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Chapter 5 जल Solutions

Question - 1 : - जल हमारे लिए क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?

Answer - 1 : -

जल हमारे लिए कई तरह से महत्त्वपूर्ण हैं
1. जल हमारे पीने के काम आता है। 
2. जल घरेलू कामों में जैसे नहाने, कपड़ा धोने, घर की सफ़ाई करने, खाना बनाने आदि कामों में प्रयोग किया जाता है। 
3. कृषि में फसलों की सिंचाई के लिए महत्त्वपूर्ण होता है। 
4. जल यातायात के साधन के रूप में उपयोगी है। 
5. जल विद्युत तैयार करने में उपयोगी है। 
6. उद्योग धन्धों के लिए उपयोगी। 

Question - 2 : - अपने घर एवं स्कूल में जल संरक्षण की कुछ विधियाँ सुझाइए। 
(क) अपने घर में
(ख) स्कूल में

Answer - 2 : -

(क) जल संरक्षण की विधियाँ (अपने घर में) –
1. घर में टाँका या टंकी को निर्मित करके जल संरक्षण करना चाहिए। 
2. वर्षा जल को पी.वी.सी. पाइप के माध्यम से हैण्डपम्प या कुएँ में डालना चाहिए। 
3. ईंट और रेत के माध्यम से गंदे पानी को साफ करना। 
(ख) जल संरक्षण की विधियाँ (स्कूल में) :
1. छत वर्षा जल को पी.वी.सी. पाइप के माध्यम से पानी को टंकी में जमा करना चाहिए। 
2. गंदे पानी को पृथककारी छन्ना के माध्यम से उसे अपने उपयोग के लायक बनाया जा सकता है। 
3. स्कूल में स्थित जल को किसी-न-किसी रूप में ढंककर रखा जाना चाहिए। 

Question - 3 : - निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए(क) वर्षण क्या है?

Answer - 3 : - जलवाष्प संघनित होकर बादलों का रूप लेता है। यहाँ से यह वर्षा, हिम, ओस अथवा सहिम वृष्टि के रूप में धरती या समुद्र पर नीचे गिरता है, वर्षण कहलाता है।

Question - 4 : - जल चक्र क्या है?

Answer - 4 : - जिस प्रक्रम में जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और महासागरों, वायुमंडल एवं धरती के बीच चक्कर लगाता रहता है, उसको जल चक्र कहते हैं।

Question - 5 : - लहरों की ऊँचाई प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?

Answer - 5 : -

लहरों को प्रभावित करने वाले कारक निम्न हैं
1. जल की मात्रा 
2. वायु की गति 
3. सूर्य एवं चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति 

Question - 6 : - महासागरीय जल की गति को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से है?

Answer - 6 : -

महासागरीय जल की गति को प्रभावित करने वाले कारक
1. सूर्य और चन्द्रमा की आकर्षण शक्ति 
2. महासागरीय जल में लवणता की मात्रा 
3. वायु की गति 
4. तापीय अन्तर 
5. पृथ्वी की घूर्णन गति। 

Question - 7 : - ज्वार-भाटा क्या हैं तथा ये कैसे उत्पन्न होते हैं?

Answer - 7 : - दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना एवं गिरना ‘ज्वार-भाटा’ कहलाता है। जब सर्वाधिक ऊँचाई तक उठकर जल, तट के बड़े हिस्से को डुबो देता है, तब उसे ज्वार कहते हैं। जब जल अपने निम्नतम स्तर तक आ जाता है एवं तट से पीछे चला जाता है, तो उसे भाटा कहते हैं। सूर्य एवं चन्द्रमा की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण ज्वार-भाटा उत्पन्न होते हैं।

Question - 8 : - महासागरीय धाराएँ क्या हैं?

Answer - 8 : - महासागरीय धाराएँ निश्चित दिशा में महासागरीय सतह पर नियमित रूप से बहने वाली धाराएँ होती हैं। महासागरीय धाराएँ गर्म या ठंडी हो सकती हैं।

Question - 9 : -
कारण बताइए
(क) समुद्री जल नमकीन होता है।
(ख) जल की गुणवत्ता का ह्रास हो रहा है।

Answer - 9 : -

(क) समुद्री जल नमकीन होने के कारण –
1. महासागरों में अधिकांश नमक सोडियम क्लोराइड या खाने में उपयोग किया जाने वाला नमक होता है। 
2. समुद्र के जल में लवणता की मात्रा अधिक होती है। 
3. समुद्र में जल का नियमित रूप से भारी मात्रा में वाष्पीकरण होता है, किंतु लवणीय पदार्थों का वाष्पीकरण न हो सकने के कारण ये समुद्र में नियमित रूप से बने रहते हैं। इसलिए समुद्री जल में लवणता निरंतर बढ़ती रहती है। 

(ख) जल की गुणवत्ता के ह्रास होने के कारण
1. मनुष्य की क्रियाकलापों से काफी मात्रा में जल प्रदूषित हो रहा है। 
2. उद्योगों से निकलने वाले रसायन युक्त जल के विभिन्न जलाशयों में मिलने से जल की गुणवत्ता का ह्रास हो रहा है। 
3. घरों से निकलने वाले प्रदूषित जल के विभिन्न जलाशयों में मिलने से भी जल की गुणवत्ता का ह्रास हो रहा है। 

Question - 10 : -
सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए –
(क) वह प्रक्रम जिस में जल लगातार अपने स्वरूप को बदलता रहता है और महासागर, वायुमंडल एवं स्थल के बीच चक्कर लगाता रहता है?
1. जल चक्र 
2. ज्वार-भाटा 
3. महासागरीय धाराएँ 

(ख) सामान्यतः गर्म महासागरीय धाराएँ उत्पन्न होती हैं :
1. ध्रुवों के निकट 
2. भूमध्य रेखा के निकट 
3. दोनों में से कोई नहीं 

(ग) दिन में दो बार नियम से महासागरीय जल का उठना एवं गिरना कहलाता है?
1. ज्वार-भाटा 
2. महासागरीय धाराएँ 
3. तरंगें 

Answer - 10 : -

(क) 1. जल चक्र
(ख) 2. भूमध्य रेखा के निकट
(ग) 1. ज्वार-भाटा

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