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Chapter 7 खनिज तथा ऊर्जा संसाधन Solutions

Question - 1 : -
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर को चुनिए
(i) निम्नलिखित में से किस राज्य में प्रमुख तेल क्षेत्र स्थित हैं
(क) असम
(ख) बिहार
(ग) राजस्थान
(घ) तमिलनाडु।

(ii) निम्नलिखित में से किस स्थान पर पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था
(क) कलपक्कम
(ख) नरोरा
(ग) राणाप्रताप सागर
(घ) तारापुर।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा खनिज ‘भूरा-हीरा’ के नाम से जाना जाता है
(क) लौह
(ख) लिग्नाइट
(ग) मैंगनीज
(घ) अभ्रक।

(iv) निम्नलिखित में से कौन-सा ऊर्जा का अनवीकरणीय स्त्रोत है
(क) जल
(ख) सौर
(ग) ताप
(घ) पवन।

Answer - 1 : -

(i) (क) असम
(ii) (घ) तारापुर।
(iii) (ख) लिग्नाइट।
(iv) (ग) ताप।

Question - 2 : - भारत में अभ्रक के वितरण का विवरण दें।

Answer - 2 : -

भारत में अभ्रक का वितरण-आन्ध्र प्रदेश भारत का 72 प्रतिशत से भी अधिक अभ्रक उत्पादित करता है। इस राज्य की मुख्य अभ्रक पेटी नैल्लोर जिले में है। अभ्रक उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का दूसरा स्थान है। इस राज्य की प्रमुख अभ्रक पेटी जयपुर से उदयपुर तक विस्तृत है। अभ्रक उत्पादक अन्य राज्य झारखण्ड, बिहार, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ तथा उत्तर प्रदेश हैं।

Question - 3 : - नाभिकीय ऊर्जा क्या है? भारत के प्रमुख नाभिकीय ऊर्जा केन्द्रों के नाम लिखें।

Answer - 3 : -

नाभिकीय ऊर्जा परमाणु के विखण्डन से प्राप्त ऊर्जा है। यह परमाणु के नाभिक में परिवर्तन लाकर प्राप्त की जाती है। नाभिकीय ऊर्जा के प्रमुख केन्द्र

  1. तारापुर (महाराष्ट्र)
  2. रावतभाटा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (राजस्थान)
  3. कलपक्कम परमाणु ऊर्जा केन्द्र (तमिलनाडु)
  4. नरौरा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (उत्तर प्रदेश)
  5. कैगा परमाणु ऊर्जा केन्द्र (कर्नाटक)
  6. काकरापारा परमाणु शक्ति केन्द्र (गुजरात)।

Question - 4 : - अलौह धातुओं के नाम बताएँ। उनके स्थानिक वितरण की विवेचना करें।

Answer - 4 : -

1. ताँबा – सिंहभूम (झारखण्ड), झुंझुनू (राजस्थान), बालाघाट (मध्य प्रदेश) एवं दुर्ग (छत्तीसगढ़)।
2. बॉक्साइट – ओडिशा, झारखण्ड, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु एवं कर्नाटक राज्य आदि।

Question - 5 : - ऊर्जा के अपारम्परिक स्रोत कौन-से हैं?

Answer - 5 : -

ऊर्जा के अपारम्परिक स्रोत निम्नलिखित हैं—बायो गैस, जैव पदार्थ, सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, लघु जलविद्युत परियोजनाएँ, सौर फोटोवोल्टाइक ऊर्जा एवं ऊर्जा ग्राम आदि।

Question - 6 : - भारत के पेट्रोलियम संसाधनों पर विस्तृत टिप्पणी लिखें।

Answer - 6 : -

भारत के पेट्रोलियम संसाधन-भारतीय भू-गर्भ सर्वेक्षण विभाग के अनुमानों के अनुसार भारत में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस (हाइड्रोकार्बन) के कुल भण्डार 17 अरब टन हैं, जिनमें से 75 प्रतिशत अब तक स्थापित हो चुके हैं।
भारत में तेल क्षेत्रों का वितरण
1. उत्तर – पूर्वी प्रदेश-यह ऊपरी असम घाटी, अरुणाचल प्रदेश तथा नागालैण्ड के विशाल क्षेत्र में विस्तृत है। इस क्षेत्र के महत्त्वपूर्ण उत्पादक डिगबोई, नहरकटिया, मोरान, रुद्रसागर, गालेकी और हुगरीजन हैं।

2. गुजरात प्रदेश – इस प्रदेश के मुख्य उत्पादक अंकलेश्वर, कलोन, नवगाँव, कोसांबा, कठना, बरकोल, मेहसाना, सनंद और ल्यूनेज हैं। सौराष्ट्र के भावनगर से 45 किमी दूर पश्चिम में अलियाबेट द्वीप में भी तेल मिलता है।
3. मुम्बई हाई – यह मुम्बई तट के समीप मुम्बई से 176 किमी दूर उत्तर-पश्चिम में स्थित है। यहाँ सन् 1975 में तेल की खोज का कार्य आरम्भ किया गया। यहाँ सागर सम्राट नामक मंच बनाया गया है। अनुमान है कि यहाँ पर 80 करोड़ टन तेल संगृहीत है। मुम्बई हाई के दक्षिण में एक और तेल क्षेत्र बेसीन की खोज हुई है। यहाँ के भण्डार मुम्बई के तेल भण्डारों से बड़े माने जा रहे हैं।

4. पूर्वी तट प्रदेश – यह प्रदेश कृष्णा-गोदावरी और कावेरी की द्रोणियों में विस्तृत है। नारीमनम और कोविलप्पल कावेरी द्रोणी के प्रमुख तेल क्षेत्र हैं।

5. अन्य – राजस्थान के जैसलमेर व बाड़मेर जिलों में भी तेल के भण्डार मिले हैं।

Question - 7 : - भारत में जलविद्युत पर एक निबन्ध लिखें।

Answer - 7 : -

भारत में जलविद्युत
सबसे सस्ती विद्युत जलविद्युत है। उसके अलावा जलविद्युत ऊर्जा का नवीकरणीय, स्वच्छ, परिमित्र और सदा रहने वाला स्रोत है।

भारत में प्रथम जलविद्युत केन्द्र सन् 1897 में दार्जिलिंग में शुरू किया गया। इसके बाद सन् 1902 में कर्नाटक में शिवसमुद्रम में जलविद्युत केन्द्र की स्थापना हुई। इसके बाद जम्मू और कश्मीर तथा महाराष्ट्र में जल-विद्युत परियोजनाएं शुरू की गईं। जलविद्युत का वास्तविक विकास आजादी के बाद पंचवर्षीय योजनाओं के लागू होने पर हुआ।

सन् 1947 में देश की कुल जलविद्युत उत्पादन क्षमता 508 मेगावाट. थी जो कि 2006-07 में 34.7 हजार मेगावाट हो गयी। 1950-51 में इसकी भागीदारी 49 प्रतिशत थी, जो कि 2006-07 में घटकर केवल 16.9 प्रतिशत रह गई। देश में ऊर्जा संकट के सन्दर्भ में जलविद्युत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण के अनुमान के अनुसार देश में 84,000 मेगावाट जलविद्युत की सम्भावित उत्पादन क्षमता है।

जलविद्युत उत्पादन के लिए आवश्यक भौगोलिक दशाएँ

  1. प्राकृतिक जल प्रपात
  2. कृत्रिम जल प्रपात
  3. निरन्तर जल प्रवाह
  4. उपयुक्त जलवायु
  5. स्वच्छ जल
  6. उपभोग के लिए माँग
  7. पर्याप्त पूँजी आदि।
भारत में जलविद्युत उत्पादन में वृद्धि के लिए राष्ट्रीय जलविद्युत निगम, उत्तर-पूर्व ऊर्जा निगम (नीपको), सतलुज जलविद्युत निगम, टिहरी जलविद्युत विकास निगम, भाखड़ा-व्यास प्रबन्धन बोर्ड तथा दामोदर घाटी निगम की स्थापना की गई है।

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