Chapter 12 ध्वनि Solutions
Question - 21 : - ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्ध्य क्यों
Answer - 21 : -
ध्वनि तरंगें द्रव्यात्मक (material) माध्यम में ही संचारित होती हैं। ये तरंगें संपीडनों तथा विरलनों की सहायता से द्रव्यात्मक माध्यम में संचारित होती है। इन तरंगों के संचरण में माध्यम के कण ध्वनि संचरण की दिशा में ही अपनी माध्य स्थिति के दोनों ओर कंपन करते हैं। क्योंकि माध्यम के कणों की कंपन की दिशा ध्वनि तरंगों के संचरण की दिशा के अनुदिश है या समान्तर है। अत: ध्वनि तरंगें अनुदैर्ध्य तरंगें होती हैं।
Question - 22 : - ध्वनि का कौन-सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है?
Answer - 22 : -
ध्वनि की गुणता, अंधेरे कमरे में बैठे मित्र की आवाज पहचानने में सहायता करती है।
Question - 23 : - तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन चमक दिखाई देने के कुछ सेकण्ड पश्चात् गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है?
Answer - 23 : -
यह प्रकाश की काफी उच्च चाल के कारण होता है कि तड़ित की चमक हम पहले देखते हैं और तुलनात्मक रूप से ध्वनि की निम्न चाल के कारण यह होता है कि गर्जन कुछ सेकण्ड पश्चात् सुनाई देती है।
Question - 24 : - किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परास 20 Hz से 20 kHz है। इन दो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगदैर्घ्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344 ms-1 लीजिए।
Answer - 24 : -
(i) आवृत्ति, n = 20 Hz
वायु में ध्वनि का वेग = 344 ms-1
υ = nλ
अथवा 344 = 20 x λ
अथवा λ = = 17.2m
(ii) आवृत्ति, n = 20 KHz = 20,000 Hz
वायु में ध्वनि का वेग = 344ms-1
υ = n x λ
344 = 20,000 x λ
अथवा λ = =0.0172 m = 0.017 m
Question - 25 : - दो बालक किसी ऐलुमिनियम पाइप के दो सिरों पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा ऐलुमिनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय का अनुपात ज्ञात कीजिए।
Answer - 25 : -
माना छड़ की लंबाई = x m
वायु से होकर जाने में ध्वनि द्वारा लिया गया समय
Question - 26 : - किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100 Hz है। एक मिनट में यह कितनी बार कंपन करेगा?
Answer - 26 : -
आवृत्ति = 100 Hz
समय = 1 मिनट = 60 सेकण्ड
कंपनों की संख्या = आवृत्ति x समय = 100 Hz x 60 सेकण्ड = 6000 कंपन
Question - 27 : - क्या ध्वनि परावर्तन के उन्हीं नियमों को पालन करती है जिनका कि प्रकाश की तरंगें करती हैं? इन नियमों को बताइए।
Answer - 27 : -
हाँ, ध्वनि भी परावर्तन के उन्हीं नियमों का पालन करती है जिनका प्रकाश की तरंगें करती हैं। ये नियम निम्न प्रकार हैं-
- अभिलंब तथा ध्वनि के आपतन होने की दिशा तथा परावर्तन होने की दिशा के बीच बने कोण आपस में बराबर होते हैं।
- इन तीनों की दिशाएँ एक ही तल में होती हैं।
Question - 28 : - ध्वनि का एक स्रोत किसी परावर्तक सतह के सामने रखने पर उसके द्वारा प्रदत्त ध्वनि तरंग की प्रतिध्वनि सुनाई देती है। यदि स्रोत तथा परावर्तक सतह की दूरी स्थिर रहे तो किस दिन प्रतिध्वनि अधिक शीघ्र सुनाई देगी-
(i) जिस दिन तापमान अधिक हो?
(ii) जिस दिन तापमान कम हो?
Answer - 28 : -
गर्म दिन में हमें प्रतिध्वनि जल्दी सुनाई देगी क्योंकि ध्वनि की चाल माध्यम के ताप पर निर्भर करती है। माध्यम का ताप बढ़ने के कारण ध्वनि की चाल भी बढ़ जाती है। अत: जिस दिन ताप अधिक मेगा उस दिन हमें प्रतिध्वनि ठंडे दिन की अपेक्षा जल्दी सुनाई देगी।
Question - 29 : - ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लिखिए।
Answer - 29 : -
ध्वनि परावर्तन के उपयोग निम्नलिखित हैं-
1. मेगाफोन, हॉर्न, तूर्य तथा शहनाई जैसे-वाद्य यंत्र सभी इस प्रकार बनाए जाते हैं कि ध्वनि सभी दिशाओं में फैले बिना केवल एक विशेष दिशा में ही जाती है। इन यन्त्रों में एक नली का आगे का खुला भाग शंक्वाकार होता है। यह स्रोत से उत्पन्न ध्वनि तरंगों को बार-बार परावर्तित करके श्रोताओं की ओर आगे की दिशा में भेज देता है तथा ध्वनि सभी दिशाओं में नहीं फैलती।
2. कन्सर्ट हॉल, सम्मेलन कक्षों तथा सिनेमा हॉल की छतें भी वक्राकार बनाई जाती हैं जिससे कि परावर्तन के बाद ध्वनि हाल के सभी भागों तक पहुँच जाय। कभी-कभी वक्राकार ध्वनि-पट्टों को मंच के पीछे रख दिया जाता है जिससे ध्वनि, ध्वनि-पट्ट से परावर्तित होकर समान रूप से पूरे हॉल में फैल जाय।
Question - 30 : - 500 मी ऊँची किसी मीनार की चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब में गिराया जाता है। पानी में इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी? (g = 10 ms-2 तथा ध्वनि की चाल = 340 ms-1)
Answer - 30 : -
(i) मीनार की ऊँचाई, h = 500 m
पत्थर को आरंभिक वेग, u = 0
पत्थर द्वारा तालाब तक पहुँचने में लिया गया समय = t
पत्थर द्वारा पानी के सतह तक पहुँचने में लिया गया समय तथा ध्वनि द्वारा मीनार की चोटी तक पहुँचने में लिया गया समय = 10 + 1.47 = 11.47 s
अत: ध्वनि चोटी पर 11.47 s के बाद सुनाई देगी।