The Total solution for NCERT class 6-12
Answer - 1 : - नींद की गोलियों में प्रशांतक या प्रतिअवसादक होते हैं। ये तंत्रिका तन्त्र को प्रभावित करके नींद लाते हैं। यदि इनकी खुराक भली प्रकार नियन्त्रित न हो तब ये हानिकारक प्रभाव डालते हैं तथा विष की तरह कार्य करके मृत्यु तक कारित करते हैं। अत: यह सलाह दी जाती है कि इन नींद की गोलियों को चिकित्सक की सलाह से लेना चाहिए।
Answer - 2 : - यह वक्तव्य औषध के फार्माकोलोजिकल (pharmacological) आधार पर वर्गीकरण की ओर संकेत करता है क्योंकि औषध जिसका प्रयोग आमाशय में उपस्थित अम्ल के आधिक्य को उदासीन करता है, प्रतिअम्ल (antacid) कहलाता है।
Answer - 3 : - हमें कृत्रिम मधुरकों की आवश्यकता कैलोरी कम करने तथा दंतक्षय को रोकने के लिए पड़ती है।
Answer - 4 : - (i)
Answer - 5 : -
अपमार्जक अणु में उपस्थित विभिन्न प्रकार्यात्मक समूह हैं
Answer - 6 : - औषधों को विभिन्न प्रकार से वर्गीकृत करने के अनेक लाभ हैं। उदाहरणार्थ, फार्माकोलोजिकल प्रभाव के आधार पर वर्गीकरण डॉक्टरों के लिए लाभदायक है क्योंकि इससे उन्हें किसी रोग विशेष के उपचार के लिए उपलब्ध सभी औषधों की जानकारी मिलती है। इसी प्रकार जैवरासायनिक प्रक्रम पर प्रभाव के आधार पर वर्गीकरण से वांछित औषध के संश्लेषण के लिए सही यौगिक के चयन में सहायता मिलती है। अणु लक्ष्यों के आधार पर वर्गीकरण से केमिस्टों को किसी विशेष ग्राही स्थल के लिए सर्वाधिक प्रभावी औषध के निर्माण में सहायता मिलती है। स्पष्ट है कि प्रत्येक प्रकार के वर्गीकरण की अपनी उपयोगिता है।
Answer - 7 : - औषध सामान्यत: जैविक वृहदाणुओं जैसे-कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, प्रोटीन, न्यूक्लीक अम्ल के साथ अन्योन्यक्रियाएँ करते हैं जिन्हें औषध लक्ष्य कहते हैं।
Answer - 8 : - प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लिपिड, न्यूक्लीक अम्ल आदि।
Answer - 9 : - बिना डॉक्टर के परामर्श के दवाइयाँ इसलिए नहीं लेनी चाहिए क्योंकि अधिक मात्रा में दवा विषैला प्रभाव डालती है तथा जीवधारी के कार्यों में व्यवधान उत्पन्न करती है।
Answer - 10 : - रसायन विज्ञान की वह शाखा जो रसायनों के द्वारा रोगों के उपचार से संबंधित होती है, रसायन चिकित्सा कहलाती है।