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Chapter 4 पृथ्वी की गतियाँ Solutions

Question - 1 : - पृथ्वी के परिभ्रमण एवं परिक्रमण में अन्तर बताइए?

Answer - 1 : -

पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना (घूर्णन) पृथ्वी का परिभ्रमण (Rotation) कहलाता है। इसी प्रकार पृथ्वी द्वारा अपनी कक्षा में सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करना परिक्रमण (Revolution) कहलाता है।

Question - 2 : - उत्तर या दक्षिण अयनांतों में अन्तर बताइए।

Answer - 2 : -

जब उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर झुका होता है तब उत्तरी ध्रुव पर 6 महीने का दिन होता है। इस स्थिति को सूर्य का उत्तरायण होना या उत्तर अयनांत कहते हैं।

ठीक इसी प्रकार जब दक्षिणी गोलार्द्ध सूर्य की ओर झुका होता है तब दक्षिणी ध्रुव पर 6 महीने का दिन होता है। इस स्थिति को सूर्य का दक्षिणायन होना या दक्षिण अयनांत कहते हैं।

Question - 3 : - प्रदीप्ति वृत्त से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए?

Answer - 3 : -

पृथ्वी सूर्य से प्रकाश एवं ऊष्मा प्राप्त करती है। पृथ्वी का आकार लगभग गोल है। इसलिए एक समय में इसके आधे भाग में ही सूर्य का प्रकाश पड़ता है। सूर्य की ओर वाले भाग में दिन होता है तथा सूर्य के विपरीत भाग में रात होती है। पृथ्वी (ग्लोब) पर जो वृत्त दिन तथा रात को विभाजित करता है। उसे प्रकाश वृत्त या प्रदीप्ति वृत्त (Circle of illumination) कहते हैं।

Question - 4 : - पृथ्वी के घूर्णन गति के प्रभावों का विवरण दीजिए?

Answer - 4 : -

पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण-

  1. क्रमशः दिन और रात होते हैं।
  2. सूर्य चन्द्रमा आदि आकाशीय पिण्ड पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा की ओर गति करते हुए। प्रतीत होते हैं।

Question - 5 : - पृथ्वी के ताप कटिबन्धों का वर्णन कीजिए?

Answer - 5 : -

पृथ्वी के मुख्यतः तीन ताप कटिबंध हैं- उष्ण कटिबंध, शीतोष्ण कटिबंध और शीत कटिबंध। कर्क रेखा और मकर रेखा के बीच सभी अक्षांशों पर मध्याह्न का सूर्य वर्ष में कम से कम एक बार ठीक सिर के ऊपर होता है। इसलिए यह सूर्य से सर्वाधिक सूर्याताप प्राप्त करता है। अतः इसे उष्ण कटिबन्ध कहते हैं।

कर्क रेखा के उत्तर और मकर रेखा के दक्षिण में मध्याह्न का सूर्य कभी भी सिर के ठीक ऊपर नहीं होता है। ध्रुवों की ओर जाने पर सूर्य की किरणों का तिरछापन बढ़ता जाता है। जिससे उत्तरी गोलार्द्ध में कर्क रेखा और आर्कटिक वृत्त एवं दक्षिणी गोलार्द्ध में मकर रेखा और अंटार्कटिक वृत्त के बीच मध्यम तापमान रहता है। इसीलिए इस क्षेत्र को शीतोष्ण कटिबन्ध कहते हैं।

उत्तरी गोलार्द्ध में आर्कटिक वृत्त के उत्तर और दक्षिणी गोलार्द्ध में अंटार्कटिक वृत्त के दक्षिण के क्षेत्रों में बहुत ठंड होती है। यहाँ सूर्य कभी भी क्षितिज से ज्यादा ऊपर नहीं दिखाई देता। इस क्षेत्र को शीत कटिबन्ध कहते हैं।

Question - 6 : -
कारण बताइए-
(क) उत्तरी व दक्षिणी ध्रुव पर छह माह का दिन होता है।
(ख) लीप वर्ष हर चौथे वर्ष में होता है।

Answer - 6 : -

(क) उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव पर छह माह का दिन होता है। पृथ्वी अपने अक्ष पर  अंश का कोण बनाती है। इसलिए वर्ष में 6 महीने उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर झुका होता है। इसलिए यहाँ 21 मार्च से 22 सितम्बर तक 6 माह का दिन होता है। इसके विपरीत जब दक्षिणी गोलार्द्ध सूर्य की ओर झुका होती है तब वहाँ 6 माह का दिन होता है।
उत्तर
(ख) पृथ्वी सूर्य का चक्कर  दिन में लगाती है। इसलिए प्रत्येक चौथे वर्ष में  दिन के हिसाब से 1 दिन पूरा होने से 366 दिन हो जाते हैं और फरवरी में 29 दिन होते हैं। इस वर्ष को ही लीप वर्ष कहा जाता है।

Question - 7 : -
सही वाक्य पर ✓ का चिह्न एवं गलत पर ✗ का चिह्न लगाइए।
(क) 21 मार्च को दक्षिणी गोलार्द्ध में वसन्त ऋतु होती है।                 
(ख) पृथ्वी, सूर्य का चक्कर 365 दिन में लगाती है।                       
(ग) वार्षिक गति के कारण दिन-रात होते हैं।                              
(घ) पृथ्वी द्वारा सूर्य का चक्कर लगाने का पथ दीर्घ वृत्ताकार है। 

Answer - 7 : -

(क) 21 मार्च को दक्षिणी गोलार्द्ध में वसन्त ऋतु होती है।                 (✗)
(ख) पृथ्वी, सूर्य का चक्कर 365 दिन में लगाती है।                       (✓)
(ग) वार्षिक गति के कारण दिन-रात होते हैं।                              (✗)
(घ) पृथ्वी द्वारा सूर्य का चक्कर लगाने का पथ दीर्घ वृत्ताकार है।     (✗)

Question - 8 : -
स्तम्भों का मिलान कीजिए-

Answer - 8 : -

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