The Total solution for NCERT class 6-12
Answer - 1 : - (ख) 460 करोड़ वर्ष।
Answer - 2 : - (क) इओन (Eons)
Answer - 3 : - (क) सौर पवन।
Answer - 4 : - (ख) सूर्य व छुद्र ग्रहाके की पट्टी के बीच पाए जाने वाले ग्रह।
Answer - 5 : - (ख) 460 करोड़ वर्ष पहले।
Answer - 6 : -
Answer - 7 : - चैम्बरलेन वे मोल्टन की ग्रहाणु परिकल्पना कान्ट व लाप्लास की निहारिका परिकल्पना के विपरीत हैं। इनके अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति दो बड़े तारों सूर्य तथा उसके साथी तारे के सहयोग से हुई है। जबकि काण्ट व लाप्लास की परिकल्पना का आधार केवल एक तारा अर्थात् सूर्य है जिसके सहयोग से नीहारिका द्वारा पृथ्वी की उत्पत्ति हुई है। इसी कारण काण्ट एवं लाप्लास की परिकल्पना एकतारक तथा चैम्बरलेन व मोल्टन की परिकल्पना द्वैतारक परिकल्पना कहलाती है।
Answer - 8 : - पृथ्वी की उत्पत्ति में स्थलमण्डल निर्माण अवस्था के अन्तर्गत हल्के व भारी घनत्व वाले पदार्थों के पृथक् होने की प्रक्रिया विभेदन (Differentiation) कहलाती है। इस प्रक्रिया के अन्तर्गत भारी पदार्थ पृथ्वी के केन्द्र में चले गए और हल्के पदार्थ पृथ्वी की सतह पर ऊपरी भाग की तरफ आ गए। समय के साथ-साथ यह अधिक ठण्डे और ठोस होकर छोटे आकार में परिवर्तित हो गए। विभेदन की इसी प्रक्रिया के परिणामस्वरूप पृथ्वी का पदार्थ अनेक परतों में विभाजित हो गया तथा क्रोड तक कई परतों का निर्माण हुआ।
Answer - 9 : - प्रारम्भिक काल में पृथ्वी को धरातल चट्टानी एवं तप्त तथा। सम्पूर्ण पृथ्वी वीरान थी। यहाँ वायुमण्डल अत्यन्त विरल था जो हाइड्रोजन एवं हीलियम गैसों द्वारा बना था। पृथ्वी का यह वायुमण्डल आज के वायुमण्डल से बिल्कुल भिन्न था। लगभग आज से 460 करोड़ वर्ष पूर्व पृथ्वी एवं इसके वायुमण्डल में जीवन के अनुकूल परिवर्तन आए जिससे जीवन का विकास हुआ।
Answer - 10 : - पृथ्वी के वायुमण्डल को निर्मित करने वाली प्रारम्भिक गैसें हाइड्रोजन और हीलियम थीं।