MENU

Chapter 5 गति के नियम (Laws of Motion) Solutions

Question - 31 : - चित्र-5.14 में दर्शाए अनुसार 50 kg संहति का कोई व्यक्ति 25 kg संहति के किसी गुटके को दो भिन्न ढंग से उठाता है। दोनों स्थितियों में उस व्यक्ति द्वारा फर्श पर आरोपित क्रिया-बल कितना है? यदि 700 N अभिलम्ब बल से फर्श धंसने लगता है तो फर्श को धंसने से बचाने के लिए उस व्यक्ति को गुटके को उठाने के लिए कौन-सा ढंग अपनाना चाहिए?

Answer - 31 : -


इसलिए फर्श द्वारा व्यक्ति पर आरोपित ऊर्ध्वाधर बल
F’ = W2 + F = (500 + 250)
न्यूटन = 750 न्यूटन

(b) चित्र 5.15 (b) में व्यक्ति द्वारा बल F नीचे की ओर लगाया जा रहा है। अतः फर्श पर प्रतिक्रिया R = F ऊपर की ओर होगी।
अतः फर्श द्वारा व्यक्ति पर आरोपित लम्बवत् बल F” = W2 – F
F” = 500
न्यूटन – 250 न्यूटन = 250 न्यूटन
दिया है कि फर्श 700 न्यूटन के लम्बवत् बल से नीचे धंसने लगता है, अत: उपर्युक्त विवेचना से स्पष्ट है कि व्यक्ति को गुटके को उठाने के लिए विधि (b) अपनानी चाहिए।

Question - 32 : -
40 kg संहति का कोई बन्दर 600 N का अधिकतम तनाव सह सकने योग्य किसी रस्सी पर चढता है (चित्र-5.16)। नीचे दी गई स्थितियों में से किसमें रस्सी टूट जाएगी –
(a) बन्दर 6 ms -2 त्वरण से ऊपर चढ़ता है
(b) बन्दर 4ms -2 त्वरण से नीचे उतरता है
(c) बन्दर 5 ms -2 की एकसमान चाल से ऊपर चढ़ता है,
(d) बन्दर लगभग मुक्त रूप से गुरुत्व बल के प्रभाव में रस्सी से गिरता है। (रस्सी की संहति उपेक्षणीय मानिए)

Answer - 32 : -

(a) माना बन्दर का द्रव्यमान m है, तब गुरुत्व के कारण उसका भार mg है। माना रस्सी में उत्पन्न तनाव T है।
जब बन्दर रस्सी के सहारे ऊपर की ओर त्वरित गति करे, तब
T1-mg= ma1
अर्थात् डोरी में तनाव,
T1 =ma1 +mg = m(a1 +g)
= 40
किग्रा x (6+10) मी/से 2 =640 न्यूटन
T1 > 600
न्यूटन (अतः रस्सी टूट जायेगी)

(b) जब बन्दर नीचे को त्वरित गति करे, तब
mg -T2 = ma2
या डोरी में तनाव, T2 =m(g-a2)
= 40 × (10 – 4)
न्यूटन = 240 न्यूटन
T2 <600
न्यूटन (अतः रस्सी नहीं टूटेगी।)

(c) जब बन्दर रस्सी के सहारे ऊपर चढ़नी शुरू करे, तब
a3 = 0
∴ T3 – mg = ma3 = 0
या
T3 = mg
डोरी में तनाव, T3 =40 × 10 न्यूटन = 400 न्यूटन
इस दशा में भी T3 <600 न्यूटन (अतः रस्सी नहीं टूटेगी।)

(d) जब बन्दर मुक्त रूप से नीचे उतरता है तो बन्दर भारहीनता की अवस्था में होगा अर्थात् डोरी में तनाव शून्य होगा।
चूँकि नीचे उतरने की दशा में,
T = m (g-d)
तथा यहाँ a = g
T = 0 (
अतः रस्सी नहीं टूटेगी।)

केवल स्थिति (a) में रस्सी टूटेगी क्योंकि इसमें महत्तम तनाव 600 न्यूटन से अधिक है।

Question - 33 : -

दो पिण्ड A तथा B, जिनकी संहति क्रमशः 5 kg तथा 10 kg है-एक-दूसरे के सम्पर्क में एक मेज पर किसी दृढ विभाजक दीवार के सामने विराम में रखे हैं। (चित्र-5.17) पिण्डों तथा मेज के बीच घर्षण गुणांक A B E 0.15 है। 200 N का कोई बल क्षैतिजतः A पर आरोपित किया जाता है।

(a) विभाजक दीवार की प्रतिक्रिया तथा
(b) A
तथा B के बीच क्रिया-प्रतिक्रिया बल क्या है? विभाजक दीवार को हटाने पर क्या होता है? यदि पिण्ड गतिशील है तो क्या (b) का उत्तर बदल जाएगा? µs तथा µk के बीच अन्तर की उपेक्षा कीजिए।

Answer - 33 : -


Question - 34 : - 15 kg संहति का कोई गुटका किसी लंबी ट्रॉली पर रखा है। गुटके तथा ट्रॉली के बीच स्थैतिक घर्षण गुणांक 0.18 है। ट्रॉली विरामावस्था से 20 s तक 0.5 ms-2 के त्वरण से त्वरित होकर एकसमान वेग से गति करने लगती है- (a) धरती पर स्थिर खड़े किसी प्रेक्षक को तथा (b) ट्रॉली के साथ गतिमान किसी अन्य प्रेक्षक को, गुटके की गति कैसी प्रतीत होगी, इसकी विवेचना कीजिए।

Answer - 34 : -

गुटके का द्रव्यमान m = 15 kg, µ = 0.18
t = 20s
के लिए, ट्रॉली का त्वरण a1 = 0.5 m s-2
तत्पश्चात् ट्रॉली का वेग अचर है।
प्रारम्भ में ट्रॉली त्वरित गति करती है; अत: यह एक अजड़त्वीय निर्देश तन्त्र है।
गुटके पर एक छद्म बल F1 =ma1 =15 × 0.5 =7.5 N
पीछे की ओर कार्य करेगा।
जबकि ट्रॉली के फर्श द्वारा गुटके पर आरोपित अग्रगामी घर्षण बल
F2 =µ N.=µm g = 0.18 × 15 × 10 = 27 N
गुटके पर पश्चगामी बेल घर्षण बल की तुलना में कम है; अतः गुटका पीछे की ओर नहीं फिसलेगा और ट्रॉली के साथ-साथ गति करेगा।
(a) 
धरती पर खड़े स्थिर प्रेक्षक को गुटका ट्रॉली के साथ गति करता प्रतीत होगा।
(b) 
ट्रॉली के साथ गतिमाने प्रेक्षक को गुटका स्वयं के सापेक्ष विराम अवस्था में दिखाई देगा।

Question - 35 : - चित्र-5.18 में दर्शाए अनुसार किसी ट्रक का पिछला भाग खुला है तथा 40 kg संहति का एक सन्दूक खुले सिरे से 5 m दूरी पर रखा है। ट्रक के फर्श तथा संदूक के बीच घर्षण गुणांक 0.15 है। किसी सीधी सड़क पर ट्रक विरामावस्था से गति प्रारम्भ करके 2m s-2 से त्वरित होता है। आरम्भ बिन्दु से कितनी दूरी चलने पर वह सन्दूक ट्रक से नीचे गिर जाएगा? (सन्दूक के आमाप की उपेक्षा कीजिए।)

Answer - 35 : -


Question - 36 : -
15 cm त्रिज्या का कोई बड़ा ग्रामोफोन रिकार्ड 33  rev/min की चाल से घूर्णन कर रहा है। रिकार्ड पर उसके केन्द्र से 4cm तथा 14 cm की दूरियों पर दो सिक्के रखे गए हैं। यदि सिक्के तथा रिकार्ड के बीच घर्षण गुणांक 0.15 है तो कौन-सा सिक्का रिकार्ड के साथ परिक्रमा करेगा?

Answer - 36 : -



Question - 37 : - आपने सरकस में ‘मौत के कुएँ (एक खोखला जालयुक्त गोलीय चैम्बर ताकि उसके भीतर के क्रियाकलापों को दर्शक देख सकें) में मोटरसाइकिल सवार को ऊध्र्ध्वाधर लूप में मोटरसाइकिल चलाते हुए देखा होगा। स्पष्ट कीजिए कि वह मोटरसाइकिल सवार नीचे से कोई सहारा न होने पर भी गोले के उच्चतम बिन्दु से नीचे क्यों नहीं गिरता? यदि चैम्बर की त्रिज्या 25 m है तो ऊर्ध्वाधर लूप को पूरा करने के लिए मोटरसाइकिल की न्यूनतम चाल कितनी होनी चाहिए?

Answer - 37 : -

गोलीय चैम्बर के उच्चतम बिन्दु पर मोटरसाइकिल सवार चैम्बर को बाहर की ओर दबाता है और प्रतिक्रिया स्वरूप चैम्बर सवार पर गोले के केन्द्र की ओर दिष्ट प्रतिक्रियाR लगाता है। सवार वे मोटरसाइकिल का भार mg भी गोले के केन्द्र की ओर कार्य करते हैं। ये दोनों बल सवार को वृत्तीय गति करने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्र बल प्रदान करते हैं, जिसके कारण सवार नीचे नहीं गिर पाता।
इस बिन्दु पर गति की समीकरण

R + mg = mυ2 / r
जहाँ υ सवार की चाल तथा r गोले की त्रिज्या है।

ऊर्ध्वाधर लूप को पूरा पार करने के लिए उच्चतम बिन्दु पर न्यूनतम चाल (क्रान्तिक चाल)

Question - 38 : - 70 kg संहति का कोई व्यक्ति अपने ऊध्र्वाधर अक्ष पर 200 rev/min की चाल से घूर्णन करती 3m त्रिज्या की किसी बेलनाकार दीवार के साथ उसके सम्पर्क में खड़ा है। दीवार तथा उसके कपड़ों के बीच घर्षण गुणांक 0.15 है। दीवार की वह न्यूनतम घूर्णन चाल ज्ञात कीजिए, जिससे फर्श को यकायक हटा लेने पर भी, वह व्यक्ति बिनागिरे दीवार से चिपका रह सके।

Answer - 38 : -


Question - 39 : -

R त्रिज्याका पतला वृत्तीय तार अपने ऊर्ध्वाधरं व्यास के परितः कोणीय आवृत्ति से घूर्णन कर रहा है। यह दर्शाइए कि इस तार में डली कोई मणिका ω ≤ 

के लिए अपने निम्नतम बिन्दु पर रहती है। ω = के लिए, केन्द्र से मनके को जोड़ने वाला त्रिज्य सदिश ऊर्ध्वाधर अधोमुखी दिशा से कितना कोण बनाता है? (घर्षण को उपेक्षणीय मानिए)


Answer - 39 : - माना कि मणिका का द्रव्यमान m है तथा किसी क्षण मणिका को वृत्तीय तार के केन्द्र से मिलाने वाली त्रिज्या ऊर्ध्वाधर से θ कोण पर झुकी है।
इस समय मणिका पर दो बल लगे हैं
(1) 
वृत्तीय तार की अभिलम्ब प्रतिक्रिया N केन्द्र O की ओर।
(2) 
भूमिका का भार mg नीचे की ओर।
मणिका वृत्तीय तार के साथ PQ = r त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घूम रही है, जिसका केन्द्र Q है।
जहाँ r = PQ=OP sin 8 = R sin θ
प्रतिक्रिया N की ऊर्ध्वाधर तथा क्षैतिज घटकों में वियोजित करने पर, ऊध्र्वाधर घटक N cos θ भार को सन्तुलित करता है।
अर्थात् N cos θ = mg
क्षैतिज घटक N sin θ, अभिकेन्द्र बल mr ω2 प्रदान करता है।
अर्थात् N sin θ mr ω2
N sin θ =m (R sin θ) ω2
N = mR ω2
समी० (1) में मान रखने पर,

Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×