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Question -

ऐरिल ऐल्किल ईथरों में निम्नलिखित तथ्यों की व्याख्या कीजिए –
1. ऐल्कॉक्सी समूह बेन्जीन वलय को इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन के प्रति सक्रियित करता है। तथा
2. यह प्रवेश करने वाले प्रतिस्थापियों को बेन्जीन वलय की ऑर्थोएवं पैरास्थितियों की ओर निर्दिष्ट करता है।



Answer -

1. ऐरिल ऐल्किल ईथरों में ऐल्कॉक्सी समूह +R प्रभाव के कारण बेन्जीन वलय पर इलेक्ट्रॉन घनत्व बढ़ा देता है तथा बेन्जीन वलय को इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाओं के प्रति सक्रिय करता है।

2. चूँकि इलेक्ट्रॉन घनत्व m-स्थानों की तुलना में ऑर्थो तथा पैरा स्थानों पर अधिक हो जाता है, इसलिए इलेक्ट्रॉनस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ मुख्यत: ऑर्थों तथा पैरा स्थानों पर होती हैं।
उदाहरणार्थ –
ऐरोमैटिक ईथर फ्रीडेल-क्राफ्ट ऐल्किलीकरण तथा फ्रीडेल-क्राफ्ट ऐसिलीकरण अभिक्रियाएँ भी देते हैं।
उदाहरणार्थ

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