Question -
Answer -
(a) माना बन्दर का द्रव्यमान m है, तब गुरुत्व के कारण उसका भार mg है। माना रस्सी में उत्पन्न तनाव T है।
जब बन्दर रस्सी के सहारे ऊपर की ओर त्वरित गति करे, तब
T1-mg= ma1
अर्थात् डोरी में तनाव,
T1 =ma1 +mg = m(a1 +g)
= 40 किग्रा x (6+10) मी/से 2 =640 न्यूटन
T1 > 600 न्यूटन (अतः रस्सी टूट जायेगी)
(b) जब बन्दर नीचे को त्वरित गति करे, तब
mg -T2 = ma2
या डोरी में तनाव, T2 =m(g-a2)
= 40 × (10 – 4) न्यूटन = 240 न्यूटन
T2 <600 न्यूटन (अतः रस्सी नहीं टूटेगी।)
(c) जब बन्दर रस्सी के सहारे ऊपर चढ़नी शुरू करे, तब
a3 = 0
∴ T3 – mg = ma3 = 0
या
T3 = mg
∴ डोरी में तनाव, T3 =40 × 10 न्यूटन = 400 न्यूटन
इस दशा में भी T3 <600 न्यूटन (अतः रस्सी नहीं टूटेगी।)
(d) जब बन्दर मुक्त रूप से नीचे उतरता है तो बन्दर भारहीनता की अवस्था में होगा अर्थात् डोरी में तनाव शून्य होगा।
चूँकि नीचे उतरने की दशा में,
T = m (g-d) तथा यहाँ a = g
T = 0 (अतः रस्सी नहीं टूटेगी।)
केवल स्थिति (a) में रस्सी टूटेगी क्योंकि इसमें महत्तम तनाव 600 न्यूटन से अधिक है।