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Chapter 16 नमक Solutions

Question - 1 : -
सफ़िया के भाई ने नमक की पुड़िया ले जाने से क्यों मना कर दिया?

Answer - 1 : -

सफ़िया का भाई एक बहुत बड़ा पुलिस अफ़सर था। वह कानून-कायदों से भली-भाँति परिचित था। वह जानता था कि लाहौरी नमक ले जाना सर्वथा गैरकानूनी है। यदि कोई व्यक्ति दूसरे देश में इसे ले जाए तो यह कानून के खिलाफ किया हुआ कार्य बन जाता है। इसलिए उसने अपनी सफ़िया को नमक की पुड़िया ले जाने से मना कर दिया। वह नहीं चाहता था कि उसकी बहन कस्टम कार्यों की जाँच में पकड़ी जाए।

Question - 2 : -
नमक की पुड़िया ले  जानेके संबंध  में सफ़िया के मन काद्वंद्व स्पष्ट कीजिए।

Answer - 2 : -

नमक की पुड़िया ले जाने के संबंध में सफ़िया के मन में यह द्वंद्व था कि वह नमक की पुड़िया को चोरी से छिपाकर ले जाए या कस्टम अधिकारियों को दिखाकर ले जाए। पहले वह इसे कीनुओं की टोकरी में सबसे नीचे रखकर कीनुओं से ढँक लेती है। फिर वह निर्णय करती है कि वह प्यार के इस तोहफ़े को चोरी से नहीं ले जाएगी। वह नमक की पुड़िया को कस्टम वालों को दिखाएगी।

Question - 3 : -
जब सफ़िया अमृतसर पुल पर चढ़ रही थी तो कस्टम आफिसर निचली सीढ़ी के पास सिर झुकाए चुपचाप क्यों खड़े थे?

Answer - 3 : -

कस्टम ऑफ़िसर जो कि बंगाली था उसे सफ़िया की संवेदनाएँ बहुत अच्छी लगीं। उसे महसूस हुआ कि कानून बाद में है। इंसानियत पहले। कानून को इंसानियत के आगे झुकना ही पड़ता है। सफ़िया की ईमानदारी और वायदे को देखकर कस्टम अधिकारी ने अपना सिर झुका लिया। उसे सफ़िया द्वारा किए गए कार्य पर नाज था। वह सिर झुकाकर अपनी श्रद्धा सफ़िया के प्रति व्यक्त करना चाहता था।

Question - 4 : -
लाहाँर अभी तक उनका वतन है और देहली सिर या येस वतन ढाका हे जैसे उदगार किम सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं?

Answer - 4 : -

ये कथन उस सामाजिक यथार्थ का संकेत करते हैं कि राजनीतिक तौर पर लोग भले ही विस्थापित हो जाते हों, परंतु भावनात्मक लगाव मातृभूमि से ही रहता है। राजनीतिक बँटवारे लोगों के दिलों को बाँट नहीं पाते। वे लोगों को अलग रहने पर मजबूर कर सकते हैं, परंतु उनका प्रेम अंतिम समय तक मातृभूमि से रहता ही है।

Question - 5 : -
नमक ले जाने के बारे में सफ़िया के मन में उठे द्वंद्व के आधार पर उसर्का चारित्रिक विशेषताओं को स्पष्ट र्काजिए 

Answer - 5 : -

नमक ले जाने की बात सोचकर सफ़िया द्वंद्वग्रस्त हो जाती है। उसके भाई ने जब उसे यह बताया कि नमक ले जाना गैरकानूनी है तो वह और अधिक परेशान हो जाती है। चूंकि वह आत्मविश्वास से भरी हुई है इसलिए वह मन में ठान लेती है कि नमक पाकर ही रहेगी। उसमें किसी भी प्रकार का दुराव या छिपाव नहीं है। वह देश प्रेमिका है। दूसरों की। भावनाओं का ख्याल वह रखती है, उसमें भावुकता है इसी कारण भाई जब नमक ले जाने से मना कर देता है तो वह रो देती है।

Question - 6 : -
” मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से ज़मीन और जानता बँट नहीं जाती हैं। ” -उक्ति तर्कों व उदाहरणों के जरिये इसकी पुष्टि करें।

Answer - 6 : -

मानचित्र पर एक लकीर खींच देने भर से जमीन और जनता बँट नहीं जाती है।-लेखिका का यह कथन पूर्णतया सत्य है। राजनीतिक कारणों से मानचित्र पर लकीर खींचकर देश को दो भागों में बँट दिया जाता है। इससे जमीन व जनता को अलग-अलग देश का लेवल मिल जाता है, परंतु यह कार्य जनता की भावनाओं को नहीं बाँट पाता। उनका मन अंत तक अपनी जन्मभूमि से जुड़ा रहता है। पुरानी यादें उन्हें हर समय घेरे रहती हैं। जैसे ही उन्हें मौका मिलता है, वे प्रत्यक्ष तौर पर उभरकर सामने आ जाती हैं। ‘नमक’ कहानी में भी सिख बीवी लाहौर को भुला नहीं पातीं और ‘नमक’ जैसी साधारण चीज वहाँ से लाने की बात कहती हैं। कस्टम अधिकारी नौकरी अलग देश में कर रहे हैं, परंतु अपना वतन जन्म-प्रदेश को ही मानते हैं। सभी का अपनी जन्म-स्थली के प्रति लगाव है।

Question - 7 : -
‘‘ नमक ” कहानी में भारत व पाक की जनता के आरोपित भेदभावों के बीच मुहब्बत का नमकीन स्वाद घुला हुआ हैं, केंस?

Answer - 7 : -

दोनों देशों को यद्यपि भूगोल ने विभाजित कर दिया है लेकिन लोगों में वही मुहब्बत अब भी समाई हुई है। यद्यपि यह आरोप लगाया जाता है कि इन देशों के बीच नफ़रत है लेकिन ऐसा नहीं है। इन दोनों के बीच रिश्ते मधुर और पवित्र हैं। इनमें मुहब्बत ही वह डोर है जो एक-दूसरे को बाँधे हुए है। मुहब्बत का नमकीन स्वाद इनके रिश्तों में घुला हुआ है। सिख बीबी, बंगाली अधिकारी और सफ़िया के माध्यम से कहानीकार ने इसी बात को सिद्ध किया है।

Question - 8 : -
क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरोंवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते?

Answer - 8 : -

सफ़िया का भाई पुलिस अफ़सर है। जब उसने लाहौर का नमक भारत ले जाने की बात अपने भाई को बताई तो उसने यह कार्य गैर-कानूनी बताया। उसने यह भी बताया कि पाकिस्तान और भारत के बीच नमक का व्यापार प्रतिबंधित है। तब लेखिका ने यह तर्क दिया कि क्या सब कानून हुकूमत के ही होते हैं, कुछ मुहब्बत, मुरौवत, आदमियत, इंसानियत के नहीं होते ?

Question - 9 : -
भावना के स्थान पर बुद्धि र्धारे-र्धारे उम पर हावी हो रही थी?

Answer - 9 : -

जब भावनाओं से काम नहीं चला तो सफ़िया ने दिमाग से काम लिया। उसने बुद्धि से नमक हिंदुस्तान ले जाने की युक्ति सोची। वह निडर हो गई और निर्णय लिया कि मैं नमक अवश्य ले जाऊँगी।

Question - 10 : -
मुहब्बत तो कस्टम से इस तरह गुजर जाती हैं कि कानून हैरान रह जाता है।

Answer - 10 : -

पाकिस्तानी कस्टम अधिकारी सफ़िया से कहता है कि मुहब्बत के सामने कस्टम वाले भी लाचार हैं। उनके सम्मुख कानून निष्प्रभावी हो जाते हैं। मुहब्बत कानून को धत्ता बताकर आगे चली जाती है। वह स्वयं नमक की पुड़िया को लेखिका के बैग में रखकर उपर्युक्त वाक्य कहता है।

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