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Chapter 4 कार्बन और इसके यौगिक (Carbon and Its Compounds) Solutions

Question - 1 : - CO2 सूत्रे वाले कार्बन डाइऑक्साइड की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी?

Answer - 1 : - CO2 की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना  निम्न आकृति में दर्शाई गई है-

Question - 2 : - सल्फ़र के आठ परमाणुओं से बने सल्फर के अणु की इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होगी? (संकेत- सल्फर के आठ परमाणु एक अँगूठी के रूप में आपस में जुड़े होते हैं।)

Answer - 2 : -

Question - 3 : - पेन्टेन के लिए आप कितने संरचनात्मक समावयवों का चित्रण कर सकते हैं?

Answer - 3 : - पेन्टेन के लिए तीन संरचनात्मक समावयवों का चित्रण संभव है, जिसे निम्न आकृति में दर्शाया गया है-

Question - 4 : - कार्बन के दो गुणधर्म कौन से हैं, जिनके कारण हमारे चारों कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है?

Answer - 4 : -

कार्बन के वे दो गुणधर्म निम्न हैं, जिनके कारण चारों ओर कार्बन यौगिकों की विशाल संख्या दिखाई देती है-
1. श्रृंखलन (Catenation)- कार्बन में कार्बन के दूसरे परमाणुओं के साथ आबंध बनाने की क्षमता होती है जिससे बड़ी संख्या में अणु बनते हैं। इसी गुण के कारण सीधी श्रृंखला, शाखा श्रृंखला तथा वलयाकर श्रृंखला द्वारा बड़ी संख्या में यौगिकों का निर्माण होता है।
2. कार्बन की चतुःसंयोजकता- कार्बन की संयोजकता 4 है। इसमें चार अन्य कार्बन परमाणु या ‘कुछ अन्य एक संयोजक तत्वों के परमाणुओं के साथ आबंधन की क्षमता होती है। ऑक्सीजन, हाइड्रोजन, सल्फर, क्लोरीन तथा अनेक अन्य तत्वों के साथ कार्बन के यौगिक बनते हैं। इसके परिणामस्वरूप कार्बन यौगिक की संख्या विशाल होती है|

Question - 5 : - साइक्लोपेन्टेन का सूत्र तथा इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना क्या होंगे?

Answer - 5 : - साइक्लोपेन्टेन का सूत्र – C5H10 है। इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना है-

Question - 6 : -
निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए|
(i) एथेनॉइक अम्ल
(ii) ब्रोमोपेन्टेन*
(iii) ब्यूटेनोन
(iv) हेक्सेनैल
*क्या ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव संभव हैं?

Answer - 6 : - 1. एथेनॉइक अम्ल (Ethanoic acid) CH3COOH

2. ब्रोमो पेन्टेन (Bromopentane) C5H11Br
3. ब्यूटेनोन (Butanone) C2H5COCH3
4. हेक्सेनैल (Hexanal) [CH5H11CHO]

हाँ, ब्रोमोपेन्टेन के संरचनात्मक समावयव संभव हैं जो इस प्रकार हैं-

Question - 7 : - निम्न यौगिकों का नामकरण कैसे करेंगे?

Answer - 7 : -

1. ब्रोमो एथेन
2. मेथैनल (Methanal)
3. 1-हेक्साइन या हेक्साइन

Question - 8 : - एथनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं?

Answer - 8 : - चूँकि क्षारीय पोटैशियम परमैंगनेट (क्षारीय KMnO4) अथवा अम्लीय पोटैशियम डाइक्रोमेट (K2Cr2O7) एथनॉल को एथेनॉइक अम्ल में आक्सीकृत करते हैं अर्थात् ये प्रारंभिक पदार्थ में ऑक्सीजन जोड़ देते हैं,  इसलिए इनको ऑक्सीकारक अभिक्रिया कहते हैं।

Question - 9 : - ऑक्सीजन तथा एथाइन के मिश्रण का दहन वेल्डिंग के लिए किया जाता है। क्या आप बता सकते हैं कि एथाइन तथा वायु के मिश्रण का उपयोग क्यों नहीं किया जाता?

Answer - 9 : - हम जानते हैं कि वायु में ऑक्सीजन की मात्रा केवल 21% है। अतः ऑक्सीजन की सीमित आपूर्ति के कारण एथाइन का अपूर्ण दहन होता है, जिसके कारण कज्जली ज्वाला (Sooty flame) निकलेगी तथा कम ऊष्मा उत्पन्न होगी। जबकि ऑक्सीजन मिश्रण के साथ पूर्ण दहन के कारण स्वच्छ नीली ज्वाला तथा अधिक ऊष्मा निकलेगी जो धातुओं को गलाकर वेल्डिग करने के लिए आवश्यक ऊष्मा प्रदान करेगी।

Question - 10 : - प्रयोग द्वारा आप ऐल्कोहॉल एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल में कैसे अंतर कर सकते हैं?

Answer - 10 : -

1. अम्ल का परीक्षण (Acid Test)- दो परखनलियाँ ‘A’ तथा ‘B’ लीजिए। एक में एल्कोहॉल तथा दूसरे में
कार्बोक्सिलिक अम्ल लीजिए। अब दोनों परखनलियों में एक स्पैचुला भरकर NaHCO, या Na2CO3 डालिए। जिस परखनली में तेज़ बुदबुदाहट के साथ CO2 गैस निकलेगी, उसमें अम्ल होंगे।
2. ऐल्कोहॉल परीक्षण (Alcohol Test)- एक परखनली (A) में 3mL एथेनॉल लेते हैं और 5% क्षारीय पोटैशियम – परमैंगनेट उसमें एक-एक बूंद कर डालते हैं, जल ऊष्मक में गर्म करने पर पोटैशियम परमैंगनेट का रंग गायब हो जाता है, परंतु यही क्रिया एथेनॉइक अम्ल के साथ करने पर रंग अपरिवर्तित रहता है।

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