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Chapter 9 ठोसों के यान्त्रिक गुण (Mechanical Properties of Solids) Solutions

Question - 11 : - एक मीटर अतानित लम्बाई के इस्पात के तार के एक सिरे से 14.5 kg का द्रव्यमान बाँध कर उसे एक ऊर्ध्वाधर वृत्त में घुमाया जाता है, वृत्त की तली पर उसका कोणीय वेग 2 rev/s है। तार के अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल 0.065cm2 है। तार में विस्तार की • गणना कीजिए जब द्रव्यमान अपने पथ के निम्नतम बिन्दु पर है। (इस्पात के लिए Y =2×1011 न्यूटन/मी2)

Answer - 11 : - ऊध्र्वाधर वृत्त के निम्नतम बिन्दु पर
F – mg = mrω²
डोरी में तनाव बल F= mrω² + mg
F = [14.5 x 1.0 x (2.0)² + 14.5 x 9.8]
न्यूटन
= [58.0 + 142.1]
न्यूटन = 200.1  न्यूटन
तथा L= 1.00 मी, अनुप्रस्थ-काट A= 0.065 सेमी² =0.065 x 10-4 मी2 तथा
Y =2 x 10
11 न्यूटन/मी2
सूत्र

Question - 12 : - नीचे दिए गए आँकड़ों से जल के आयतन प्रत्यास्थता गुणांक की गणना कीजिए; प्रारम्भिक आयतन = 100.0, दाब में वृद्धि = 100.0 atm (1 atm =1.013 x 105 Pa), अन्तिम आयतन = 100.5 L नियत ताप पर जल तथा वायु के आयतन प्रत्यास्थता गुणांकों की तुलना कीजिए। सरल शब्दों में समझाइए कि यह अनुपात इतना अधिक क्यों है?

Answer - 12 : -

यहाँ प्रारम्भिक आयतन V =100.0 लीटर
अन्तिम आयतन (V –υ) = 100.5 लीटर
आयतन में कमी υ = (V– υ) – (V) = 100 लीटर – 100.5 लीटर = – 0.5 लीटर
दाब में वृद्धि p =100 वायुमण्डलीय दाब
= 100 x 1.013 x 10
5 न्यूटन/मी2
= 1.013 x 10
न्यूटन/मी
आयतन प्रत्यास्थता गुणांक

हम जानते हैं कि STP पर वायु का आयतन प्रत्यास्थता गुणांक 1 x 105 Pa है, अतः जल का आयतन प्रत्यास्थता गुणांक वायु के आयतन प्रत्यास्थता गुणांक से अधिक है। इसका कारण है कि समान दाब द्वारा जल के आयतन में होने वाली कमी, वायु के आयतन में होने वाली कमी की तुलना में नगण्य है।

Question - 13 : -

जल का घनत्व उस गंहराई पर, जहाँ दाब 80.0 atm हो, कितना होगा? दिया गया है कि | पृष्ठ पर जल का घनत्व 103 x 10 kg3 m-3, जल की सम्पीड्यता 45.8 x 10-11 Pa-1(1 Pa = 1Nm-2)

Answer - 13 : - यहाँ पृष्ठ से गहराई तक जाने पर दाब परिवर्तन p= (80.0-1.0) वायुमण्डल = 79वायुमण्डल अर्थात्
p = 79 x 1.013 x 10
5 न्यूटन/मी2
= 80.027 x 10
5 न्यूटन/मी2
जहाँ जल की संपीड्यता K= 45.8 x 10-11 Pa-1
जल को आयतन प्रत्यास्थता गुणांक

पृष्ठ पर जल का घनत्व ρ= 1.03 x 103 kgm-3
माना ρ’किसी दी गई गहराई पर जल का घनत्व है। यदि V तथा V’ जल के निश्चित द्रव्यमान M के पृष्ठ तथा दी गई गहराई के आयतन हैं तो

Question - 14 : -
काँच के स्लेब पर 10 atm का जलीय दाब लगाने पर उसके आयतन में भिन्नात्मक अन्तर की गणना कीजिए।

Answer - 14 : -

यहाँ दाब-परिवर्तन p = 10 वायुमण्डलीय दाब
= 10 x 1.013 x 10
5 Pa = 1.013 x 106 Pa
आयतन प्रत्यास्थता गुणांक B = 37 x 109 Pa


Question - 15 : -
ताँबे के एक ठोस धन का एक किनारा 10 cm का है। इस पर 7.0 x 106 Pa.का.जलीय दाब लगाने पर इसके आयतन में संकुचन निकालिए।

Answer - 15 : -

आयतन विकृति

परन्तु घन के किनारे की लम्बाई a = 10सेमी = 0.10मी
घन का आयतन 20 =a3 = (0.10 मी) 3 = 10-3 मी
अतः आयतन में परिवर्तन ) = आयतन विकृति x आयतन
= – 5×10-5 x 10-3
मी
=-5×10-8 x 106
सेमी
=-0.05
सेमी
(-)
चिह्न आयतन में संकुचन का प्रतीक है।

Question - 16 : -
1 लीटर जल पर दाब में कितना अन्तर किया जाए कि वह 0.10% से सम्पीडित हो जाए?

Answer - 16 : -

यहाँ आयतन में प्रतिशत संकुचन = – 0.10

अर्थात् दाब 2.2 x 106 Pa बढ़ाया जाये।

Question - 17 : -
हीरे के एकल क्रिस्टलों से बनी निहाइयों, जिनकी आकृति चित्र-9.6 में दिखाई गई है, का उपयोग अति उच्च दाब के अन्तर्गत द्रव्यों के व्यवहार की जाँच के लिए किया जाता है। निहाई के संकीर्ण सिरों पर सपाट फलकों का व्यास 0.50 mm है। यदि निहाई के चौड़े सिरों पर 50,000 N का बल लगा हो तो उसकी नोंक पर दाब ज्ञात कीजिए।

Answer - 17 : -

सपाट फलक की त्रिज्या R =0.25 mm = 2.5 x 10-4 mहीरे के शंकु
फलक का क्षेत्रफल A = πR2
=3.14 x (2.5 x 10
-4m)2
=196 x 10
-8m
जबकि आरोपित बल F =50,000N

=2.55 x 10
11 Pa

Question - 18 : - 1.05 mलम्बाई तथा नगण्य द्रव्यमान की एक छड़ को बराबर लम्बाई के दो तारों, एक इस्पात : का (तार A) तथा दूसरा ऐलुमिनियम का तार (तार B) द्वारा सिरों से लटका दिया गया है, जैसा कि चित्र-9.7 में दिखाया गया है। A तथा B के तारों के अनुप्रस्थ परिच्छेद के क्षेत्रफल क्रमशः 1.0 mm2 और 2.0 mm हैं। छड़ के किस बिन्दु से एक द्रव्यमान m को लटका दिया जाए ताकि इस्पात तथा ऐलुमिनियम के तारों में (a) समान प्रतिबल, तथा (b) समान विकृति उत्पन्न हो?

Answer - 18 : -

तारों के अनुप्रस्थ क्षेत्रफल
AA = 1.0 mm2, AB =2.0 mm2
YA = 2.0 x 1011 Nm-2,
Y= 0.7 x 1011 Nm-2
माना द्रव्यमान को तार A वाले सिरे से, x दूरी पर बिन्दु C से लटकाया गया है, तब इसकी दूसरेसिरे से दूरी (1.05– x) m होगी।
माना इस भार के कारण तारों में FA तथा FB तनाव बले उत्पन्न होते हैं।
बिन्दु C के परितः आघूर्ण लेने पर,
FA .x = FB (1.05-x)….(1)
(a)
तारों में समान प्रतिबल उत्पन्न होता है; अत:


अत: द्रव्यमान को तार A वाले सिरे से 43 cm की दूरी पर लटकाना चाहिए।

 

Question - 19 : - मृदु इस्पात के एक तार, जिसकी लम्बाई 1.0 m तथा अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल – 0.50 x 10-2 cm है, को दो खम्भों के बीच क्षैतिज दिशा में प्रत्यास्थ सीमा के अन्दर ही तनित किया जाता है। तार के मध्य बिन्दु से 100g का एक द्रव्यमान लटका दिया जाता है। मध्य बिन्दु पर अवनमन की गणना कीजिए।

Answer - 19 : - दिया है : तार की लम्बाई L= 1.0 m,
अनुप्रस्थ परिच्छेद का क्षेत्रफल A= 0.50 x 10-2 cm2 = 5 x 10-7 m2
m = 100 g = 0.1 kg, Y = 2.0 x 1011 Nm-2
माना सन्तुलन की स्थिति में तार के दोनों भागों का क्षैतिज सेझुकाव θ है तथा तार के दोनों भागों में समान तनाव T है। सन्तुलन की स्थिति में,
2T sin θ = mg …(1)
(C
तार का मध्य बिन्दु है जो भार लटकाने पर बिन्दु O तक विस्थापित हो जाता है।)



Question - 20 : -
धातु के दो पहियों के सिरों को चार रिवेट से आपस में जोड़ दिया जाता है। प्रत्येक रिवेट का व्यास 6 मिमी है। यदि रिवेट का अपरुपण प्रतिबल 6.9 x 107 Pa से अधिक नहीं बढ़ना | हो तो रिवेट की हुई पट्टी द्वारा आरोपित तनाव का अधिकतम मान कितना होगा? मान लीजिए कि प्रत्येक रिवेट एक-चौथाई भार वहन कर सकता है।

Answer - 20 : -

दिया है, प्रत्येक रिवेट का व्यास = 6 मिमी
त्रिज्या r = व्यास/2 = 6 मिमी/2 = 3 मिमी = 3 x10-3 मी
अतः रिवेट का अनुप्रस्थ क्षेत्रफल
A = πr2 = 3.14 x (3x 10-3 
मी)2
= 28.26 x 10-6 
मी2
भंजक प्रतिबल = रिवेट द्वारा सहन किये जा सकने वाला अधिक अपरूपण प्रतिबल
= 6.9 x 107 Pa = 6.9 x107 
न्यूटन/मीटर2
प्रत्येक रिवेट द्वारा सहन किया जा सकने वाला अधिकतम तनाव = भंजक प्रतिबल x A
= (6.9 x 10
न्यूटन/मी2) x (28.26 x 10-6 मी2)
= 1.949 x 103 
न्यूटन ≈ 1.95x 10’न्यूटन
चूँकि पट्टी में चार रिवेट लगी हैं। अत: पट्टी द्वारा आरोपित अधिकतम तनाव
= 4 x 1.95 x 103 
न्यूटन = 7.8x 103 न्यूटन

 

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