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Question -

R त्रिज्याका पतला वृत्तीय तार अपने ऊर्ध्वाधरं व्यास के परितः कोणीय आवृत्ति से घूर्णन कर रहा है। यह दर्शाइए कि इस तार में डली कोई मणिका ω ≤ 

के लिए अपने निम्नतम बिन्दु पर रहती है। ω = के लिए, केन्द्र से मनके को जोड़ने वाला त्रिज्य सदिश ऊर्ध्वाधर अधोमुखी दिशा से कितना कोण बनाता है? (घर्षण को उपेक्षणीय मानिए)




Answer -

माना कि मणिका का द्रव्यमान m है तथा किसी क्षण मणिका को वृत्तीय तार के केन्द्र से मिलाने वाली त्रिज्या ऊर्ध्वाधर से θ कोण पर झुकी है।
इस समय मणिका पर दो बल लगे हैं
(1) 
वृत्तीय तार की अभिलम्ब प्रतिक्रिया N केन्द्र O की ओर।
(2) 
भूमिका का भार mg नीचे की ओर।
मणिका वृत्तीय तार के साथ PQ = r त्रिज्या के वृत्तीय पथ पर घूम रही है, जिसका केन्द्र Q है।
जहाँ r = PQ=OP sin 8 = R sin θ
प्रतिक्रिया N की ऊर्ध्वाधर तथा क्षैतिज घटकों में वियोजित करने पर, ऊध्र्वाधर घटक N cos θ भार को सन्तुलित करता है।
अर्थात् N cos θ = mg
क्षैतिज घटक N sin θ, अभिकेन्द्र बल mr ω2 प्रदान करता है।
अर्थात् N sin θ mr ω2
N sin θ =m (R sin θ) ω2
N = mR ω2
समी० (1) में मान रखने पर,

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