MENU
Question -

जल के शुद्धिकरण में क्लोरीन को प्रयोग में लाया जाता है। क्लोरीन की अधिकता हानिकारक होती है। सल्फर डाइऑक्साइड से अभिक्रिया करके इस अधिकता को दूर किया जाता है। जल में होने वाले इस अपचयोपचय परिवर्तन के लिए सन्तुलित समीकरण लिखिए।



Answer -

क्लोरीन तथा सल्फर डाइऑक्साइड की अभिक्रिया निम्नलिखित समीकरण द्वारा व्यक्त की जा सकती है

Cl2 +SO2 → Cl + SO2-4

इस अपचयोपचय अभिक्रिया को आयन-इलेक्ट्रॉन विधि से निम्नांकित पदों में सन्तुलित करते हैं-
पद 1. पहले ढाँचा समीकरण लिखते हैं-

Cl2 +SO2 → Cl+ SO2-4

पद 2. दो अर्द्ध-अभिक्रियाएँ निम्नवत् हैं-

  1. ऑक्सीकरण अर्द्ध-अभिक्रिया : SO2 → SO2-4
  2. अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया : Cl2 → Cl

पद 3. ऑक्सीकरण अर्द्ध-अभिक्रिया में 0 परमाणुओं को सन्तुलित करने के लिए समीकरण में बाईं ओर दो जल अणु जोड़ते हैं-

SO2 +2H2O → SO2-4 +4H+

पद 4. सन्तुलित अपचयन अर्द्ध-अभिक्रिया निम्नवत् होगी -

Cl2 →2Cl

पद 5. इस पद में हम दोनों अर्द्ध-अभिक्रियाओं में आवेश का सन्तुलन इस प्रकार करेंगे-

SO2 + 2H2O → SO2-4 +4H+ +2e
Cl2 +2e → 2Cl

पद 6. उपर्युक्त दोनों अर्द्ध-अभिक्रियाओं को जोड़ने पर-

Cl2 +SO2 + 2H2O → 2Cl + SO2-4 +4H+

अन्तिम सत्यापन दर्शाता है कि समीकरण परमाणुओं की संख्या एवं आवेश की दृष्टि से सन्तुलित है।

Comment(S)

Show all Coment

Leave a Comment

Free - Previous Years Question Papers
Any questions? Ask us!
×