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Chapter 14 अर्द्धचालक इलेक्ट्रॉनिकी Solutions

Question - 1 : -
किसी प्रकार के सिलिकॉन में निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकथन सत्य है?
(a) इलेक्ट्रॉन बहुसंख्यक वाहक हैं और त्रिसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
(b) इलेक्ट्रॉन अल्पसंख्यक वाहक हैं और पंचसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
(c) होल (विवर) अल्पसंख्यक वाहक हैं और पंचसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।
(d) होल (विवर) बहुसंख्यक वाहक हैं और त्रिसंयोजी परमाणु अपमिश्रक हैं।

Answer - 1 : - (c) प्रकथन सत्य है।

Question - 2 : - प्रश्न 1 में दिए गए कथनों में से कौन-सी p-प्रकार के अर्द्धचालकों के लिए सत्य है?

Answer - 2 : - (d) प्रकथन सत्य है।

Question - 3 : - कार्बन, सिलिकॉन और जर्मोनियम, प्रत्येक में चार संयोजक इलेक्ट्रॉन हैं। इनकी विशेषता ऊर्जा बैड अन्तराल द्वारा पृथक्कृत संयोजकता और चालन बैंड द्वारा दी गई हैं, जो क्रमशः
(Eg)c, (Eg)s;
तथां (Eg) Ge के बराबर हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा प्रकथन सत्य है?
(a) (Eg)si <(Eg) Ge <(Eg)c
(b) (Eg)c <(Eg) Ge > (Eg)st
(c) (Eg)c > (Eg)s >(Eg) Ge
(d) (Eg)c = (Eg)si = (Eg)Ge

Answer - 3 : -

चालन बैंड तथा संयोजकता बैंड के बीच ऊर्जा अन्तराल कार्बन के लिए सबसे अधिक, सिलिकॉन के लिए उससे कम तथा जर्मेनियम के लिए सबसे कम होता है; अतः (c) प्रकथन सत्य है।

Question - 4 : - बिना बायस p-n सन्धि में, होल क्षेत्र में n-क्षेत्र की ओर विसरित होते हैं, क्योंकि
(a) n-
क्षेत्र में मुक्त इलेक्ट्रॉन उन्हें आकर्षित करते हैं।
(b)
ये विभवान्तर के कारण सन्धि के पार गति करते हैं।
(c) p-
क्षेत्र में होल-सान्द्रता, n-क्षेत्र में उनकी सान्द्रता से अधिक है।
(d)
उपरोक्त सभी।

Answer - 4 : - (c) प्रकथन सत्य है।

Question - 5 : -
जब p- n सन्धि पर अग्रदिशिक बायस अनुप्रयुक्त किया जाता है, तब यह
(a) विभव रोधक बढ़ाता है।
(b) बहुसंख्यक वाहक धारा को शून्य कर देता है।
(c) विभव रोधक को कम कर देता है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।

Answer - 5 : - (c) प्रकथन सत्य है।

Question - 6 : -
 ट्रांजिस्टर की क्रिया हेतु निम्नलिखित में से कौन-से कथन सही हैं
(a) आधार, उत्सर्जक और संग्राहक क्षेत्रों की आमाप और अपमिश्रण सान्द्रता समान होनी  चाहिए।
(b) आधार क्षेत्र बहुत बारीक और कम अपमिश्रित होना चाहिए।
(c) उत्सर्जक सन्धि अग्रदिशिक बायस है और संग्राहक सन्धि पश्चदिशिक बायस है।
(d) उत्सर्जक सन्धि संग्राहक सन्धि दोनों ही अग्रदिशिक बायस हैं।

Answer - 6 : - (b) तथा (c) प्रकथन सत्य हैं।

Question - 7 : -
किसी ट्रांजिस्टर प्रवर्धक के लिए वोल्टता लब्धि
(a) सभी आवृत्तियों के लिए समान रहती है।
(b) उच्च और निम्न आवृत्तियों पर उच्च होती है तथा मध्य आवृत्ति परिसर में अचर रहती है।
(e) उच्च और निम्न आवृत्तियों पर कम होती है और मध्य आवृत्तियों पर अचर रहती है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।

Answer - 7 : - (c) प्रकथन सत्य है।

Question - 8 : - अर्द्ध-तरंगी दिष्टकरण में, यदि निवेश आवृत्ति 50Hz है तो निर्गम आवृत्ति क्या है? समान निवेश आवृत्ति हेतु पूर्ण तरंग दिष्टकारी की निर्गम आवृत्ति क्या है?

Answer - 8 : - अर्द्ध-तरंग दिष्टकारी के लिए निर्गम आवृत्ति 50Hz ही रहेगी परन्तु पूर्ण-तरंग दिष्टकारी के लिए निर्गम आवृत्ति दोगुनी अर्थात् 100 Hz होगी।

Question - 9 : - उभयनिष्ठ उत्सर्जक (CE-ट्रांजिस्टर) प्रवर्धक हेतु, 2Ω के संग्राहक प्रतिरोध के सिरों पर ध्वनि वोल्टता 2V है। मान लीजिए कि ट्रांजिस्टर का धारा प्रवर्धन गुणक 100 है। यदि आधार प्रतिरोध 1kΩ है तो निवेश संकेत (signal) वोल्टता और आधार धारा परिकलित कीजिए।

Answer - 9 : -


Question - 10 : - एक के पश्चात् एक श्रेणीक्रम सोपानित में दो प्रवर्धक संयोजित किए गए हैं। प्रथम प्रवर्धक की वोल्टता लब्धि 10 और द्वितीय की वोल्टता लब्धि 20 है। यदि निवेश संकेत 0.01 वोल्ट | है तो निर्गम प्रत्यावर्ती संकेत का परिकलन कीजिए।

Answer - 10 : -

यहाँ A1 = 10 तथा A2 = 20 Vi = 0.01 वोल्ट
अतः कुल वोल्टता लाभ A = A1 x A2 =10 x 20 = 200
परन्तु A =    निर्गत वोल्टता V0 = A x Vi

V= (200 x 0.01) वोल्टे = 2 वोल्ट

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