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Chapter 8 ऐसे ऐसे Solutions

Question - 1 : -
सड़क के किनारे एक सुंदर फ्लैट में बैठक को दृश्य। उसका एक दरवाज़ा सड़क वाले बरामदे में खुलता है उस पर एक फोन रखा है। इस बैठक की पूरी तसवीर बनाओ।

Answer - 1 : -

छात्र दिए गए विवरण के आधार पर स्वयं तसवीर बनाने का प्रयास करें।

Question - 2 : -
माँ मोहन के ऐसे-ऐसे’ कहने पर क्यों घबरा रही थी?

Answer - 2 : -

मोहन के पेट में दर्द था। वह रह-रह कर कराहता था और बेचैनी में करवटें बदलता था। पूछने पर वह बस यही कहता था कि उसके पेट में ऐसे-ऐसे हो रहा है। माँ समझ नहीं पा रही थी कि आखिर यह बीमारी कौन-सी है। उन्हें मोहन के चेहरे का रंग उड़ा हुआ-सा लगता था। यही कारण है कि वह मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ कहने पर घबरा रही थी।

Question - 3 : -
ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते | हैं? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।

Answer - 3 : -

ऐसे कई बहाने हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं। जैसे-पेट दर्द, सिर दर्द या बुखार का बहाना, माँ की बीमारी, पिताजी के शहर से बाहर गए होने का बहाना, बस छूट जाने का बहाना इत्यादि।

Question - 4 : -
स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में ‘ऐसे-ऐसे होने के बहाने बनाए। मान लो, एक बार उसे सचमुच पेट में दर्द हो गया और उसकी बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया, तब मोहन पर क्या बीती होगी?

Answer - 4 : -

स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में ‘ऐसे-ऐसे होने के बहाने बनाए। मान लो, एक बार उसे सचमुच पेट में दर्द हो गया और उसकी बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया, तब मोहन पर क्या बीती होगी?

Question - 5 : -
पाठ में आए वाक्य- ‘लोचा-लोचा फिरे है’ के बदले ‘ढीला-ढाला हो गया है या बहुत कमज़ोर हो गया है’-लिखा जा सकता है लेकिन, लेखक ने संवाद में विशेषता लाने के लिए बोलियों के रंग-ढंग का उपयोग किया है। इस पाठ में इस तरह की अन्य पंक्तियाँ भी हैं। जैसे
– इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं,
– राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया,
– तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है।

• अनुमान लगाओ, इन पंक्तियों को दूसरे ढंग से कैसे लिखा जा सकता है?

Answer - 5 : -

आजकल इतनी नई-नई बीमारियाँ निकली हैं।
इन बीमारियों ने परेशान कर दिया है।
तुम तो बहुत चालाक हो।

Question - 6 : -
मान लो कि तुम मोहन की तबीयत पूछने जाते हो। तुम अपने और मोहन के बीच की बातचीत को संवाद के रूप में लिखो।

Answer - 6 : -

मैं-अरे मोहन! तुम्हारी कैसी तबीयत है?
मोहन–मेरे पेट में बहुत दर्द है।
मैं—तुमने कल क्या खाया था?
मोहन-कल तो मैंने कुछ भी नहीं खाया।
मैं-ऐसे कैसे? मोहन-बस ऐसे-ऐसे।
मैं-जब कुछ नहीं खाया तो दर्द कैसे हो गया?
मोहन-पता नहीं कैसे हो गया।
मैं-किसी डॉक्टर को दिखाया
मोहन-हाँ, डॉक्टर को दिखाया है, वे दवाई दे गए हैं, चलो अच्छी है जल्दी ठीक हो जाओगे।

Question - 7 : -
संकट के समय के लिए कौन-कौन से नंबर याद रखने चाहिए? ऐसे वक्त में पुलिस, फायर ब्रिगेड और डॉक्टर से तुम कैसे बात करोगे? कक्षा में करके बताओ।

Answer - 7 : -

संकट के समय के लिए पुलिस स्टेशन का नंबर 100, फायर ब्रिगेड का नंबर 101, तथा एंबुलेंस बुलाने का नंबर 102 याद रखना चाहिए। यदि कहीं कोई दुर्घटना, चोरी या मार-पीट हो जाए तो पुलिस स्टेशन का 100 नंबर डायल करके घटना की सूचना देते हुए उस स्थान का पता देना चाहिए और शीघ्र आने का निवेदन करना चाहिए। इसी प्रकार आग लग जाने पर फायर ब्रिगेड का 101 नंबर और किसी के अचानक बीमार पड़ जाने पर शीघ्र इलाज के लिए एंबुलेंस बुलाने हेतु 102 नंबर डायल कर घटना की जानकारी देते हुए उस स्थान का पता जरूर बता देना चाहिए, जहाँ उनकी जरूरत है। छात्र कक्षा में करके बताएँ कि ये सारी बातें फोन पर कैसे करेंगे।

Question - 8 : -
मास्टर- ” स्कूल का काम तो पूरा कर लिया है?
(मोहन हाँ में सिर हिलता है।)
मोहन-जी, सब काम पूरा कर लिया है।
• इस स्थिति में नाटक का अंत क्या होता ? लिखो।

Answer - 8 : -

ऐसी स्थिति में मास्टर जी समझ जाते कि मोहन बहाना नहीं कर रहा है। उसके पेट में सचमुच दर्द है। वह मोहन के माता-पिता को उसका ठीक तरह से इलाज कराने की सलाह देते।

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