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Chapter 6 ऊतक Solutions

Question - 21 : - रेखित, अरेखित तथा कार्डिक (हृदयक) पेशियों में शरीर में स्थित कार्य और स्थान के आधार पर अन्तर स्पष्ट करें।

Answer - 21 : - रेखित, अरेखित तथा कार्डिक (हृदयक) पेशी में निम्नलिखित अन्तर हैं-

Question - 22 : - न्यूरॉन का एक चिन्हित चित्र बनाएँ।

Answer - 22 : -


Question - 23 : -
निम्नलिखित के नाम लिखिए
(a) ऊतक जो मुँह के भीतरी अस्तर का निर्माण करता है।
(b) ऊतक जो मनुष्य में पेशियों को अस्थि से जोड़ता है।
(c) ऊतक जो पौधों में भोजन को संवहन करता है।
(d) ऊतक जो हमारे शरीर में वसा का संचय | करता है।
(e) तरल आधात्री सहित संयोजी ऊतक।
(f) मस्तिष्क में स्थित ऊतक।

Answer - 23 : -

(a) हमारी मुख गुहिका की आन्तरिक परत बनाने वाले शल्की एपिथीलियम ऊतक है।
(b) मानव शरीर में हड्डियों के जोड़ने वाले ऊतक कन्डरा होते हैं।
(c) फ्लोएम ऊतक पौधों में भोजन का संवहन करते हैं।
(d) ऐडीपोज (वसा) ऊतक हमारे शरीर में वसा का संग्रह करते हैं।
(e) तरल आधात्री वाला योजी ऊतक रक्त है।
(f) मस्तिस्क में पाए जाने वाले ऊतक तन्त्रिका ऊतक (न्यूरॉन) हैं।

Question - 24 : -
निम्नलिखित में ऊतक के प्रकार की पहचान करें
(1) त्वचा
(2) पौधे का वल्क
(3) अस्थि
(4) वृक्कीय नलिका अस्तर
(5) संवहन बण्डल।

Answer - 24 : -

(1) त्वचा-शल्की एपिथीलियम ऊतक।
(2) पौधे का वल्क-रक्षात्मक ऊतक।
(3) अस्थि-योजी ऊतक।
(4) वृक्कीय नलिका अस्तर-स्तंभाकार एपिथीलियम।
(5) संवहन बण्डल-जाइलम और फ्लोएम।

Question - 25 : - पैरेन्काइमा ऊतक किस क्षेत्र में स्थित होते हैं ?

Answer - 25 : - पैरेन्काइमा ऊतक – ये ऊतक पौधे के विभिन्न भागों में जैसे जड़, तना, पत्तियाँ, फल, फूल इत्यादि में पाए जाते हैं। इन ऊतकों में जब क्लोरोफिल पाई जाती है। और ये पौधे का भोजन बनाती है उस स्थिति में इन्हें क्लोरनकाइमा कहते हैं।

Question - 26 : - पौधों में एपिडर्मिस की क्या भूमिका है?

Answer - 26 : - एपिडर्मिस जो कोशिकाओं की बाह्यतम परत है वह रक्षात्मक ऊतक का कार्य करती है। ये ऊतक सामान्यतया जड़, तने, पत्तियों और फूलों की कोशिकाओं के बाहर पाए जाते हैं। यह मोटाई में एककोशिकीय होती है जिसके बाहर क्यूरिन की परत चढ़ी होती है। जैसे-जैसे पौधे की आयु बढ़ती है परिधि पर स्थित एपिडर्मिस के अन्दर की कोशिकाएँ कार्क कोशिकाओं में रूपान्तरित हो जाती हैं। इनकी कोशिका भित्ति सुबेरिन के जमाव के कारण बहुत मोटी व मृत हो जाती है। यह जल की हानि को कम करती है।

कार्य-
1. पौधे की सुरक्षा करती है।
2. इसका उपयोग रोधन व धात रोधन में करते हैं।
3. इसका उपयोग लिनोलियम व खेल का सामान बनाने में भी किया जाता है।
4. एपिडर्मिस की कोशिकाओं में बीच-बीच में छोटे रन्ध्र होते हैं जिन्हें वातरन्ध्र (स्टोमेटा) कहते हैं।
5. कुछ कार्बनिक पदार्थों के जमाव के कारण यह मोटी व जलरोधी हो जाती है।

Question - 27 : - छाल (कॉक) किस प्रकार सुरक्षा ऊतक के रूप में कार्य करता है ?

Answer - 27 : -

कॉर्क एक सुरक्षा ऊतक की तरह कार्य करता है क्योंकि
(i) इसकी कोशिकाएँ मृत होती हैं तथा बिना स्थान छोड़े लगातार परत बनाती हैं।
(ii) इसकी भित्ति पर सुबेरिन जमा होता है जो इसे गैसों के आदान-प्रदान में सहायता करने योग्य बनाता है।
अतः कॉर्क ऊतकों की अत्यधिक पानी-हानि बाह्य वायुमंडल के प्रभावों से सुरक्षा प्रदान करती है।

Question - 28 : - निम्न दी गई तालिका को पूर्ण करें-

Answer - 28 : -


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