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Chapter 7 गजल Solutions

Question - 1 : -
आखिरी शेर में गुलमोहर की चर्चा हुई है। क्या उसका आशय एक खास तरह के फूलदार वृक्ष से है या उसमें कोई सांकेतिक अर्थ निहित है। समझाकर लिखें।

Answer - 1 : -

अंतिम शेर में गुलमोहर का शाब्दिक अर्थ तो एक खास फूलदार वृक्ष से ही है, पर सांकेतिक अर्थ बड़ा मार्मिक है। इस शेर में कवि दुष्यंत कुमारे यह बताना चाहते हैं कि जीवन वही उत्तम है जो अपने घर की सुखद छाया में है और मरना वह उत्तम है कि दूसरों को सुख देने के लिए मरा जा सके।

Question - 2 : -
पहले शेर में ‘चिराग’ शब्द एक बार बहुवचन में आया है और दूसरी बार एकवचन में। अर्थ एवं काव्य-सौंदर्य की दृष्टि से इसका क्या महत्व है?

Answer - 2 : -

पहले शेर में ‘चिराग’ शब्द का बहुवचन, ‘चिरागाँ’ का प्रयोग हुआ है। इसका अर्थ था-बहुत-सारी सुख-सुविधाएँ उपलब्ध करवाना, दूसरी बार यह एकवचन में प्रयुक्त हुआ है। इसमें इसका अर्थ है-सीमित सुविधाएँ मिलना। दोनों का अपना महत्व है। बहुवचन के रूप में यह कल्पना को बताता है, जबकि दूसरा रूप यथार्थ को दर्शाता है। कवि ने एक ही शब्द का प्रतीकात्मक व लाक्षणिक शब्द करके अपनी अद्भुत कल्पना क्षमता का परिचय दिया है।

Question - 3 : -
गजल के तीसरे शेर को गौर से पढ़ें। यहाँ दुष्यंत का इशारा किस तरह के लोगों की ओर है?

Answer - 3 : -

न हो कमीज़ तो पावों से पेट बँक लेंगे,
ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफ़र के लिए।
यहाँ उन लोगों की ओर इशारा किया गया है जो हीनता और तंगहाली अथवा अभाव के समय तन ढकने के लिए कमीज़ पाने का प्रयास नहीं करते वरन् उस अभावग्रस्त दशा में अपने पैरों से पेट ढककर जीवन जी लेते हैं। उनके लिए मुनासिब शब्द का प्रयोग करता हुआ कवि यह भी स्पष्ट कर देना चाहता है कि जीवन की यह शैली अपनानेवाले ही आज जी सकते हैं।

Question - 4 : -
आशय स्पष्ट करें:
तेरा निजाम है सिल दे जुबान शायर की,
ये एहतियात जरूरी है इस बहर के लिए।

Answer - 4 : -

इसमें कवि शायरों और शासक के संबंधों के बारे में बताता है। शायर सत्ता के खिलाफ लोगों को जागरूक करता है। इससे सत्ता को क्रांति का खतरा लगता है। वे स्वयं को बचाने के लिए शायरों की जबान अर्थात् कविताओं पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। जैसे गजल के छद के लिए बंधन की सावधानी जरूरी है, उसी तरह शासकों को भी अपनी सत्ता कायम रखने के लिए विरोध को दबाना जरूरी है।

Question - 5 : -
दुष्यंत की इस गजल का मिजाज बदलाव के पक्ष में है। इस कथन पर विचार करें।

Answer - 5 : -

गज़ल को बार-बार पढ़कर सहपाठियों के साथ विचार करें, परस्पर चर्चा करें कि दुष्यंत किस बात से खिन्न हैं और व्यवस्था में बदलाव क्यों चाहते हैं? उपर्युक्त प्रश्न परिचर्चा के आयोजन के लिए है।

Question - 6 : -
‘हमको मालूम है जनत की हकीकत लेकिन
दिल के खुश रखने को गालिब ये खयाल अच्छा है”
दुष्यंत की गजल का चौथा शेर पढ़ें और बताएँ कि गालिब के उपर्युक्त शेर से वह किस तरह जुड़ता है?

Answer - 6 : -

दुष्यंत की गजल पर चौथा शेर है-
खुदा नहीं, न सही, आदमी का ख्वाब सही,
कोई हसीन नजारा तो है नजर के लिए।
गालिब के शेर से यह शेर पूरी तरह प्रभावित है। दोनों का अर्थ एक जैसा है। गालिब ‘जन्नत’ को तथा दुष्यंत खुदा को मानव की कल्पना मानते हैं। दोनों इनके अस्तित्व को मन संतुष्ट रखने का कारण मानते हैं।

Question - 7 : -
‘यहाँ दरख्तों के साये में धूप लगती है’ यह वाक्य मुहावरे की तरह अलग-अलग परिस्थितियों में अर्थ दे सकता है मसलन, यह ऐसी अदालतों पर लागू होता है, जहाँ इंसाफ नहीं मिल पाता। कुछ ऐसी परिस्थितियों की कल्पना करते हुए निम्नांकित अधूरे वाक्यों को पूरा करें-
(क) यह ऐसे नाते-रिश्तों पर लागू होता है, ………….
(ख) यह ऐसे विद्यालयों पर लागू होता है,………….
(ग) यह ऐसे अस्पतालों पर लागू होता है, ………….
(घ) यह ऐसी पुलिस व्यवस्था पर लागू होता है, ………….

Answer - 7 : -

(क) यह ऐसे नाते-रिश्तेदारों पर लागू होता है जो प्यार नहीं करते।
(ख) यह ऐसे विद्यालयों पर लागू होता है, जहाँ पढ़ाई नहीं होती।
(ग) यह ऐसे अस्पतालों पर लागू होता है, जहाँ इलाज नहीं होता।
(घ) यह ऐसी पुलिस व्यवस्था पर लागू होता है, जहाँ सुरक्षा नहीं मिलती।

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