Chapter 5 तन्तु से वस्त्र तक Solutions
Question - 1 : - सही विकल्प को छाँटकर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिए (लिखकर) –
(क) ऊन प्राप्त नहीं होते हैं-
(i) भेड़ के बाल से
(ii) ऊँट के बाल से
(iii) याक के बाल से
(iv) लंगूर के बाल से
(ख) कृत्रिम रेशा है-
(i) रूई
(ii) जूट
(iii) नायलॉन
(iv) फ्लैक्स
(ग) कपास द्वारा निर्मित्त सामग्री है-
(i) डलिया
(ii) कागज
(iii) रस्सी
(iv) बोरा
(घ) एकल धागे से वस्त्र निर्माण की प्रक्रिया कहलाती है-
(i) रेटिंग
(ii) कताई
(iii) बुनाई
(iv) बंधाई
Answer - 1 : -
(क) (iv) लंगूर के बाल से
(ख) (iii) नायलॉन
(ग) (ii) कागज
(घ) (iv) बंधाई
Question - 2 : - निम्नलिखित कथनों में सही के सामने (✓) तथा गलत के सामने (✗) का चिहुन लगाइए-
(अ) धागों की बुनाई और बंधाई से वस्त्र बनाए जाते हैं।
(ब) तंतु धागों से मिलकर बनते हैं।
(स) जूट प्राप्त करने के लिए पटसन की फसल को पुष्पन अवस्था में काटते हैं।
(द) रेशम रेशम कीट के कोकूने से रेशम का धागा प्राप्त किया जाता है।
(य) कपास की खेती के लिए बलुई मिट्टी उपयुक्त होती है।
Answer - 2 : -
(अ) धागों की बुनाई और बंधाई से वस्त्र बनाए जाते हैं। (✓)
(ब) तंतु धागों से मिलकर बनते हैं। (✗)
(स) जूट प्राप्त करने के लिए पटसन की फसल को पुष्पन अवस्था में काटते हैं। (✓)
(द) रेशम रेशम कीट के कोकूने से रेशम का धागा प्राप्त किया जाता है। (✓)
(य) कपास की खेती के लिए बलुई मिट्टी उपयुक्त होती है। (✗)
Question - 3 : - रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-
(अ) पादप रेशे ____ और ____ हैं।
(ब) ऊन और ____ जन्तु रेशे हैं।
(स) कपास के बीज से ____ प्राप्त किया जाता है।
(द) ____ के तने से जूट के रेशे प्राप्त किए जाते हैं।
Answer - 3 : -
(अ) पादप रेशे कपास और जूट हैं।
(ब) ऊन और रेशम जन्तु रेशे हैं।
(स) कपास के बीज से तेल प्राप्त किया जाता है।
(द) पटसन के तने से जूट के रेशे प्राप्त किए जाते हैं।
Question - 4 : - निम्नलिखित के सही जोड़े बनाइए-
Answer - 4 : -
Question - 5 : - निम्नलिखित रेशों को पादप, जन्तु तथा संश्लेषित रेशों में बाँटिए-
( नायलॉन, जूट, ऊन, खई, रेशम, फ्लैक्स, पॉलिएस्टर
Answer - 5 : -
पादप रेशा – जूट, फ्लैक्स, रूई।
जन्तु रेशा – ऊन, रेशम ।
संश्लेषित रेशा – नायलॉन, पॉलिएस्टर
Question - 6 : - रूई तथा जूट पादप के किन भागों से प्राप्त होते हैं?
Answer - 6 : -
रूई (कपास) एक पादप रेशा है जिसे कपास पौधे के बीज (बिनौलों) से प्राप्त किया जाता है जबकि जूट एक पादप रेशा है जिसे पटसन पौधे (सनई) के तने से प्राप्त किया जाता है।
Question - 7 : - पटसन के तने से जूट के रेशे को किस प्रकार पृथक किया जाता है?
Answer - 7 : -
फसल की कटाई के पश्चात पटसन पादपों की शाखाओं व पत्तियों की सफाई करके तने को बंडलों में बाँधकर तालाब अथवा किसी स्थान पर रुके हुए जल में डुबोकर रखते हैं। 4-5 दिनों के बाद पौधों के मुलायम भाग गल जाते हैं और रेशे स्पष्ट दिखाई देने लगते हैं। यह क्रिया जल में पाये जाने वाले जीवाणुओं द्वारा होती है। यह प्रक्रिया पटसन की रेटिंग कहलाती है। गले हुए पटसन के तने को हाथों से झटका देकर पीटा जाता है। तत्पश्चातू जूट के तंतुओं को खींचकर निकाला जाता है।
Question - 8 : - रेशों से धागा बनाते समय इसकी कताई करना क्यों आवश्यक होता है?
Answer - 8 : -
कताई से रेशों की मजबूती बढ़ती है और उसे रील पर लपेटना संभव हो पाता है। इसी कारण रेखों से, धागा बनाते समय इसकी कताई करना आवश्यक है।
Question - 9 : - कपास से सूती वस्त्र बनाने में प्रयुक्त प्रक्रमों को क्रम में लिखिए?
Answer - 9 : -
तंतु/रेशा → धागा → कपड़ा → वस्त्र
तंतु या रेशों की कताई कर धागा बनाया जाता है। धागों की बुनाई कर कपड़ा बनाया जाता है। कपड़ों को सिलकर वस्त्र तैयार होता है।
Question - 10 : - कपास तथा जूट के रेशों के दो-दो उपयोग लिखिए?
Answer - 10 : -
कपास के उपयोग –
- कपास की रूई का उपयोग कर सूती कपड़े, चादर, पर्दे बनाने में किया जाता है।
- कपास से विभिन्न प्रकार के कागज बनाए जाते हैं।
जूट के उपयोग-
- जूट का उपयोग रस्सी, डलिया, बोरा, टाट-पटूटी, दरी आदि बनाने में किया जाता है।
- आजकल जूट से बनी सजावट की अनेक सामग्री भी मिलती है।