MENU

Chapter 11 ऐल्कोहॉल, फीनॉल एवं ईथर (Alcohols Phenols and Ethers) Solutions

Question - 41 : -
ऐरिल ऐल्किल ईथरों में निम्नलिखित तथ्यों की व्याख्या कीजिए –
1. ऐल्कॉक्सी समूह बेन्जीन वलय को इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन के प्रति सक्रियित करता है। तथा
2. यह प्रवेश करने वाले प्रतिस्थापियों को बेन्जीन वलय की ऑर्थोएवं पैरास्थितियों की ओर निर्दिष्ट करता है।

Answer - 41 : - 1. ऐरिल ऐल्किल ईथरों में ऐल्कॉक्सी समूह +R प्रभाव के कारण बेन्जीन वलय पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ा देता है तथा बेन्जीन वलय को इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाओं के प्रति सक्रिय करता है।

2. चूँकि इलेक्ट्रॉन घनत्व m-स्थानों की तुलना में ऑर्थो तथा पैरा स्थानों पर अधिक हो जाता है, इसलिए इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ मुख्यत: ऑर्थों तथा पैरा स्थानों पर होती हैं।
उदाहरणार्थ –
ऐरोमैटिक ईथर फ्रीडेल-क्राफ्ट ऐल्किलीकरण तथा फ्रीडेल-क्राफ्ट ऐसिलीकरण अभिक्रियाएँ भी देते हैं।
उदाहरणार्थ

Question - 42 : - मेथॉक्सीमेथेन की HI के साथ अभिक्रिया की क्रियाविधि लिखिए।

Answer - 42 : - मेथॉक्सीमेथेन तथा HI की सममोलर मात्राएँ मेथिल ऐल्कोहॉल तथा मेथिल आयोडाइड का मिश्रण बनाती हैं। अभिक्रिया की क्रियाविधि इस प्रकार है

यदि HIकी अधिक मात्रा का प्रयोग किया जाता है तो द्वितीय पद में बना मेथेनॉल निम्नलिखित क्रियाविधि द्वारा मेथिल आयोडाइड में परिवर्तित हो जाता है

Question - 43 : -

निम्नलिखित अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए

  1. फ्रीडेल-क्राफ्ट अभिक्रिया-ऐनिसोल का ऐल्किलीकरण
  2. ऐनिसोल का नाइट्रीकरण
  3. एथेनोइक अम्ल माध्यम में ऐनिसोल का ब्रोमीनीकरण
  4. ऐनिसोल का फ्रीडेल-क्राफ्ट ऐसीटिलीकरण।

Answer - 43 : - 1. फ्रीडेल-क्राफ्ट अभिक्रिया (Friedel-Craftsreaction) – ऐनिसोल फ्रीडेल-क्राफ्ट अभिक्रिया दर्शाता है अर्थात् निर्जलीय ऐलुमिनियम क्लोराइड (लुईस अम्ल) उत्प्रेरक की उपस्थिति में ऐल्किल हैलाइड से अभिक्रिया होने पर ऐल्किल समूह ऑर्थों तथा पैरास्थितियों पर निर्देशित हो जाता है।

2. ऐनिसोल को नाइट्रीकरण (Nitration ofAnisole) – ऐनिसोल की अभिक्रिया सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल तथा सान्द्र नाइट्रिक अम्ल के मिश्रण से कराने पर ऑथों तथा पैरा-नाइट्रोऐनिसोल का मिश्रण प्राप्त होता है।
3. एथेनोइक अम्ल के माध्यम में ऐनिसोल का ब्रोमीनीकरण ( हैलोजेनीकरण) [Bromination ofAnisole in medium of Ethanoic Acid (Halogenation)] – फेनिलऐल्किल ईथर बेन्जीन वलय में सामान्य हैलोजेनीकरण दर्शाते हैंउदाहरणार्थऐनिसोल आयरन (II) ब्रोमाइड उत्प्रेरक की अनुपस्थिति में भी एथेनोइक अम्ल माध्यम में ब्रोमीन के साथ ब्रोमीनीकरण दर्शाता है। ऐसा मेथॉक्सी समूह द्वारा बेन्जीन वलय को सक्रियत करने के कारण होता है। पैरा समावयव की 90% मात्रा प्राप्त होती है।
4. ऐनिसोल का फ्रीडेल-क्राफ्ट ऐसीटिलीकरण (Friedel-Craftsacetylation of anisole) –

Question - 44 : - उपयुक्त ऐल्कीनों से आप निम्नलिखित ऐल्कोहॉलों का संश्लेषण कैसे करेंगे?

Answer - 44 : -


4-मेथिलहेप्ट-3-ईन से अम्ल की उपस्थिति में H2O के योग से वांछित ऐल्कोहॉल प्राप्त होता है।
पेन्ट-1-ईन से H2O का योग होने पर वांछित ऐल्कोहॉल प्राप्त होता है।
अतः वांछित ऐल्कीन पेन्ट-2-ईन के स्थान पर पेन्ट-1-ईन होगा।
इनमें से किसी भी ऐल्कीन से अम्ल की उपस्थिति में H2O के योग से वांछित ऐल्कोहॉल प्राप्त होता है।

Question - 45 : - 3-मेथिलब्यूटेन-2-ऑल को HBr से अभिकृत कराने पर अग्रलिखित अभिक्रिया होती है
[संकेत-चरण II में प्राप्त द्वितीयक कार्बोकैटायन हाइड्राईड आयन विचलन के कारण पुनर्विन्यासित होकर स्थायी तृतीयक कार्बोकैटायन बनाते हैं।

Answer - 45 : - दिए गए ऐल्कोहॉल के प्रोटॉनित होकर जल के अणु को निष्कासित करने परकाबकैटायन (I) प्राप्त होता है जो अस्थायी होने के कारण 1,2-हाइड्राइड शिफ्ट द्वारा पुनर्व्यवस्थित होकर अधिक स्थायीकार्बोकिटायन (II) देता है। इस कार्योकैटायन (II) पर Br आयन की नाभिकरागी अभिक्रिया अन्तिम उत्पाद देती है।

Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×