कोई टीम दोनों पारियों में एक दूसरे को आऊट कर देते हैं, तो उसे विजयी घोषित किया जाता है। प्रत्येक टीम में ग्यारह खिलाड़ी होते हैं। इस प्रकार टीम के सभी खिलाड़ी अधिक से अधिक रन बनाने का प्रयास करते हैं।

Question - 6 : -
जब मास्टर जी अप्पू से सवाल पूछते हैं तो वह कौन-सी दुनिया में खोया हुआ था? क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी दिन क्लास में रहते हुए भी क्लास से गायब रहे हों? ऐसा क्यों हुआ और आप पर उस दिन क्या गुज़री? अपने अनुभव लिखिए।

Answer - 6 : -

हाँ, एक दिन मेरे साथ भी ऐसा हुआ। उस दिन मेरी माँ काफ़ी बीमार थी। मुझे स्कूल जाना पड़ा था। मेरा मन घर पर ही लगा था। जब मास्टर जी पाठ पढ़ा रहे तो मेरा पढ़ने में मन नहीं लग रहा था और मेरा मन माँ की बीमारियों के बारे में सोच-सोचकर दूसरी दुनिया में खोया रहता था। मैं मास्टर जी के द्वारा पूछे गए किसी भी सवालों का सही जवाब नहीं दे पाया। मुझे उस दिन कक्षा में शर्मिंदा होना पड़ा।

Question - 7 : -
आप कहानी को क्या शीर्षक देना चाहेंगे?

Answer - 7 : -

कंचों की दुनिया अथवा अप्पू और उसके कंचे।

Question - 8 : -
गुल्ली-डंडा और क्रिकेट में कुछ समानता है और कुछ अंतर। बताइए, कौन सी समानताएँ हैं और क्या-क्या अंतर हैं?

Answer - 8 : -

गुल्ली-डंडे व क्रिकेट के खेल की समानताएँ व असमानताएँ निम्न रूप से हैं

समानताएँ-

  1. दोनों खेल सहयोग पर आधारित हैं।
  2. दोनों में ही दो-दो टीमें होती हैं।
  3. दोनों में जीत के लिए निश्चित चिह्न हैं। क्रिकेट में रन व गुल्ली-डंडे में डंडे नापे जाते हैं।
  4. दोनों में खेलने के साधन दो हैं-क्रिकेट में बल्ला और गेंद व गुल्ली-डंडे में गुल्ली और डंडा।
  5. दोनों खुली जगह पर खेले जाते हैं।
असमानताएँ-

  1. गुल्ली-डंडा दो या दो से अधिक खिलाड़ियों में लेकिन क्रिकेट पूरे ग्यारह खिलाड़ियों में खेला जाता है।
  2. क्रिकेट के निर्णायक अंपायर होते हैं जबकि गुल्ली-डंडे के निर्णायक स्वयं खिलाड़ी ही बन जाते हैं।
  3. क्रिकेट अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त खेल बन चुका है जबकि गुल्ली-डंडा केवल गाँवों-मोहल्लों तक सीमित है।
  4. गुल्ली और डंडा दोनों लकड़ी के होते हैं लेकिन क्रिकेट में बल्ला लकड़ी का और गेंद चमड़े/रबड़ की होती है।

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