Chapter 8 अपचयोपचय अभिक्रियाएँ (Redox Reactions) Solutions
Question - 21 : - Mn3+ आयन विलयन में अस्थायी होता है तथा असमानुपातन द्वारा Mn2+, MnO2 और H+ आयन देता है। इस अभिक्रिया के लिए सन्तुलित आयनिक समीकरण लिखिए।
Answer - 21 : -
Question - 22 : - Cs, Ne, I तथा F में ऐसे तत्व की पहचान कीजिए, जो
(क) केवल ऋणात्मक ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
(ख) केवल धनात्मक ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
(ग) ऋणात्मक तथा धनात्मक दोनों ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
(घ) न ऋणात्मक और न ही धनात्मक ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
Answer - 22 : -
(क) F : यह सर्वाधिक वैद्युत ऋणात्मक तत्त्व है और सदैव -1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
(ख) Cs : यह एक क्षार धातु है जो अत्यधिक वैद्युत धनात्मक है। यह सदैव +1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है।
(ग) I: यह एक हैलोजन है। इसके संयोजक कोश में सात इलेक्ट्रॉन पाये जाते हैं। इसलिये यह -1 ऑक्सीकरण अवस्था प्रदर्शित करता है। 4-कोश (orbitals) की उपस्थिति के कारण यह +1, +3, +5, और +7 ऑक्सीकरण अवस्थाएँ भी प्रदर्शित करता है।
(घ) Ne: यह एक उत्कृष्ट गैस (noble gas) है तथा किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग नहीं लेती है। इसलिए, यह न तो धनात्मक ऑक्सीकरण-अवस्था में पाई जाती है और न ही ऋणात्मक ऑक्सीकरण अवस्था में।
Question - 23 : - जल के शुद्धिकरण में क्लोरीन को प्रयोग में लाया जाता है। क्लोरीन की अधिकता हानिकारक होती है। सल्फर डाइऑक्साइड से अभिक्रिया करके इस अधिकता को दूर किया जाता है। जल में होने वाले इस अपचयोपचय परिवर्तन के लिए सन्तुलित समीकरण लिखिए।
Answer - 23 : -
क्लोरीन तथा सल्फर डाइऑक्साइड की अभिक्रिया निम्नलिखित समीकरण द्वारा व्यक्त की जा सकती है
Cl2 +SO2 → Cl– + SO2-4
इस अपचयोपचय अभिक्रिया को आयन-इलेक्ट्रॉन विधि से निम्नांकित पदों में सन्तुलित करते हैं-
पद 1. पहले ढाँचा समीकरण लिखते हैं-
Cl2 +SO2 → Cl–+ SO2-4
पद 2. दो अर्द्ध-अभिक्रियाएँ निम्नवत् हैं-
- ऑक्सीकरण अर्द्ध-अभिक्रिया : SO2 → SO2-4
- अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया : Cl2 → Cl–
पद 3. ऑक्सीकरण अर्द्ध-अभिक्रिया में 0 परमाणुओं को सन्तुलित करने के लिए समीकरण में बाईं ओर दो जल अणु जोड़ते हैं-
SO2 +2H2O → SO2-4 +4H+
पद 4. सन्तुलित अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया निम्नवत् होगी ।-
Cl2 →2Cl–
पद 5. इस पद में हम दोनों अर्द्ध-अभिक्रियाओं में आवेश का सन्तुलन इस प्रकार करेंगे-
SO2 + 2H2O → SO2-4 +4H+ +2e–
Cl2 +2e– → 2Cl–
पद 6. उपर्युक्त दोनों अर्द्ध-अभिक्रियाओं को जोड़ने पर-
Cl2 +SO2 + 2H2O → 2Cl– + SO2-4 +4H+
अन्तिम सत्यापन दर्शाता है कि समीकरण परमाणुओं की संख्या एवं आवेश की दृष्टि से सन्तुलित है।
Question - 24 : - आवर्त सारणी की सहायता से निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
(क) सम्भावित अधातुओं के नाम बताइए, जो असमानुपातन की अभिक्रिया प्रदर्शित कर सकती हों।
(ख) किन्हीं तीन धातुओं के नाम बताइए, जो असमानुपातन अभिक्रिया प्रदर्शित कर सकती हों।
Answer - 24 : -
(क) P4, Cl2 और S हैं।
(ख) Cu, Ga और In| इनकी असमानुपातन की अभिक्रियाएँ निम्न हैं-
2Cu+ (aq) -→ Cu2+(aq) + Cu (s)
3Ga+ (aq) → Ga3+(aq) + 2Ga(s)
3In+ (aq) → In3+(aq) + 2In (3)
ये धातु तीन ऑक्सीकरण अवस्थाओं में पायी जाती हैं, जो निम्न हैं-
Cu: +2, 0, +1
Ga : +3, 0, +1
In : +3, 0, +1
Question - 25 : - नाइट्रिक अम्ल निर्माण की ओस्टवाल्ड विधि के प्रथम पद में अमोनिया गैस के ऑक्सीजन गैस द्वारा ऑक्सीकरण से नाइट्रिक ऑक्साइड गैस तथा जलवाष्प बनती है। 10.0 ग्राम अमोनिया तथा 20.00 ग्राम ऑक्सीजन द्वारा नाइट्रिक ऑक्साइड की कितनी अधिकतम मात्रा प्राप्त हो सकती है?
Answer - 25 : - प्रक्रम की रासायनिक समीकरण निम्न है-
समीकरण के अनुसार 68 ग्राम NH3 के ऑक्सीकरण के लिए 160 ग्राम O2 की आवश्यकता होती है।
∴ 10 ग्राम NH3 के ऑक्सीकरण के लिए होगी O2 की आवश्यकता। प्रक्रम में केवल 20g O2 का प्रयोग किया गया है। अत: O2 सीमान्त अभिकर्मक है।
∵ 160g O2 से प्राप्त होती है, NO= 120g
∴ 20g O2 से प्राप्त होगी, NO=
Question - 26 : - पाठ्य-पुस्तक की सारणी 8:1 में दिए गए मानक विभवों की सहायता से अनुमान लगाइए कि क्या इन अभिकारकों के बीच अभिक्रिया सम्भव है?
(क) Fe3+ तथाI(aq)
(ख) Ag+ तथा Cu(s)
(ग) Fe3+(aq) तथा Br (aq)
(घ) Ag(s) तथा Fe3+(aq)
(ङ) Br2(aq) तथा Fe2+
Answer - 26 : -
(क) सम्भव है- 2Fe3+(aq) + 2I– (aq)→ 2Fe2+ (aq) + I2(s)
(ख) सम्भव है- Cu (s) + 2Ag+ (aq)Cu2+ (aq) + 2Ag (s)
(ग) सम्भव है- Cu (s) + 2Fe3+(aq)→ Cu2+ (aq) + 2Fe2+ (aq)
(घ) सम्भव नहीं है।
(ङ) सम्भव है— Br2 (aq)+2Fe2+(aq) 2Br– (aq) + 2Fe3+(aq)
Question - 27 : - निम्नलिखित में से प्रत्येक के विद्युत-अपघटन से प्राप्त उत्पादों के नाम बताइए-
(क) सिल्वर इलेक्ट्रोड के साथ AgNO का जलीय विलयन
(ख) प्लैटिनम इलेक्ट्रोड के साथ AgNO का जलीय विलयन
(ग) प्लैटिनम इलेक्ट्रोड के साथ H,SO4 का तनु विलयन ।
(घ) प्लैटिनम इलेक्ट्रोड के साथ CuCl2 का जलीय विलयन।
Answer - 27 : -
(क) कैथोड पर Ag प्राप्त होती है। ऐनोड घुलकर Ag+ आयन देगा।
(ख) कैथोड पर Ag, ऐनोड पर O2।
(ग) कैथोड पर H2, ऐनोड पर O2
(घ) कैथोड पर Cu, यदि विलयन सान्द्र है तो ऐनोड पर Cl2 अन्यथा O2।
Question - 28 : - निम्नलिखित धातुओं को उनके लवणों के विलयन में से विस्थापन की क्षमता के क्रम में लिखिए-
Al, Cu, Fe, Mg तथा Zn
Answer - 28 : -
Mg > Al> Zn >Fe>Cu
Question - 29 : - नीचे दिए गए मानक इलेक्ट्रोड विभवों के आधार पर धातुओं को उनकी बढ़ती अपचायक क्षमता के क्रम में लिखिए-
K+/K= -2.93V, Ag+/Ag= 0.80 V, Hg2+/Hg= 0.79V
Mg2+/Mg = -2.37 V, Cr3+/Cr = -0-74V
Answer - 29 : -
Ag < Hg < Cr
Question - 30 : - उस गैल्वेनी सेल कों चित्रित कीजिए, जिसमें निम्नलिखित अभिक्रिया होती है
Zn(s) +2Ag+ (aq) → Zn2+ (aq) + 2Ag(s)
अब बताइए कि-
(क) कौन-सा इलेक्ट्रोड ऋण आवेशित है?
(ख) सेल में विद्युत-धारा के वाहक कौन हैं?
(ग) प्रत्येक इलेक्ट्रोड पर होने वाली अभिक्रियाएँ क्या हैं?
Answer - 30 : -
Zn (s)|Zn2+ (aq)|| Ag+ (aq)| Ag (5)
(क) Zn/ Zn2+ इलेक्ट्रोड ऋण आवेशित है।
(ख) बाह्य परिपथ में वैद्युत धारा के वाहक इलेक्ट्रॉन हैं जिनका प्रवाह Zn इलेक्ट्रोड से Ag इलेक्ट्रोड की ओर होता है।
(ग) ऐनोड पर : Zn (s) → Zn2+ (aq)+2e–
कैथोड पर : 2Ag+ (aq)+ 2e– → 2Ag (s)