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Chapter 15 चार्ली चैप्लिन यानी हम सब Solutions

Question - 21 : -
चार्ली चैप्लिन का व्यक्तित्व कैसा था?

Answer - 21 : -

चार्ली चैप्लिन का व्यक्तित्व सुलझा हुआ था। वह हँसमुख आदमी था। दूसरों को हँसाना बहुत आसान है लेकिन खुद पर हँसना उतना ही मुश्किल। चार्ली ने ऐसा कठिन कार्य भी कर दिखाया। वह फ़िल्मों में गंभीर से गंभीर विषय पर स्वयं पर ही हँसता था। करुणा कब हास्य में बदल जाती, पता ही न चलता।

Question - 22 : -
मेकिंग ए लिविंग’ फ़िल्म की विशेषता बताइए।

Answer - 22 : -

‘मेकिंग ए लिविंग’ की सबसे बड़ी विशेषता तो यही है कि इसने अभी 75 वर्ष पूरे किए हैं। पौन शताब्दी से उनकी फ़िल्म दुनिया के सामने है। यह फ़िल्म पाँच पीढ़ियों को मुग्ध कर चुकी है। इसकी लोकप्रियता आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। यह फ़िल्म न केवल फ़िल्म जगत की बल्कि चार्ली चैप्लिन के जीवन में भी मील का पत्थर साबित हुई।

Question - 23 : -
चार्ली चैप्लिन की छवि कैसी थी?

Answer - 23 : -

फ़िल्मों में चार्ली चैप्लिन की छवि एक ट्रैम्प की थी। वह कई रूपों में हमारे सामने आया किंतु वह सबसे ज्यादा प्रिय तभी लगा जब वह फ़िल्मों में बुधू, खानाबदोश या आवारागर्द बना। इन भूमिकाओं ने उसे प्रत्येक वर्ग के आदमी से जोड़ दिया। इन रूपों की जीवंत भूमिका ने उसे विश्व में लोकप्रिय कलाकार बना दिया। चार्ली चैप्लिन अब अभिनेता (हास्य कलाकार) न रहकर ट्रैम्प बन चुका था। यही उसकी लोकप्रियता थी।

Question - 24 : -
चार्ली के जीवन पर किस घटना का प्रभाव ज्यादा था?

Answer - 24 : -

चार्ली के जीवन को एक घटना ने बहुत प्रभावित किया। एक बार चार्ली बहुत बीमार पड़ गया तब उसकी माँ ने उसे बाइबल पढ़कर सुनाई। यह बाइबल उसकी माँ ने ओकले स्ट्रीट के तहखाने के अंधेरे कमरे में सुनाई थी। इसे पढ़कर चार्ली के मन में तीन बातें प्रमुख रूप से समा गई स्नेह, करुणा एवं मानवता।

Question - 25 : -
चार्ली के बारे में लेखक ने क्या कहा है?

Answer - 25 : -

लेखक कहता है कि चार्ली पर कई फ़िल्म समीक्षकों ने नहीं फ़िल्म कला के उस्तादों और मानविकी के विद्वानों ने सिर धुने हैं और उन्हें नेति-नेति कहते हुए यह भी मानना पड़ता है कि चार्ली पर कुछ नया लिखना कठिन होता जा रहा है। दरअसल सिद्धांत कला को जन्म नहीं देते, कला स्वयं अपने सिद्धांत या तो लेकर आती है या बाद में उन्हें गढ़ना पड़ता हैं। करोड़ों लोग चार्ली को देखकर अपने पेट दुखा लेते हैं। वे स्वाभाविक रूप से हँसने को मजबूर हो जाते हैं।

Question - 26 : -
चार्ली की फ़िल्मों के बारे में परिचय दीजिए।

Answer - 26 : -

चार्ली ने अपने जीवन में कई फ़िल्मों में काम किया। उन्होंने फ़िल्म जगत में बहुत योगदान दिया। चार्ली चैप्लिन ने मेकिंगए लिविंग, मेट्रोपोलिस, दी कैबिनेट ऑफ डॉक्टर कैलिगारी, द रोवंथ सील, लास्ट इयर इन मारिएनवाड, द सैक्रिफाइस, दि टैम्प आदि में काम किया।

Question - 27 : -
‘चार्ली की फ़िल्में भावनाओं पर टिकी हुई हैं, बुद्धि पर नहीं’–’चार्ली चैप्लिन यानी हम सब’ पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। 

Answer - 27 : -

चार्ली की फ़िल्में भावनाओं पर टिकी हुई हैं, बुद्धि पर नहीं। उनकी मेट्रोपोलिस, दी कैबिनेट ऑफ डॉक्टर, कैलिगारी आदिफ़िल्में दर्शकों से एक उच्चतर अहसास की माँग करती हैं। उनकी फ़िल्में हर वर्ग के लोगों को पसंद आती हैं। उनकी फ़िल्मों को पागलखाने के मरीज, विकल मस्तिष्क वाले तथा आइन्स्टाइन जैसे महान प्रतिभा वाले व्यक्ति तक कहीं एक स्तर पर और कहीं सूक्ष्मतम रसास्वादन के साथ देख सकते हैं।

Question - 28 : -
जीवन की जद्दोजहद ने चार्ली के व्यक्तित्व को निखारी तो नानी की ओर से उन्हें कुछ अंशों में भारतीयता से मिलते-जुलते संस्कार मिले’-पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए। 

Answer - 28 : -

चार्ली चैप्लिन की नानी खानाबदोश थी। ये खानाबदोश कभी भारत से ही यूरोप में गए थे। वहाँ इन्हें जिप्सी कहते थे। चार्ली ने भी घुमंतुओं जैसा जीवन जिया तथा फ़िल्मों में उसे प्रस्तुत किया। इस कारण उनके जीवन में भारतीयता के संस्कार भी मिलते हैं।

Question - 29 : -
चार्ली चैप्लिन के व्यक्तित्व की तीन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।

Answer - 29 : -

चार्ली चैप्लिन की अधिकांश फ़िल्में भाषा का इस्तेमाल नहीं करतीं, इसलिए उन्हें ज्यादा-से-ज्यादा मानवीय होना पड़ा। सवाक् फ़िल्मों पर कई बड़े-बड़े कामेडियन हुए हैं, लेकिन वे चैप्लिन की सार्वभौमिकता तक नहीं पहुँच पाए। चार्ली का चिर युवा होना या बच्चों जैसा दिखना एक विशेषता तो है ही, सबसे बड़ी विशेषता शायद यह है कि वे किसी भी संस्कृति को विदेशी नहीं लगते यानी उनके आसपास जो भी चीजें, अडंगें, खलनायक, दुष्ट औरतें आदि रहते हैं, वे एक सतत ‘विदेश’ या ‘परदेश’ बन जाते हैं और चैप्लिन हम बन जाते हैं।

Question - 30 : -
बचपन की किन दो घटनाओं ने चार्ली के जीवन पर गहरा व स्थायी प्रभाव डाला? 

Answer - 30 : -

चार्ली के जीवन पर दो घटनाओं ने स्थायी प्रभाव डाला। पहली, बचपन में चार्ली का बीमार होना और उनकी माँ के द्वारा ईसा मसीह का जीवन बाइबिल से पढ़कर सुनाते समय दोनों का एक साथ रो पड़ना। दूसरी घटना में एक कसाई के साथ से एक भेड़ का छुड़ाकर भागने की घटना भेड़ को पकड़ने वाला कई बार फिसलकर गिरा। सड़क पर लोगों ने ठहाके लगाए। अंत में उस भेड़ को पकड़कर कसाई के पास ले जाया गया। भेड़ के संभावित भविष्य को देखकर चार्ली रोने लगा। वह माँ के पास दौड़ा। इस घटना ने उनकी फ़िल्मों की दिशा तैयार की त्रासदी और हास्योत्पादक तत्वों का मेल।

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