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Chapter 9 सबसे खतरनाक Solutions

Question - 1 : -
कवि ने किस आशय से मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी-लोभ को सबसे खतरनाक नहीं माना।

Answer - 1 : -

कवि ने मेहनत की लूट, पुलिस की मार, गद्दारी लोभ को सबसे खतरनाक नहीं माना क्योंकि इन तीनों में मीन में आशा व उम्मीद की किरण बची रहती है। इनका प्रभाव सीमित होता है। इन क्रियाओं में प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। इन स्थितियों को बदला जा सकता है। जिस समाज में पारस्परिक सौहाद्र, प्रेम, दया, करुणा आदि भावनाएँ समाप्त हो जाएंगी, वह मृत हो जाएगा।

Question - 2 : -
‘सबसे खतरनाक’ शब्द के बार-बार दोहराए जाने से कविता में क्या असर पैदा हुआ?

Answer - 2 : -

‘सबसे खतरनाक’ शब्द के बार-बार, दोहराए जाने से पाठकों का ध्यान खतरनाक बातों की तरफ अधिक आकर्षित होता है। वे समाज की स्थितियों पर गंभीरता से विचार करते हैं। यह शब्द उस विभीषिका की ओर संकेत करता है जो समाज को निर्जीव कर रही है। इसके बार-बार प्रयोग से कथ्य प्रभावशाली ढंग से व्यक्त हुआ है।

Question - 3 : -
कवि ने कविता में कई बातों को ‘बुरा है’ न कहकर ‘बुरा तो है’ कहा है। ‘तो’ के प्रयोग से कथन की भंगिमा में क्या बदलाव आया है, स्पष्ट कीजिए।

Answer - 3 : -

कवि ने बैठे बिठाए पकड़े जाना, सहमी चुप में जकड़ने, कपट के शोर में सही होते हुए भी दब जाने आदि को बुरा तो है कहा है। ‘बुरा’ शब्द प्रत्यक्ष आरोप लगाता है, परंतु ‘तो’ लगाने से सारा जोर ‘तो’ पर चला जाता है। इसका अर्थ है। कि स्थितियाँ खराब अवश्य है, परंतु उनमें सुधार की गुंजाइश है। साथ ही, यह चेतावनी भी देता है कि अगर इन्हें नहीं सुधारा गया तो भविष्य में हालात और बिगड़ेंगे।

Question - 4 : -
‘मुर्दा शांति से भर जाना और हमारे सपनों का मर जाना’-इनको सबसे खतरनाक माना गया है। आपकी दृष्टि में इन बातों में परस्पर क्या संगति है और ये क्यों सबसे खतरनाक है?

Answer - 4 : -

‘मुर्दा शांति से भर जाना’ का अर्थ है-निष्क्रिय होना, जड़ हो जाना या प्रतिक्रिया शून्य हो जाना। ऐसी स्थिति बहुत खतरनाक है। ऐसा व्यक्ति सामाजिक अन्याय के खिलाफ संघर्ष नहीं कर पाता। उसके मन में किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। वह जीवित होते हुए भी मृत के समान होता है। ‘हमारे सपनों का मर जाना’ का अर्थ है-कुछ करने की इच्छा समाप्त होना। मनुष्य कल्पना करके ही नए-नए कार्य करता है तथा विकसित होता है। सपनों के मर जाने से हम यथास्थिति को स्वीकार करके स्थिर एवं विचारशून्य हो जाते हैं।

Question - 5 : -
सबसे खतरनाक वह घड़ी होती है/अपनी कलाई पर चलती हुई भी जो/आपकी निगाह में रुकी होती है। इन पंक्तियों में ‘घड़ी’ शब्द की व्यंजना से अवगत कराइए।

Answer - 5 : -

‘घड़ी’ शब्द के दो अर्थ मिलते हैं। पहला अर्थ जीवन से जुड़ा हुआ है। जीवन घड़ी की तरह चलता रहता है। वह कभी नहीं रुकता। मनुष्य की चाह समाप्त होने पर ही वह जड़ हो जाता है। दूसरा अर्थ है-दिनचर्या यदि व्यक्ति समय के अनुसार स्वयं को बाँध लेता है तो वह यांत्रिक हो जाता है। वह ढर्रे पर चलता है। उसके जीवन में नया कुछ करने का अवकाश नहीं होता।

Question - 6 : -
वह चाँद सबसे खतरनाक क्यों होता है, जो हर हत्याकांड के बाद/आपकी आँखों में मिचों की तरह नहीं गड़ता है?

Answer - 6 : -

‘चाँद’ सौंदर्य का प्रतीक है, परंतु हत्याकांड के बाद कोई प्राणी सौंदर्य की कल्पना नहीं कर सकता। हत्या होने पर आम व्यक्ति के मन में आक्रोश उत्पन्न होता है। ऐसी स्थिति में मनुष्य को चाँद आनंद प्रदान करने वाला नहीं लगता। जो लोग ऐसी स्थिति में आनंद लेने की कोशिश करते हैं तो ऐसी संवेदनशून्यता वास्तव में खतरनाक है।

Question - 7 : -
कवि ने ‘मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती’, से कविता का आरंभ करके फिर इसी से अंत क्यों किया होगा?

Answer - 7 : -

कवि ने ‘मेहनत की लूट सबसे खतरनाक नहीं होती’ से कविता का आरंभ करके इसी पर अंत किया क्योंकि कवि का ध्येय ‘खतरनाक’ व ‘सबसे खतरनाक’ स्थितियों में अंतर बताना है। कुछ स्थितियाँ खतरनाक होती हैं, परंतु उन्हें सुधारा जा सकता है कुछ दशाएँ कवि ने बताई हैं। यदि वे समाज में आ जाती हैं तो मानवता पर ही प्रश्न चिह्न लग जाता है। ऐसी स्थितियों से समाज को बचना चाहिए।

Question - 8 : -
कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त समाज में अन्य किन बातों को आप खतरनाक मानते हैं?

Answer - 8 : -

कवि द्वारा उल्लिखित बातों के अतिरिक्त हम समाज में निम्नलिखित बातों को खतरनाक मानते हैं

स्त्रियों का अपमान, शोषण तथा फिर उनका मजाक उड़ाना।
संकटग्रस्त मित्र या जानकार की मदद से दूर भागना।
सांप्रदायिकता
आतकवाद
निरर्थक महत्त्वाकाक्षा
देशद्रोह

Question - 9 : -
समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए आपके क्या सुझाव हैं?

Answer - 9 : -

समाज में मौजूद खतरनाक बातों को समाप्त करने के लिए हमारे सुझाव निम्नलिखित हैं

  1. सत्ता शीर्ष को व्यवस्था ठीक करनी चाहिए।
  2. आम आदमी को जागरूक होना होगा।
  3. दुष्ट लोगों का विनाश ही समाधान है।
  4. वैचारिक स्तर में बढ़ोतरी करनी होगी।
  5. समाज को संवेदनशीलता रखनी होगी।

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