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Question -

उदाहरण देते हुए संक्रमण धातुओं के रसायन के निम्नलिखित अभिलक्षणों का कारण बताइए –
1. संक्रमण धातु का निम्नतम ऑक्साइड क्षारकीय है, जबकि उच्चतम ऑक्साइड उभयधर्मी या अम्लीय है।
2. संक्रमण धातु की उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था ऑक्साइडों तथा फ्लुओराइडों में। प्रदर्शित होती है।
3. धातु के ऑक्सोऋणायनों में उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होती है।



Answer -

  1. निम्नतम ऑक्साइड में संक्रमण धातु की ऑक्सीकरण अवस्था सबसे कम होती है। इसलिए ऑक्साइड क्षारीय होता है तथा उच्च ऑक्सीकरण अवस्था प्राप्त करने के लिए अम्ल से क्रिया कर ऑक्सीकृत होने की प्रवृत्ति रखता है। जबकि उच्चतम ऑक्साइड उच्च ऑक्सीकरण अवस्था में बनते हैं। परिणामस्वरूप, ये ऑक्साइड अम्लीय या उभयधर्मी होते हैं।
  2. संक्रमण धातु की उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्था ऑक्साइडों तथा फ्लुओराइडों में प्रदर्शित होती है। क्योंकि ऑक्सीजन तथा फ्लुओरीन उच्च विद्युत ऋणात्मक तत्त्व हैं तथा आकर में छोटे होते हैं। ये प्रबल ऑक्सीकारक होते हैं। उदाहरणार्थऑस्मियम, OsF6 में +6 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है तथा वेनेडियम, V2O5 में +5 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
  3. धातु ऑक्सोऋणायनों में उच्च ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित होती है जैसे- Cr2O2-7 में Cr की ऑक्सीकरण अवस्था +6 है, जबकि MnO4 में Mn की ऑक्सीकरण अवस्था +7 है। धातु का ऑक्सीजन से संयोग का कारण यह है कि ऑक्सीजन उच्च विद्युत ऋणात्मक तथा ऑक्सीकरक तत्त्व है।

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