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Question -

ध्वनि तरंगों के परावर्तन के दो व्यावहारिक उपयोग लिखिए।



Answer -

ध्वनि परावर्तन के उपयोग निम्नलिखित हैं-
1. मेगाफोन, हॉर्न, तूर्य तथा शहनाई जैसे-वाद्य यंत्र सभी इस प्रकार बनाए जाते हैं कि ध्वनि सभी दिशाओं में फैले बिना केवल एक विशेष दिशा में ही जाती है। इन यन्त्रों में एक नली का आगे का खुला भाग शंक्वाकार होता है। यह स्रोत से उत्पन्न ध्वनि तरंगों को बार-बार परावर्तित करके श्रोताओं की ओर आगे की दिशा में भेज देता है तथा ध्वनि सभी दिशाओं में नहीं फैलती।
2. कन्सर्ट हॉल, सम्मेलन कक्षों तथा सिनेमा हॉल की छतें भी वक्राकार बनाई जाती हैं जिससे कि परावर्तन के बाद ध्वनि हाल के सभी भागों तक पहुँच जाय। कभी-कभी वक्राकार ध्वनि-पट्टों को मंच के पीछे रख दिया जाता है जिससे ध्वनि, ध्वनि-पट्ट से परावर्तित होकर समान रूप से पूरे हॉल में फैल जाय।

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