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Chapter 9 महिलाएँ जाति एवं सुधार Solutions

Question - 1 : -
निम्नलिखित लोगों ने किन सामाजिक विचारों का समर्थन और प्रसार किया :
राममोहन रॉय
दयानंद सरस्वती
वीरेशलिंगम पंतुलु
ज्योतिराव फुले
पंडिता रमाबाई
पेरियार
मुमताज़ अली
ईश्वरचंद्र विद्यासागर

Answer - 1 : -


Question - 2 : -
निम्नलिखित में से सही या गलत बताएँ :
(क) जब अंग्रेजों ने बंगाल पर कब्जा किया तो उन्होंने विवाह, गोद लेने, संपत्ति उत्तराधिकार आदि के बारे में नए कानून बना दिए।
(ख) समाज सुधारकों को सामाजिक तौर-तरीकों में सुधार के लिए प्राचीन ग्रंथों से दूर रहना पड़ता था।
(ग) सुधारकों को देश के सभी लोगों का पूरा समर्थन मिलता था।
(घ) बाल विवाह निषेध अधिनियम 1829 में पारित किया गया था।


Answer - 2 : -

(क) जब अंग्रेजों ने बंगाल पर कब्जा किया तो उन्होंने विवाह, गोद लेने, संपत्ति उत्तराधिकार आदि के बारे में नए कानून बना दिए।            सही,
(ख) समाज सुधारकों को सामाजिक तौर-तरीकों में सुधार के लिए प्राचीन ग्रंथों से दूर रहना पड़ता था।          गलत,
(ग) सुधारकों को देश के सभी लोगों का पूरा समर्थन मिलता था।           गलत,
(घ) बाल विवाह निषेध अधिनियम 1829 में पारित किया गया था।          सही।

Question - 3 : - प्राचीन ग्रंथों के ज्ञान से सुधारकों को नए कानून बनवाने में किस तरह मदद मिली?

Answer - 3 : -

कानून बनाने में मदद
1. संचार के नए तरीके विकसित हो गए थे। 
2. पहली बार किताबें, अखबार, पत्रिकाएँ, पर्चे और पुस्तिकाएँ छप रही थीं, ये चीजें पुराने साधनों के मुकाबले सस्ती थीं, इसलिए ज्यादा लोगों की पहुँच में भी थी। 
3. नए शहरों में हर प्रकार के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक और धार्मिक मुद्दों पर चर्चाएँ आम जनता तक पहुँचीं। 

Question - 4 : - लड़कियों को स्कूल न भेजने के पीछे लोगों के पास कौन-कौन से कारण होते थे?

Answer - 4 : -

लोगों के कारण
1. स्कूल जाने से लड़कियाँ घरों से दूर भागने लगेंगी। इससे वे अपना पारंपरिक घरेलू काम नहीं कर पाएँगी। 
2. लड़कियों को स्कूल जाने के लिए सार्वजनिक स्थानों से होकर जाना पड़ता है जो उनके लिए ठीक नहीं है। 
3. लड़कियों के आचरण पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और वे बिगड़ जाएँगी। 

Question - 5 : - ईसाई प्रचारकों की बहुत सारे लोग क्यों आलोचना करते थे? क्या कुछ लोगों ने उनका समर्थन भी | किया होगा? यदि हाँ तो किस कारण?

Answer - 5 : -

आलोचना का कारण
1. भारतीय संस्कृति को नष्ट कर पाश्चात्य संस्कृति को भारतीयों पर लाद देंगे। 
2. जनजातीय समूहों तथा निम्न जाति के लोगों का धर्म परिवर्तन कर देंगे। 
समर्थन के कारण
1. ये स्त्री-शिक्षा तथा पुरुषों के समानता के अधिकार के पक्षधर थे। 
2. जनजातीय लोगों तथा निम्न जाति के लोगों के लिए स्कूलों की स्थापना की। 

Question - 6 : -
अंग्रेजों के काल में ऐसे लोगों के लिए कौन से नए अवसर पैदा हुए जो “निम्न” मानी जाने वाली जातियों से संबंधित थे?

Answer - 6 : -

नए अवसर-
1. उन्नीसवीं सदी में ईसाई प्रचारक आदिवासी समुदायों और निचली” जातियों के बच्चों के लिए स्कूल खोलने लगे थे। 
2. शहरों में रोजगार के नए-नए अवसर सामने आ रहे थे; जैसे-मकान, पार्क, सड़कें, नालियाँ, बाग, मिलें, रेलवे लाइन, स्टेशन आदि के निर्माण के लिए मजदूरों की आवश्यकता थी। इन कामों के लिए शहर जाने वालों में से बहुत सारे ‘निम्न जातियों के लोग थे। 
3. बहुत सारे लोग असम, मॉरीशस, त्रिनीदाद और इंडोनेशिया आदि स्थानों पर बाग़ानों में काम करने के | लिए भी जा रहे थे। 

Question - 7 : - ज्योतिराव और अन्य सुधारकों ने समाज में जातीय असमानताओं की आलोचना को किस तरह सही ठहराया?

Answer - 7 : -

आलोचनाओं को उचित बताना-
1. ज्योतिराव फुले ने ब्राह्मणों की इस बात को गलत ठहराया कि आर्य होने के कारण वे अन्य लोगों से
श्रेष्ठ हैं। फुले का तर्क था कि आर्य उपमहाद्वीप के बाहर से आए थे उन्होंने यहाँ के मूल निवासियों को हरा कर गुलाम बना लिया तथा पराजित जनता को निम्न जाति वाला मानने लगे। 
2. पेरियार ने हिंदू वेद पुराणों की आलोचना की उनका मानना था कि ब्राह्मणों ने निचली जातियों पर अपनी सत्ता तथा महिलाओं पर पुरुषों का प्रभुत्व स्थापित करने के लिए इन पुस्तकों का सहारा लिया है। 
3. हरिदास ठाकुर ने भी जाति व्यवस्था सही ठहराने वाले ब्राह्मणवादी ग्रंथों पर सवाल उठाया। 
4. अम्बेडकर ने भी मंदिर प्रवेश आंदोलन’ के द्वारा समकालीन समाज में उच्च’ जातीय संरचना पर सवाल उठाए। वह इस आंदोलन के द्वारा पूरे देश को दिखाना चाहते थे कि समाज में जातीय पूर्वाग्रहों की जकड़ कितनी मजबूत है। 

Question - 8 : - फुले ने अपनी पुस्तक गुलामगीरी को गुलामों की आज़ादी के लिए चल रहे अमेरिकी आंदोलन को समर्पित क्यों किया?

Answer - 8 : -

अमेरिकी आंदोलन को समर्पित
1. 1873 में फुले ने गुलामगीरी (गुलामी) नामक एक पुस्तक लिखी। 
2. फुले के पुस्तक लिखने से 10 वर्ष पूर्व अमेरिका में गृहयुद्ध के फलस्वरूप दास प्रथा का अंत हो। चुका था। 
3. फुले ने भारत की “निम्न जातियों और अमरीका के काले गुलामों की दुर्दशा को एक-दूसरे से जोड़कर देखा। इसलिए फुले ने अपनी पुस्तक को उन सभी अमेरिकियों को समर्पित किया, जिन्होंने गुलामों को मुक्ति दिलाने के लिए संघर्ष किया था। 

Question - 9 : - मंदिर प्रवेश आंदोलन के ज़रिए अंबेडकर क्या हासिल करना चाहते थे?

Answer - 9 : -

मंदिर प्रवेश आंदोलन
1. अंबेडकर एक महार परिवार में पैदा हुए थे, इसलिए उन्होंने बचपन से जातीय भेदभाव और पूर्वाग्रह को नजदीक से देखा था। 
2. समकालीन समाज में उच्च’ जातीय सत्ता संरचना के कारण निम्न जातियों के साथ असमानता, बुरा व्यवहार तथा भेदभाव हो रहा था। 
3. 1927 में 1935 के बीच अंबेडकर ने मंदिरों में प्रवेश के लिए तीन मंदिर प्रवेश’ आंदोलन चलाए। 
4. जिसके माध्यम से वह देश को दिखाना चाहते थे कि समाज में जातीय पूर्वाग्रहों की जकड़ कितनी मजबूत है, लेकिन लगातार विरोध करने पर इसको कमजोर किया जा सकता है। 

Question - 10 : - ज्योतिराव फुले और रामास्वामी नायकर राष्ट्रीय आंदोलन की आलोचना क्यों करते थे? क्या उनकी आलोचना से राष्ट्रीय संघर्ष में किसी तरह की मदद मिली?

Answer - 10 : -

राष्ट्रीय संघर्ष में मदद
1. फुले ने जाति व्यवस्था की अपनी आलोचना को सभी प्रकार क़ी गैर बराबरी से जोड़ दिया था, वह “उच्च जाति महिलाओं की दुर्दशा, मजदूरों की मुसीबतों और निम्न जातियों के अपमानपूर्ण हालात के बारे में गहरे तौर पर चिंतित थे। 
2. पेरियार की दलीलों और आंदोलन से उच्च जातीय राष्ट्रवादी नेताओं के बीच कुछ आत्ममंथन और आत्मालोचना की प्रक्रिया शुरू हुई। 
3. इनकी आलोचना से समाज में समानता का भाव आया। जातीय बंधन ढीले पड़े, छुआछूत की भावना कम हुई, जिससे राष्ट्रीय आंदोलन में एकता का भाव पैदा हुआ। 

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