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Chapter 7 जीवों में विविधता Solutions

Question - 21 : -
पादप जगत के प्रमुख वर्ग कौन हैं? इस वर्गीकरण का क्या आधार है?

Answer - 21 : -

पादप प्रमुख पाँच वर्ग में बाँटे जाते हैं। ये पाँच वर्ग निम्नलिखित हैं
1. थैलोफाइटा – इस प्रकार के पौधों के शरीर में विभाजन नहीं होता ये थैलस के रूप में होते हैं जैसे शैवाल, काई।
2. ब्रायोफाइटा – इसमें पौधे का शरीर तने व पत्तियों के रूप में विभाजित होता है। कोई जल संवहन के लिए ऊतक विशेष नहीं होते, जैसे-मार्केशिया, मॉस इत्यादि।
3. टैरीडोफाइटा – पादप जड़, तना व पत्तियों के रूप में बँटा होता है। जल संवहन के लिए विशेष ऊतक पाए जाते हैं। जैसे-मारसीलिया आदि।
ऊपरलिखित तीन विभाजन के पौधों के बीज नहीं होते। इनमें केवल नग्न भुण होता है जिन्हें बीजाणु (spores) कहते हैं। इनको सम्मिलित रूप से क्रिप्टोगेम्स कहते हैं। जिन पौधों में बीज पाए जाते हैं उन्हें फैनरोगेम्स कहते हैं। इनको दो भागों में बाँटते हैं-
(i) जिम्नोस्पर्म
(ii) एन्जियोस्पर्म
(i) जिम्नोस्पर्म – इन पौधों के बीज नग्न होते हैं। ये पौधे सदाबहार व काष्ठीय होते हैं जैसे-पाइनस व साइकस आदि।
(ii) एन्जियोस्पर्म – इन पौधों के बीज आवृतबीजी होते हैं। पौधों में फल व फूल भी लगते हैं। बीजों में एक या दो बीजपत्र पाए जाते हैं जो अंकुरण में सहायता करते हैं। एक बीजपत्र वाले बीजों को एकबीजपत्री (गेहूँ, चावल आदि) और दो बीजपत्र वालों को द्विबीजपत्री (चना, मटर, मॅग आदि) कहते हैं।
वर्गीकरण का आधार – विभाजनों का पहला आधार है कि पौधे का शरीर जड़, तने, और पत्ती में विभाजित है। या नहीं। दूसरे स्तर पर देखते हैं कि जल व अन्य पदार्थों के संवहन के लिए विशेष प्रकार के ऊतक उपस्थित हैं। तीसरे स्तर पर हमारा आधार होगा कि क्या पौधा बीज उत्पन्न करने में सक्षम है यदि है तो वे बीज आवृतबीजी हैं या नग्नबीजी । आवृतबीजी है तो उनमें कितने बीजपत्र (एक या दो) हैं। यह सभी पौधों के विभाजन के मुख्य आधार हैं।

Question - 22 : - जन्तुओं और पौधों के वर्गीकरण के आधारों में मूल अन्तर क्या है?

Answer - 22 : - पौधों के विभाजन का आधार जन्तुओं के विभाजन (वकर) आधार से भिन्। है। इस विभाजन का मुख्य आः उनकी रचना की उगलता है। पौधों की कोशिका में कोशिका भित्ति होती है और ये अपना भोजन पर्णहरिम (हरावर्णक) की सहायता से सूर्य के प्रकाश में भोजन को संश्लेषण करते हैं। ऐौधे स्थिर होते हैं। जन्तु की को में रोई कोशिका भित्ति ही होती, ये पौधों द्वारा, भोजन ग्रहण करते हैं (परपोषी)। ये गति कर सकते हैं। इन सभी गुणों के अन्तर को ही वर्गीकरण का आधार माना जाता है जिससे वर्ग, उराव इयादि में जन्तुओं को वर्गीकृत किया जाता है।

Question - 23 : - वटा (कशेरुक प्राणी) को विभिन्न वर्गों में बाँटने के आधार की व्याख्या कीजिए।

Answer - 23 : -

सभी वर्टीब्रेटा (कशेरुक प्राणियों) में मेरुदंड पाई जाती है। यह पृष्ठीय खोखली मेरुजु को घेरे रहती है। ग्रसनी विदर या क्लोम विदर प्रायः भ्रूण अवस्था में ही पाए जाते हैं। जलीय जंतुओं; जैसे मछली की वयस्क अवस्था में क्लोम (gills) पाए जाते हैं। मेरुरज्जु का अग्रभाग मस्तिष्क बनाता है। सिर पर नेत्र, कर्ण तथा घ्राणग्राही आदि संवेदी अंग होते हैं। अंतः कंकाल सुविकसित होता है। पेशियाँ अंतः कंकाल से लगी होती हैं। पेशियाँ तथा अस्थियाँ प्रचलन में सहायक होती हैं। वर्टीबेटा के वर्गीकरण के मुख्य आधार – वर्टीब्रेटा के वर्गीकरण के मुख्य आधार निम्नलिखित हैं-
1. वयस्क अवस्था में या भ्रूण अवस्था में क्लोम विदर का पाया जाना।
2. त्वचा पर श्लेष्म ग्रन्थियाँ, स्वेद ग्रन्थियाँ, तैल ग्रन्थियाँ, दुग्ध ग्रन्थियाँ आदि का पाया जाना । ।
3. बाह्य काल शल्क, हॉर्नीप्लेट्स, पर (feathers), बाल से बना हुआ।
4. अंतः कंकाल उपास्थि या अस्थि से बना हुआ।
5. श्वसन क्लोम, त्वचा या फेफड़ों द्वारा।
6. हृदय में वेश्मों की संख्या
7. अग्रपादों का पंखों में रूपांतरण।
8. असमतापी या समतापी।
9. अंडज या जरायुज।
10. अंडे जल में देना या जल से बाहर देना। अंडे कवचरहित या कवचयुक्त।

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