Chapter 10 मानव बस्ती (Human Settlements) Solutions
Question - 1 : - नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
(i) निम्न में से किस प्रकार की बस्तियाँ सड़क, नदी या नहर के किनारे होती हैं
(क) वृत्ताकार
(ख) चौक पट्टी
(ग) रेखीय
(घ) वर्गाकार।
(ii) निम्न में से कौन-सी एक आर्थिक क्रिया ग्रामीण बस्तियों की मुख्य आर्थिक क्रिया है-
(क) प्राथमिक
(ख) तृतीयक
(ग) द्वितीयक
(घ) चतुर्थ।
(iii) निम्न में से किस प्रदेश में प्रलेखित प्राचीनतम नगरीय बस्ती रही है
(क) ह्वांगहो की घाटी
(ख) सिन्धु घाटी
(ग) नील घाटी
(घ) मैसोपोटामिया।
(iv) 2006 के प्रारम्भ में भारत में कितने मिलियन सिटी थे
(क) 40
(ख) 41
(ग) 42
(घ) 43.
(v) विकासशील देशों की जनसंख्या के सामाजिक ढाँचे के विकास एवं आवश्यकताओं की पूर्ति में कौन-से प्रकार के संसाधन सहायक हैं
(क) वित्तीय
(ख) मानवीय
(ग) प्राकृतिक
(घ) सामाजिक।
Answer - 1 : -
(i) (ग) रेखीय।
(ii) (क) प्राथमिक।
(iii) (ख) सिन्धु घाटी।
(iv) (क) 40
(v) (घ) सामाजिक।
Question - 2 : - आप बस्ती को कैसे परिभाषित करेंगे?
Answer - 2 : -
बस्ती से अभिप्राय उस मानव अधिवास से है जिसमें एक से अधिक मकान होते हैं और जहाँ लोग सारा कार्य एक निर्मित क्षेत्र के भीतर ही करते हैं। ये सामान्यतया दो प्रकार की होती हैं
- ग्रामीण एवं
- नगरीय बस्तियाँ।
Question - 3 : - स्थान ( साइट) एवं स्थिति (सिचुएशन) के मध्य अन्तर बताइए।
Answer - 3 : -
स्थान (साइट) एवं स्थिति (सिचुएशन) के मध्य अन्तर
Question - 4 : - बस्तियों के वर्गीकरण के क्या आधार हैं?
Answer - 4 : -
बस्तियों के वर्गीकरण के आधार निम्नलिखित हैं
- जनसंख्या का आकार, तथा
- प्रकार्य अथवा आर्थिक आधार।
इन दो आधारों के अनुसार बस्तियाँ दो प्रकार की होती हैं
- ग्रामीण बस्तियाँ, एवं
- नगरीय बस्तियाँ।।
Question - 5 : - मानव भूगोल में मानव बस्तियों के अध्ययन का औचित्य बताएँ।
Answer - 5 : -
मानव बस्तियों का अध्ययन मानव भूगोल का आधार है इसलिए मानव भूगोल में बस्तियों का अध्ययन आवश्यक हो जाता है, क्योंकि किसी विशेष प्रदेश में बस्तियों का प्रारूप मनुष्य और पर्यावरण के सम्बन्धों को प्रदर्शित करता है। मानव बस्तियाँ वह स्थान हैं जहाँ मनुष्य स्थायी रूप से रहता है।
Question - 6 : - ग्रामीण एवं नगरीय बस्ती किसे कहते हैं? उनकी विशेषताएँ बताएँ।
Answer - 6 : -
ग्रामीण बस्ती-वे बस्तियाँ जो भूमि से सीधी तथा काफी नजदीकी से जुड़ी होती हैं, ‘ग्रामीण बस्तियाँ’ कहलाती हैं। इन बस्तियों के लोग मुख्यत: प्राथमिक व्यवसाय में लगे होते हैं।
ग्रामीण बस्ती की विशेषताएँ
- ग्रामीण बस्ती में लोग मुख्यत: कृषि तथा पशुपालन पर निर्भर करते हैं।
- इनका आकार छोटा होता है।
- इनमें आधुनिक सुविधाओं का अभाव होता है।
- इनमें जनसंख्या घनत्व काफी कम होता है।
- इन बस्तियों में मकान बिखरे हुए होते हैं।
नगरीय बस्ती – वे बस्तियाँ जो गैर-कृषिगत क्रियाकलापों जैसे उद्योग, व्यापार, परिवहन, प्रशासनिक तथा सामुदायिक सेवाओं सम्बन्धी कार्यों में लगी रहती हैं, ‘नगरीय बस्तियाँ’ कहलाती हैं।
नगरीय बस्ती की विशेषताएँ
- नगरीय बस्ती में लोगों का व्यवसाय निर्माण उद्योग, व्यापार तथा प्रशासन होता है।
- इनका आकार बड़ा होता है।
- नगरों में परिवहन, चिकित्सा, शिक्षा आदि सेवाओं की अधिक सुविधाएँ प्राप्त होती हैं।
- इनमें जनसंख्या घनत्व काफी अधिक होता है।
- इन बस्तियों में आवास पास-पास होते हैं।
Question - 7 : - विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याओं का विवेचन कीजिए।
Answer - 7 : -
विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की समस्याएँ विकासशील देशों में नगरीय बस्तियों की प्रमुख समस्याएँ निम्नलिखित हैं
1. मलिन बस्तियों में वृद्धि – बड़े नगरों का आकार मुख्यत: ग्रामीण जनसंख्या का नगरों की ओर प्रवास है। ये लोग रोजगार की तलाश में नगरों की ओर प्रस्थान करते हैं। नगर में अनियमित, अनियोजित तथा अनियन्त्रित रूप से मलिन बस्तियाँ बनने लगती हैं। बड़े नगरों में यह समस्या विशेष रूप से उत्पन्न हो जाती है।
2. नगरीय विस्तार – जैसे ही नगरों की जनसंख्या बढ़ती है वे चारों ओर बाहर की ओर फैलते हैं और कृषि योग्य भूमि का हरण करते हैं। वृहद् नगरों के आस-पास उपनगर बन जाते हैं। इस तरह नगर और अधिक विस्तृत हो जाते हैं।
3. सुगम यातायात की समस्या – नगरों में अनियमित बस्तियों के फैलाव से अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो गई हैं। इनमें से एक प्रमुख समस्या सुगम यातायात की समस्या भी है। नगरों में बढ़ती भीड़ को परिवहन की आवश्यकता होती है, जिससे यातायात प्रभावित हो जाता है।
4. प्रदूषण – नगरों के अनियमित तथा अनियोजित विकास से विभिन्न प्रकार के प्रदूषणों का विकास होता है।
5. अन्य समस्याएँ – उपर्युक्त समस्याओं के अलावा नगरीय बस्तियों में कुछ अन्य समस्याएँ भी पायी जाती हैं; जैसे-सीवर प्रणाली, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, बेरोजगारी, सामाजिक प्रदूषण आदि।