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Chapter 9 उपसहसंयोजन यौगिक (Coordination Compounds) Solutions

Question - 1 : -
निम्नलिखित उपसहसंयोजन यौगिकों के सूत्र लिखिए –
1. टेट्राऐम्मीनडाइऐक्वाकोबाल्ट (III) क्लोराइड 
2. पोटैशियम टेट्रासायनिडोनिकिलेट (II)
3. ट्रिस (एथेन-1, 2-डाइऐमीन) क्रोमियम (III) क्लोराइड
4. ऐम्मीनब्रोमिडोक्लोरिडोनाइट्रिटो-N-प्लैटिनेट (II)
5. डाइक्लोरोबिस (एथेन-1, 2-डाइऐमीन) प्लैटिनम (IV) नाइट्रेट
6. आयरन (III) हेक्सासायनिडोफेरेट (II) 

Answer - 1 : -

  1. [Co(NH3)4(H2O)2]Cl3
  2. K2[Ni(CN)6]
  3. [Cr (en)3]Cl3
  4. [Pt (NH3) BrCl(NO2)]
  5. [PtCl2(en)2](NO3)2
  6. Fe4[Fe(CN)6]3

Question - 2 : -

निम्नलिखित उपसहसंयोजन यौगिकों के IUPAC नाम लिखिए

  1. [Co(NH3)6]Cl3
  2. [Co(NH3)Cl]Cl2
  3. K3[Fe(CN)6]
  4. K3[Fe(C2O4)3]
  5. K2[PdCl4]
  6. [Pt (NH3)2Cl(NH2CH3)]Cl
  7. Answer - 2 : -

    1. हेक्साऐम्मीनकोबाल्ट (III) क्लोराइड
    2. पेन्टाऐम्मीनक्लोरिडोकोबाल्ट (III) क्लोराइड
    3. पोटैशियम हेक्सासायनोफेरेट (III)
    4. पोटैशियम ट्राइऑक्सेलेटोफेरेट (III)
    5. पोटैशियम टेट्राक्लोरिडोपैलेडेट (II)
    6. डाइऐम्मीनक्लोरिडो( मेथिलऐमीन)प्लैटिनम (II) क्लोराईड
    7. Question - 3 : -

      निम्नलिखित संकुलों द्वारा प्रदर्शित समावयवता का प्रकार बतलाइए तथा इन समावयवों की संरचनाएँ बनाइए

      1. K[Cr(H2O)2 (C2O4)2]
      2. [Co(en)3] Cl3
      3. [Co(NH3)5 (NO2)](NO3)2
      4. [Pt(NH3)(H2O)Cl2]

      Answer - 3 : - 1. () इसके लिए ज्यामितीय (सिस-ट्रान्स) तथा प्रकाशिक समावयव सम्भव हैं।

      () सिस के प्रकाशिक समावयव (d- तथा l-)
      2. इसके दो प्रकाशिक समावयव हो सकते हैं।

      3. आयनन समावयव – निम्न समावयव सम्भव हैं (इसके दो आयनन तथा दो बन्धनी समावयव सम्भव हैं)
      [Co(NH3)(NO2)](NO3)2,[Co(NH3)5(NO3)](NO2)(NO3)
      बन्धनी समावयव 
      [Co(NH3)5(NO2)](NO3)2,[Co(NH3)5(ONO)](NO3)2

      4. इसके दो ज्यामितीय समावयव (सिस-, ट्रान्स-) सम्भव हैं।

      Question - 4 : - इसका प्रमाण दीजिए कि [Co(NH3)5 Cl]SO4 तथा [Co(NH3)5SO4]Clआयनन समावयव हैं।

      Answer - 4 : -

      आयनन समावयव जल में घुलकर भिन्न आयन देते हैं, इसलिए विभिन्न अभिकर्मकों के साथ भिन्न-भिन्न अभिक्रियाएँ देते हैं।
      [Co(NH3)5Cl]SO4 + Ba2+ →BaSO4 (s)
      [Co(NH3)5SO4]Cl + Ba2+ →
      कोई अभिक्रिया नहीं
      [Co(NH3)5Cl]SO4 + Ag+ →
      कोई अभिक्रिया नहीं
      [Co(NH3)5SO4]Cl + Ag+ → AgCl(s)
      चूँकि दिए गए संकुल विभिन्न अभिकर्मकों के साथ भिन्न अभिक्रियाएँ देते हैं, अतः ये आयनन समावयव हैं।

      Question - 5 : - संयोजकता आबन्ध सिद्धान्त के आधार पर समझाइए कि वर्ग समतलीय संरचना वाला [Ni(CN)4]2- आयन प्रतिचुम्बकीय है तथा चतुष्फलकीय ज्यामिति वाला [NiCl4]2- आयन अनुचुम्बकीय है।

      Answer - 5 : - [Ni(CN)4]2- का चुम्बकीय व्यवहार (Magnetic behaviour of[Ni(CN)4]2- – Ni का परमाणु क्रमांक 28 है। Ni, Ni2+ तथा [Ni(CN)4]2- में निकिल की अवस्था के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नलिखित हैं

      संकुल आयन [Ni(CN)4]2- प्रतिचुम्बकीय है; क्योंकि इसमें अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं होते हैं।
      [NiCl4]2- 
      का चुम्बकीय व्यवहार (Magnetic behaviourof [NiCl4]2-)- इसमें Cl दुर्बल क्षेत्र लिगेण्ड है तथा यह इलेक्ट्रॉनों का युग्मन नहीं करता है।

      संकुल आयन [NiCl4]2- के d-उपकोश में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित हैं, इसलिए यह अनुचुम्बकीय होता है।

      Question - 6 : - [NiCl4]2- अनुचुम्बकीय है, जबकि [Ni(CO)4] प्रतिचुम्बकीय है यद्यपि दोनों चतुष्फलकीय हैं। क्यों?

      Answer - 6 : -

      [Ni(CO)4] में निकिल शून्य ऑक्सीकरण अवस्था में है, जबकि [NiCl4]2- में यह +2 ऑक्सीकरण अवस्था में है। CO लिगेण्ड की उपस्थिति में निकिल के अयुग्मित d-इलेक्ट्रॉन युग्मित हो जाते हैं, परन्तु Cl दुर्बल लिगेण्ड होने के कारण अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों को युग्मित करने योग्य नहीं होता है। अतः [Ni(CO)4] में कोई अयुग्मित इलेक्ट्रॉन उपस्थित नहीं होता, इसलिए यह प्रतिचुम्बकीय है तथा [NiCl4]2- में अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की उपस्थिति के कारण यह अनुचुम्बकीय होता है।

      Question - 7 : - [Fe(H2O)6]3+ प्रबल अनुचुम्बकीय है, जबकि [Fe(CN)6]3- दुर्बल अनुचुम्बकीय। समझाइए।

      Answer - 7 : -

      CN (प्रबल क्षेत्र लिगेण्ड) की उपस्थिति में, 3d- इलेक्ट्रॉन युग्मित होकर केवल एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन छोड़ते हैं। d2 sp3 संकरण वाला आन्तरिक कक्षक संकुल बनता है। इसलिए [Fe(CN)6]3- दुर्बल अनुचुम्बकीय होता है। HO (दुर्बल क्षेत्र लिगेण्ड) की उपस्थिति में 3d-इलेक्ट्रॉन युग्मित नहीं होते अर्थात् संकरण spa है जो बाह्य कक्षक संकुल, जिसमें पाँच अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होते हैं, बनाता है, इसलिए [Fe(H2O)6]3+ प्रबल अनुचुम्बकीय होता है।

      Question - 8 : - समझाइए कि [Co(NH3)6]3+ एक आन्तरिक कक्षक संकुल है, जबकि [Ni(NH3)6]2+ एक बाह्य कक्षक संकुल है।

      Answer - 8 : -

      NH3 की उपस्थिति में Co के 3d- इलेक्ट्रॉन युग्मित होकर दो रिक्त d-कक्षक छोड़ते हैं जो [Co(NH3)6]3+ की स्थिति में आन्तरिक कक्षक संकुल बनाने वाले d2 sp3 संकरण में सम्मिलित होते हैं। [Ni(NH3)6]2+ में निकिल +2 ऑक्सीकरण अवस्था में है तथा इसका विन्यास 28 है। इसमें बाह्य कक्षक संकुल बनाने वाला sp3 d2 संकरण में सम्मिलित होता है।

      Question - 9 : - वर्ग समतली (Pt(CN)4]2- आयन में अयुग्मित इलेक्ट्रॉनों की संख्या बतलाइए।

      Answer - 9 : - 78Pt आवर्त सारणी के वर्ग 10 में स्थित होता है तथा इसका विन्यास 5d9 6s1 है। अत: Pt2+ का विन्यास d8 है।

      वर्ग समतली संरचना के लिए संकरण dsp2 होता है। चूंकि 5d में अयुग्मित इलेक्ट्रॉन युग्मित होकर dsp2 संकरण के लिए एक रिक्त d-कक्षक बनाते हैं, अत: कोई अयुग्मित इलेक्ट्रॉन नहीं होता।

      Question - 10 : - क्रिस्टल क्षेत्र सिद्धान्त को प्रयुक्त करते हुए समझाइए कि कैसे हेक्साऐक्वा मैंगनीज (II) आयन में पाँच अयुग्मित इलेक्ट्रॉन हैं, जबकि हेक्सासायनो आयन में केवल एक ही अयुग्मित इलेक्ट्रॉन है।

      Answer - 10 : -

      ऑक्सीकरण अवस्था +2 में Mn का विन्यास 3d5 होता है। लिगेण्ड के रूप में H2O (दुर्बल क्षेत्र लिगेण्ड) की उपस्थिति में इन पाँच इलेक्ट्रॉनों का वितरण t32g e2g होता है अर्थात् सभी इलेक्ट्रॉन अयुग्मित रह जाते हैं। लिगेण्ड के रूप में CN (प्रबल क्षेत्र लिगेण्ड) की उपस्थिति में वितरण  t52g e0g है। अर्थात् दो t2g कक्षकों में युग्मित इलेक्ट्रॉन हैं, जबकि तीसरे t2g कक्षक में एक अयुग्मित इलेक्ट्रॉन होता

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