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Chapter 12 प्रकाश एवं प्रकाश यंत्र Solutions

Question - 1 : -
दिये गये विकल्पों में सही विकल्प चुनिए-
(क) मानव नेत्र किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनाता है-
(क) कॉनिर्या पर
(ब) बाइरिस पर
(स) पुतली पर
(द) रेटिना पर 

(ख) सामान्य नेत्र के लिए निकट बिन्दु की दूरी है-
(क) 25 मी
(ब) 2.5 मी
(स) 25 सेमी 
(द) 2.5 सेमी

(ग) श्वेत प्रकाश जब त्रिज्या से होकर गुजरता है तो प्रिज्म के आधार की ओर प्राप्त रंग होता है-
(क) लाल 
(ब) पीला
(स) बैंगनी
(द) हरा

(घ) उत्तल लेंस के फोकस बिन्दु तथा प्रकाश केन्द्र के बीच रखे वस्तु का का प्रतिबिम्ब होगा।
(क) आभासी, बड़ा व सीध्य 
(ब) अभासी, उल्टा वे बड़ा
(स) आभासी सीधा व छोटा
(द) आभासी, उल्टा व बड़ा

Answer - 1 : -

(क) मानव नेत्र किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब बनाता है-
(क) कॉनिर्या पर
(ब) बाइरिस पर
(स) पुतली पर
(द) रेटिना पर ✓

(ख) सामान्य नेत्र के लिए निकट बिन्दु की दूरी है-
(क) 25 मी
(ब) 2.5 मी
(स) 25 सेमी ✓
(द) 2.5 सेमी

(ग) श्वेत प्रकाश जब त्रिज्या से होकर गुजरता है तो प्रिज्म के आधार की ओर प्राप्त रंग होता है-
(क) लाल ✓
(ब) पीला
(स) बैंगनी
(द) हरा

(घ) उत्तल लेंस के फोकस बिन्दु तथा प्रकाश केन्द्र के बीच रखे वस्तु का का प्रतिबिम्ब होगा।
(क) आभासी, बड़ा व सीध्य ✓
(ब) अभासी, उल्टा वे बड़ा
(स) आभासी सीधा व छोटा
(द) आभासी, उल्टा व बड़ा

Question - 2 : -
निम्नलिखित कथनों में सही कथन के सम्मुख सही (✓) और गलत के कथन के सामने गलत (✗) लिखिए।-

Answer - 2 : -



Question - 3 : -
रिक्त स्थानों की पूर्ति अपनी अभ्यास-पुस्तिका में कीजिए (पूर्ति करके) –
(क) सरल सूक्ष्मदर्शी में ………….. लेंस प्रयोग होता है।
(ख) दूर की वस्तुओं को देखने के लिए ………….. का प्रयोग किया जाता है।
(ग) खून की जाँच के लिए ………….. का प्रयोग किया जाता है।
(घ) निकट दृष्टि दोष के निवारण हेतु चश्मे में ………………. प्रयोग होता है।

Answer - 3 : -

(क) सरल सूक्ष्मदर्शी में उत्तल लेंस प्रयोग होता है।
(ख) दूर की वस्तुओं को देखने के लिए दूरदर्शी का प्रयोग किया जाता है।
(ग) खून की जाँच के लिए सूक्ष्मदर्शी का प्रयोग किया जाता है।
(घ) निकट दृष्टि दोष के निवारण हेतु चश्मे में अवतल लेंस प्रयोग होता है।

Question - 4 : -
प्रकाश का अपवर्तन किसे कहते? प्रकाश के अपवर्तन सम्बंधी नियमों को लिखिएं

Answer - 4 : -

जब प्रकाश की किरण एक पारदर्शी माध्यम से दूसरे पारदर्शी माध्यम में प्रवेश करती है प्रकाश की किरण का अपवर्तन होता है तथा अपवर्तन की घटना में निम्नलिखित दो नियमों का पालन होता है।
1. आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा अपवर्तक पुष्ट के आपतन बिन्दु पर डाला गया अभिलम्व तीनों एक ही तल में स्थित होते हैं।
2. किसी पारदर्शी माध्यम युग्म के लिए आपतन कोण की ज्या (Sine) तथा अपवर्तन कोण के (Sine) का अनुपात नियत होता है। इस नियम को स्नेल (snell) का नियम भी कहते हैं।
स्नेल के नियमानुसार =  नियतांक

Question - 5 : -
अपवर्तनांक की परिभाषा माध्यम में प्रकाश के चाल के पदों में लिखिए।

Answer - 5 : -

वायुमण्डल कभी शान्त नहीं रहता, इसमें सदैव टण्डी एवं गर्म हवा की धाराएँ चलती रहती हैं, इसके फलस्वरूप वायुमण्डल के किसी स्थान की वायु का अपवर्तनांक बदलता रहता है। वायुमण्डल के अपवर्तनांक में आकस्मिक परिवर्तन के कारण तारे से आने वाली प्रकाश किरणें अपवर्तन के पश्चात् अपने पूर्ववर्ती मार्ग से हट जाती हैं। इसके फलस्वरूप कुछ क्षणों के लिए प्रेक्षक की आँखों में तारे से आने वाला प्रकाश बिल्कुल नहीं पहुँचता या बहुत कम पहुँचता है।

Question - 6 : -
उचित किरण आरेख खींचते हुए उत्तल लेंस तथा अवतल लेंस के फोकस दूरी की परिभाषा लिखिए।

Answer - 6 : -

उत्तल लेंस से प्रतिबिम्ब का बनना-उत्तल लेंस से बने प्रतिबिम्ब की आकृति, स्थिति एवं आकार वस्तु की स्थिति पर निर्भर करता है। निम्नलिखित चित्रों में इन प्रतिबिम्बों के निर्माण का किरण आरेख प्रस्तुत किया गया है।
(i) वस्तु लेंस के प्रकाशिक केन्द्र 0 तथा फोकस F के बीच स्थित है। वस्तु का प्रतिबिम्ब वस्तु के पीछे आभासी सीधा तथा वस्तु से बड़ा है। चित्र 12.16 (i)

(ii) लेंस के फोकस पर स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब अनन्त परे, वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु से बड़ा बनता है। चित्र 12.16 (ii)

(iii) लेंस के फोकस दूरी तथा फोकस दूरी के दोगुनी दूरी के बीच स्थित वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर लेंस के फोकस दूरी के दोगुनी दूरी से अधिक दूर, वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु से बड़ा बनता है। चित्र 12.16 (iii)

(iv) लेंस के फोकस दूरी के दो गुनी दूरी पर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर लेंस के फोकस दूरी के दोगुनी दूरी पर, वास्तविक उल्टा तथा वस्तु के बराबर बनता है। चित्र 12.16 (iv)

(v) लेंस के फोकस दूरी के दोगुने दूरी से अधिक दूरी पर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी | ओर लेंस के फोकस तथा फोकस दूरी की दो गुनी दूरी के बीच, वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु । से छोटा बनता है। चित्र 12-16 (V)

(vi) अनन्त दूरी पर रखी वस्तु का प्रतिबिम्ब लेंस के दूसरी ओर लेंस के फोकस पर, वास्तविक, उल्टा तथा वस्तु से अत्यधिक छोटा बनता है। चित्रा 12-16 (vi)

अवतल लेंस से प्रतिबिम्ब का बनना-
(i) अनन्त पर स्थित वस्तु से आने वाली किरणें लेंस के मुख्य अक्ष के समान्तर होती हैं, अतः लेंस से अपवर्तन के पश्चात् लेंस के फोकस बिन्दु F से फैलती हुयी प्रतीत होती है। अतः अनन्त पर स्थित वस्तु का अवतल लेंस से बना प्रतिबिम्ब लेंस के फोकस पर बनेगा। वस्तु का प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा एवं अत्यन्त सूक्ष्म होगा। चित्र 12.17 (i)

(ii) यदि वस्तु को अनन्त से लेंस के ओर खिसकाया जाए तो वस्तु का प्रतिबिम्ब भी लेंस के फोकस बिन्दु से लेंस की ओर खिसकने लगता है किन्तु प्रतिबिम्ब सदैव आभासी, सीधा तथा वस्तु से छोटा बनता है। चित्र (12.17 (ii)


Question - 7 : -
दूरदर्शी किसे कहते हैं? स्वच्छ किरण आरेख खींचकर दूरदर्शी से बने प्रतिबिम्ब की स्थिति दशाईए। प्रतिबिम्ब की प्रकृति आकार तथा स्थिति का भी उल्लेख कीजिए।

Answer - 7 : -

सूक्ष्मदर्शी एक ऐसा प्रकाशिक यंत्र है जिसकी सहायता से सूक्ष्म वस्तुएँ देखी जा सकती हैं। सूक्ष्म दर्शी दो प्रकार के होते हैं।

  1. सरल सूक्ष्मदर्शी (Simple Microscope)
  2. सयुंक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope)
(i) सरल सूक्ष्मदर्शी (Simple Microscope) – सरल सूक्ष्मदर्शी कम फोकस दूरी का एक उत्त्तल लेंस होता है। लेंस के प्रकाश केन्द्र तथा फोकस बिन्दु के बीच एक सूक्ष्म वस्तु AB चित्र 12.18 के अंनुसार रखी गयी है। लेंस द्वारा वस्तु का बड़ा आभासी तथा सीधा प्रतिबिम्ब A’B’ बनता है। इसे स्पष्ट देखने के लिए लेंस से वस्तु AB की दूरी को इस प्रकार समायोजित करते हैं कि वस्तु का प्रतिबिम्ब A’B आँख से स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी पर बने।
                                   
(ii)संयुक्त सूक्ष्मदर्शी (Compound Microscope)- संयुक्त सूक्ष्मदर्शी द्वारा सूक्ष्म वस्तु का प्रतिबिम्ब सरल सूक्ष्मदर्शी की अपेक्षा बहुत बड़ा बनता है।
                                           

Question - 8 : -
नेत्र दोष किसे कहते हैं? कितने प्रकार का होता है? निकट दृष्टि दोष कैसे दूर कर सकते हैं?

Answer - 8 : -

जब मानव नेत्र के सामने स्पष्ट दृष्टि की न्यूनतम दूरी (25 सेमी) पर रखी वस्तु साफ-साफ दिखाई नहीं देती तो इसे दृष्टि दोष कहते हैं। यह दो प्रकार का होता है-

  1. निकट दृष्टि दोष
  2. दूर दृष्टि दोष
निकट दृष्टि दोष को दूर करने के लिए चश्में में उचित फोकस दूरी का अवतल लेंस प्रयोग किया जाता है। यह लेंस प्रकाश किरणों को अपसारित करके प्रतिबिम्ब को रेटिना पर बनाता है जिससे निकट दृष्टि दोष दूर हो जाता है।

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