The Total solution for NCERT class 6-12
Answer - 31 : - क्रियाविधि (Mechanism) – एथेनॉल के अम्लीय निर्जलन से एथीन प्राप्त करने की क्रियाविधि निम्नलिखित पदों में सम्पन्न होती है –प्रथम पद : प्रोटॉनित ऐल्कोहॉल का बनना (Formation ofprotonated alcohol) –
प्रथम पद में प्रयुक्त अम्ल, अभिक्रिया के तृतीय पद में मुक्त हो जाता है। साम्य को दायीं ओर विस्थापित करने के लिए एथीन बनते ही निष्कासित कर ली जाती है।
Answer - 32 : -
Answer - 33 : -
Answer - 34 : -
ऋणविद्युती ऑक्सीजन परमाणु के हाइड्रोजन परमाणु से जुड़े होने के कारण एथेनॉल में अन्तरा-अणुक हाइड्रोजन आबन्धन पाया जाता है जिसके परिणामस्वरूप एथेनॉल संयुग्मी अणु के रूप में पाया जाता है। H-आबन्धों को तोड़ने के लिए ऊर्जा की अत्यधिक मात्रा की आवश्यकता पड़ती है। अतः एथेनॉल का क्वथनांक मेथॉक्सीमेथेन, जो कि हाइड्रोजन आबन्धन नहीं बनाता है, से उच्च होता है।
Answer - 35 : -
(i) 1.एथॉक्सी-2-मेथिलप्रोपेन(ii) 2-क्लोरो-1-मेथॉक्सीएथेन(iii) 4.नाइट्रोऐनिसोल(iv) 1-मेथॉक्सीप्रोपेन(v) 4-एथॉक्सी-1,1-डाइमेथिलसाइक्लोहेक्सेन(vi) एथॉक्सीबेन्जीन
Answer - 36 : -
Answer - 37 : - विलियमसन संश्लेषण को तृतीयक ऐल्किल हैलाइडों को बनाने में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है, चूंकि इससे ईथर के स्थान पर ऐल्कीन प्राप्त होते हैं। उदाहरणार्थ– CH3ONa की (CH3)3C-Brके साथ अभिक्रिया द्वारा केवल 2-मेथिलप्रोपीन प्राप्त होती है।
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऐल्कॉक्साइड ने केवल नाभिकरागी होते हैं, अपितु प्रबल क्षारक भी होते हैं। वे ऐल्किल हैलाइडों के साथ विलोपन, अभिक्रिया देते हैं।
Answer - 38 : - निम्नलिखित विधि का प्रयोग किया जाता है –(a) विलियमसन संश्लेषण द्वारा (By Williamsonsynthesis)
Answer - 39 : - प्राथमिक ऐल्कोहॉलों का ईथरों में अम्लीय निर्जलन SN 2 क्रियाविधि द्वारा होता है जिसमें ऐल्कोहॉल अणु का नाभिकस्नेही आक्रमण प्रोटॉनीकृत ऐल्कोहॉल अणु पर होता है।
Answer - 40 : -