Chapter 5 गति के नियम (Laws of Motion) Solutions
Question - 21 : - यदि अभ्यास प्रश्न 21 में पत्थर की चाल को अधिकतम निर्धारित सीमा से भी अधिक कर दिया जाए तथा डोरी यकायक टूट जाए, तो डोरी के टूटने के पश्चात पत्थर के प्रक्षेप का सही वर्णन निम्नलिखित में से कौन करता है –
(a) वह पत्थर झटके के साथ त्रिज्यतः बाहर की ओर जाता है।
(b) डोरी टूटने के क्षण पत्थर स्पर्शरेखीय पथ पर उड़ जाता है।
(c) पत्थर स्पर्शी से किसी कोण पर, जिसका परिमाण पत्थर की चाल पर निर्भर करता है, उड़ जाता है।
Answer - 21 : - (b) डोरी टूटने के क्षण पत्थर स्पर्शरेखीय पथ पर उड़ जाता है क्योंकि उस क्षण पर पत्थर की चाल स्पर्शरेखीय होती है।
Question - 22 : - स्पष्ट कीजिए कि क्यों :
(a) कोई घोड़ा रिक्त दिकस्थान (निर्वात) में किसी गाड़ी को खींचते हुए दौड़ नहीं सकता।
(b) किसी तीव्र गति से चल रही बस के यकायक रुकने पर यात्री आगे की ओर गिरते हैं।
(c) लान मूवर को धकेलने की तुलना में खींचना आसान होता है।
(d) क्रिकेट का खिलाड़ी गेंद को लपकते समय अपने हाथ गेंद के साथ पीछे को खींचता है।
Answer - 22 : -
(a) रिक्त दिक्स्थान (निर्वात) में घोड़े को गाड़ी खींचने के लिए आवश्यक प्रतिक्रिया नहीं मिल पाएगी।
(b) तीव्र गति से गतिशील बस में बैठे यात्री का शरीर गाड़ी के ही वेग से गति करता रहता है। जब यकायक गाड़ी रुकती है तो फर्श के सम्पर्क में स्थित यात्री के पैर तो ठीक उसी समय विराम में आ जाते हैं, परन्तु गति के जड़त्व के कारण ऊपर का शरीर गतिशील बना रहता है और यात्री आगे की ओर गिर जाते हैं।
(c) लान मूवर को धकेलने की अपेक्षा खींचना आसान है – मान लीजिए कि चित्र-5.9 (a) के अनुसार एक लान मूवर को धकेलकर ले जाया जा रहा है। इसके लिए हम मूवर के हत्थे के अनुदिश एक बल 
लगाते हैं, जो क्षैतिज से नीचे की ओर θ कोण (माना) पर कार्य करता है। मूवर पर कार्यरत अन्य बल, उसका भार Mg, भूमि की अभिलम्ब प्रतिक्रिया N तथा पश्चमुखी घर्षण बल ƒ1 है।
∵ ऊध्र्वाधर दिशा में कोई गति नहीं है।
अतः इस दिशा में नेट बल शून्य होगा।

समीकरण (1) व (2) से स्पष्ट है कि मूवर को खींचते समये अभिलम्ब प्रतिक्रिया उसे धकेलते समय अभिलम्ब प्रतिक्रियासे कम है। चूंकि सीमान्त घर्षण बल अभिलम्ब प्रतिक्रिया के अनुक्रमानुपातीहोता है; अतः मूवर को खींचते समय अपेक्षाकृत कम घर्षण बल लगेगा। इससे स्पष्ट है कि मूवर को खींचकर ले जाना धकेलकर ले जाने की तुलना में आसान होता है।
(d) क्रिकेट का खिलाड़ी गेंद को लपकते समय अपने हाथ गेंद के साथ पीछे को खींचता है – ऐसा करने में गेंद को विराम में आने तक पर्याप्त समय मिल जाता है, इससे गेंद के संवेग की परिवर्तन की दर कम हो जाती है और हाथों पर लगने वाला बल घट जाता है फलस्वरूप चोट लगने की सम्भावना कम हो जाती है।
Question - 23 : - चित्र 5.10 में 0.04kg संहति के किसी पिण्ड का स्थिति-समय ग्राफ दर्शाया गया है। इस गति के लिए कोई उचित भौतिक संदर्भ प्रस्तावित कीजिए। पिण्ड द्वारा प्राप्त दो क्रमिक आवेगों के बीच समय-अन्तराल क्या है? प्रत्येक आवेग का परिमाण क्या है?
Answer - 23 : -
यह स्थिति-समय ग्राफ दो समान्तर ऊर्ध्वाधर दीवारों के बीच एकसमान चाल से क्षैतिज गति करती हुई गेंद का ग्राफ हो सकता है, जो बारम्बार एक दीवार से टकराती है फिर 2s बाद दूसरी दीवार से टकराती है। यह क्रिया लगातार चलती है।
पिण्ड के वेग में प्रत्येक 2 s के अन्तराल के बाद परिवर्तन आता है।

Question - 24 : - चित्र 5.11 में कोई व्यक्ति 1 ms-2 त्वरण से गतिशील क्षैतिज संवाहक पट्टे पर स्थिर खड़ा है। उस व्यक्ति पर आरोपित नेट बल क्या है? यदि व्यक्ति के जूतों और पट्टे के बीच स्थैतिक घर्षण गुणांक 0.2 है तो पट्टे के कितने त्वरण तक वह व्यक्ति उस पट्टे के सापेक्ष स्थिर रह सकता है? (व्यक्ति की संहति = 65 kg)
Answer - 24 : -
(i) दिया है : पट्टे का त्वरण a = 1 m s -2, व्यक्ति का द्रव्यमान m = 65 kg
∵ व्यक्ति पट्टे पर स्थिर खड़ा है; अत: व्यक्ति का त्वरण भी a = 1 m s -2 है।
सूत्र F = m a से,
व्यक्ति पर आरोपित नेट बल F = 65 kg × 1 ms -2 = 65 N
(ii) व्यक्ति के जूतों और पट्टे के बीच स्थैतिक घर्षण गुणांक µs = 0.2
∵ पट्टा क्षैतिज है; अतः मनुष्य पर पट्टे की अभिलम्ब प्रतिक्रिया
N = mg = 65 kg × 10 m s -2 = 650 N
माना पट्टे का अधिकतम त्वरण a है, तब पट्टे के साथ गति करने के लिए व्यक्ति को ma के बराबर बल की आवश्यकता होगी जो उसे स्थैतिक घर्षण से मिलेगा।
इसके लिए आवश्यक है कि
Question - 25 : - m संहति के पत्थर को किसी डोरी के एक सिरे से बाँधकर R त्रिज्या के ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमायो जाता है। वृत्त के निम्नतम तथा उच्चतम बिन्दुओं पर ऊर्ध्वाधरतः अधोमुखी दिशा में नेट बल है- (सही विकल्प चुनिए)
Answer - 25 : -
निम्नतम बिन्दु पर तनाव T1 ऊपर की ओर, भार mg नीचे की ओर है।
∴ नेट अधोमुखी बल = mg – T1
उच्चतम बिन्दु पर तनाव T2 व भार mg दोनों नीचे की ओर लगेंगे।
∴ नेट अधोमुखी बल = mg + T2
अतः विकल्प (i) सही है।
Question - 26 : - 1000 kg संहति का कोई हेलीकॉप्टर 15 ms-2 के ऊध्र्वाधर त्वरण से ऊपर उठता है। चालक दल तथा यात्रियों की संहति 300 kg है। निम्नलिखित बलों का परिमाण व दिशा लिखिए –
(a) चालक दल तथा यात्रियों द्वारा फर्श पर आरोपित बल
(b) चारों ओर की वायु पर हेलीकॉप्टर के रोटर की क्रिया, तथा
(c) चारों ओर की वायु के कारण हेलीकॉप्टर पर आरोपित बल।
Answer - 26 : -
Question - 27 : - 15 ms-1 चाल से क्षैतिजतः प्रवाहित कोई जलधारा 10 -2 मी 2 अनुप्रस्थ काट की किसी नली से बाहर निकलती है तथा समीप की किसी ऊर्ध्वाधर दीवार से टकराती है। जल की टक्कर द्वारा, यह मानते हुए कि जलधारा टकराने पर वापस नहीं लौटती, दीवार पर आरोपित बल ज्ञात कीजिए।
Answer - 27 : - नली के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल A=10 -2 मी 2
इससे निकलने वाली जल-धारा का वेग अर्थात् प्रति सेकण्ड तय की दूरी
υ=15 मी/से
∴ नली से निकलकर दीवार पर प्रति सेकण्ड लम्बवत् टकराने वाले जल को आयतन =A × υ
अतः दीवार पर प्रति सेकण्ड लम्बवत् टकराने वाले जल का द्रव्यमान
m= आयतन × जल का घनत्व =A × υ × p
जल का घनत्व, p =103 किग्रा/मी 3
m =10-2 मी2 × 15 मी/से x 103 किग्रा/मी3 =150 किग्रा
चूँकि दीवार पर टकराने पर जल-धारा वापस नहीं लौटती है अर्थात् उसका वेग शून्य हो जाता है, अत: ∆t =1 सेकण्ड में जल-धारा के संवेग में परिवर्तन,

Question - 28 : - किसी मेज पर एक-एक रुपये के दस सिक्कों को एक के ऊपर एक करके रखा गया है। प्रत्येके सिक्के की संहतिm है। निम्नलिखित प्रत्येक स्थिति में बल का परिमाण एवं दिशा लिखिए
(a) सातवें सिक्के (नीचे से गिनने पर) पर उसके ऊपर रखे सभी सिक्कों के कारण बल
(b) सातवें सिक्के पर आठवें सिक्के द्वारा आरोपित बल, तथा
(c) छठे सिक्के की सातवें सिक्के पर प्रतिक्रिया।
Answer - 28 : -
(a) नीचे से सातवें सिक्के के ऊपर तीन सिक्के रखे हैं।
अतः सातवाँ सिक्का इन तीन सिक्कों के भार के बराबर बल का अनुभव करेगा।
∴ सातवें सिक्के पर ऊपर के सिक्कों के कारण बल = 3 mg N
(b) आठवें सिक्के के ऊपर दो सिक्के और रखे हैं; अत: सातवें सिक्के पर आठवें सिक्के के कारण बल, आठवें सिक्के तथा ऊपर के दो सिक्कों के भारों के योग के बराबर होगा।
∴सातवें सिक्के पर आठवें सिक्के के कारण बल = mg + 2 mg= 3 mg N
(c) सातवें सिक्के के ऊपर तीन सिक्के रखे हैं; अत: सातवाँ सिक्का अपने तथा ऊपर के तीन सिक्कों के भारों के योग के बराबर बल से छठवें सिक्के को दबाएगा।
अत: छठे सिक्के पर सातवें के कारण बल = mg + 3 mg = 4 mgN
∴ छठवें सिक्के की सातवें पर प्रतिक्रिया = 4mg N
Question - 29 : - कोई वायुयान अपने पंखों को क्षैतिज से 15° के झुकाव पर रखते हुए 720 kmh-1 की चाल से एक क्षैतिज लूप पूरा करता है। लूप की त्रिज्या क्या है?
Answer - 29 : -
Question - 30 : - कोई रेलगाड़ी बिना ढाल वाले 30 m त्रिज्या के वृत्तीय मोड़ पर 54 kmh-1 की चाल से चलती है। रेलगाड़ी की संहति 106 kg है। इस कार्य को करने के लिए आवश्यक अभिकेन्द्र बल कौन प्रदान करता है, इंजन अथवा पटरियाँ ? पटरियों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए मोड़ का ढाल-कोण कितना होना चाहिए?
Answer - 30 : - आवश्यक अभिकेन्द्र बल पटरियाँ प्रदान करती हैं।