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Chapter 11 ऐल्कोहॉल, फीनॉल एवं ईथर (Alcohols Phenols and Ethers) Solutions

Question - 31 : - एथेनॉल के अम्लीय निर्जलन से एथीन प्राप्त करने की क्रियाविधि लिखिए।

Answer - 31 : - क्रियाविधि (Mechanism) – एथेनॉल के अम्लीय निर्जलन से एथीन प्राप्त करने की क्रियाविधि निम्नलिखित पदों में सम्पन्न होती है
प्रथम पद : प्रोटॉनित ऐल्कोहॉल का बनना (Formation ofprotonated alcohol) –

द्वितीय पद : कार्बोधनायन का बनना (Formation ofCarbocation) – यह सबसे धीमा पद है, अतः यह अभिक्रिया का दर निर्धारक पद होता है।
तृतीय पद : प्रोटॉन के निकल जाने से एथीन को बनना (Formation of etheneby elimination of a proton) –

प्रथम पद में प्रयुक्त अम्ल, अभिक्रिया के तृतीय पद में मुक्त हो जाता है। साम्य को दायीं ओर विस्थापित करने के लिए एथीन बनते ही निष्कासित कर ली जाती है।

Question - 32 : -
निम्नलिखित परिवर्तनों को किस प्रकार किया जा सकता है?
(i) प्रोपीन → प्रोपेन-2-ऑल
(ii) बेन्जिल क्लोराइड → बेन्जिल ऐल्कोहॉल
(iii) एथिल मैग्नीशियम क्लोराइड → प्रोपेन-1-ऑल
(iv) मेथिल मैग्नीशियम ब्रोमाइड → 2-मेथिलप्रोपेन-2-ऑल।

Answer - 32 : -


Question - 33 : -
निम्नलिखित अभिक्रियाओं में प्रयुक्त अभिकर्मकों के नाम बताइए –
1. प्राथमिक ऐल्कोहॉल का कार्बोक्सिलिक अम्ल में ऑक्सीकरण
2. प्राथमिक ऐल्कोहॉल का ऐल्डिहाइड में ऑक्सीकरण
3. फीनॉल का 2, 4, 6-ट्राइब्रोमोफीनॉल में ब्रोमीनीकरण
4. बेन्जिल ऐल्कोहॉल से बेन्जोइक अम्ल
5. प्रोपेन-2-ऑल का प्रोपीन में निर्जलन ।
6. ब्यूटेन-2-ऑन से ब्यूटेन-2-ऑल।

Answer - 33 : -

  1. अम्लीकृत पोटैशियम डाइक्रोमेट या उदासीन, अम्लीय या क्षारीय KMnO4
  2. पिरीडीनियम क्लोरोक्रोमेट (PCC), C5H5NH+Cr CrO3Cl (CH2Cl2 में)
    या पिरीडीनियम डाइक्रोमेट (PDC), (C5H5H)2Cr2O7 (CH2Cl2 में)
  3. जलीय ब्रोमीन अर्थात् Br2/H2O
  4. अम्लीकृत या क्षारीय KMnO4
  5. सान्द्र H2SO4 (443 K पर)
  6. Ni/H2 या LiAlH4 या NaBH4

Question - 34 : - कारण बताइए कि मेथॉक्सीमेथेन की तुलना में एथेनॉल का क्वथनांक उच्च क्यों होता है?

Answer - 34 : -

ऋणविद्युती ऑक्सीजन परमाणु के हाइड्रोजन परमाणु से जुड़े होने के कारण एथेनॉल में अन्तरा-अणुक हाइड्रोजन आबन्धन पाया जाता है जिसके परिणामस्वरूप एथेनॉल संयुग्मी अणु के रूप में पाया जाता है। H-आबन्धों को तोड़ने के लिए ऊर्जा की अत्यधिक मात्रा की आवश्यकता पड़ती है। अतः एथेनॉल का क्वथनांक मेथॉक्सीमेथेन, जो कि हाइड्रोजन आबन्धन नहीं बनाता है, से उच्च होता है।

Question - 35 : - निम्नलिखित ईथरों के आई०यू०पी०ए०सी० (IUPAC) नाम दीजिए –

Answer - 35 : -

(i) 1.एथॉक्सी-2-मेथिलप्रोपेन
(ii) 2-
क्लोरो-1-मेथॉक्सीएथेन
(iii) 4.
नाइट्रोऐनिसोल
(iv) 1-
मेथॉक्सीप्रोपेन
(v) 4-
एथॉक्सी-1,1-डाइमेथिलसाइक्लोहेक्सेन
(vi)
एथॉक्सीबेन्जीन

Question - 36 : -
निम्नलिखित ईथरों को विलियमसन संश्लेषण द्वारा बनाने के लिए अभिकर्मकों के नाम एवं समीकरण लिखिए –
(i) 1-प्रोपॉक्सीप्रोपेन
(ii) एथॉक्सीबेन्जीन
(iii) 2-मेथॉक्सी-2-मेथिलप्रोपेन
(iv) 1-मेथॉक्सीएथेन।

Answer - 36 : -


Question - 37 : - कुछ विशेष प्रकार के ईथरों को विलियमसन संश्लेषण द्वारा बनाने की सीमाओं को उदाहरणों से समझाइए।

Answer - 37 : - विलियमसन संश्लेषण को तृतीयक ऐल्किल हैलाइडों को बनाने में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है, चूंकि इससे ईथर के स्थान पर ऐल्कीन प्राप्त होते हैं। उदाहरणार्थ– CH3ONa की (CH3)3C-Brके साथ अभिक्रिया द्वारा केवल 2-मेथिलप्रोपीन प्राप्त होती है।

ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ऐल्कॉक्साइड ने केवल नाभिकरागी होते हैं, अपितु प्रबल क्षारक भी होते हैं। वे ऐल्किल हैलाइडों के साथ विलोपन, अभिक्रिया देते हैं।

Question - 38 : - प्रोपेन-1-ऑल से 1-प्रोपॉक्सीप्रोपेन को किस प्रकार बनाया जाता है? इस अभिक्रिया की क्रियाविधि लिखिए।

Answer - 38 : - निम्नलिखित विधि का प्रयोग किया जाता है
(a) 
विलियमसन संश्लेषण द्वारा (By Williamsonsynthesis)

(b) 413 K पर 1-प्रोपेनॉल का सान्द्र H2SO4 के साथ निर्जलन द्वारा (By dehydration of1-propanol with conc. H2SO4 at 413 K)

Question - 39 : - द्वितीयकृ अथवा तृतीयक ऐल्कोहॉलों के अम्लीय निर्जलन द्वारा ईथरों को बनाने की विधि उपयुक्त नहीं है। कारण बताइए।

Answer - 39 : - प्राथमिक ऐल्कोहॉलों का ईथरों में अम्लीय निर्जलन SN 2 क्रियाविधि द्वारा होता है जिसमें ऐल्कोहॉल अणु का नाभिकस्नेही आक्रमण प्रोटॉनीकृत ऐल्कोहॉल अणु पर होता है।

इन परिस्थितियों में द्वितीयक तथा तृतीयक ऐल्कोहॉल ईथरों के स्थान पर ऐल्कीन देते हैं। प्रोटॉनीकृत ऐल्कोहॉल अणु पर ऐल्कोहॉल अणु का नाभिकस्नेही आक्रमण नहीं होता है। इसके स्थान पर प्रोटॉनीकृत द्वितीयक तथा तृतीयक ऐल्कोहॉल जल का एक अणु खोकर स्थायीतथाकार्बोधनायन बनाते हैं। ये कार्बोधनायन वरीयता से H+ खोकर ऐल्कीन बनाते हैं।
समान प्रकार सेऐल्कोहॉल ईथरों के स्थान पर ऐल्कीन देते हैं।

Question - 40 : -
हाइड्रोजन आयोडाइड की निम्नलिखित के साथ अभिक्रिया के लिए समीकरण लिखिए –
(i) 1-प्रोपॉक्सीप्रोपेन
(ii) मेथॉक्सीबेन्जीन तथा
(iii) बेन्जिल एथिल ईथर।

Answer - 40 : -


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