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Chapter 6 ऊतक Solutions

Question - 11 : -
हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।

Answer - 11 : -

हृदय पेशी ऊतक के तीन लक्षण निम्नलिखित हैं

  1. ये अनैच्छिक पेशियाँ ही होती हैं जो सामान्य परिस्थितियों में जीवन-पर्यन्त लयबद्ध संकुचन और प्रसार करती हैं।
  2. ये ऊतक बेलनाकार, कम शाखित व एक या दो केन्दलीय होते हैं।
  3. इन ऊतकों पर हल्की व कम गहरी धारियाँ होती हैं।

Question - 12 : -
हृदय पेशी के तीन लक्षणों को बताएँ।

Answer - 12 : -

हृदय पेशी ऊतक के तीन लक्षण निम्नलिखित हैं

  1. ये अनैच्छिक पेशियाँ ही होती हैं जो सामान्य परिस्थितियों में जीवन-पर्यन्त लयबद्ध संकुचन और प्रसार करती हैं।
  2. ये ऊतक बेलनाकार, कम शाखित व एक या दो केन्दलीय होते हैं।
  3. इन ऊतकों पर हल्की व कम गहरी धारियाँ होती हैं।

Question - 13 : -
ऐरीओलर ऊतक के क्या कार्य हैं ?

Answer - 13 : -

ऐरीओलर ऊतक त्वचा व पेशीय के बीच रक्त वाहिकाओं के गिर्द, अस्थिमज्जा व तन्त्रिकाओं में पाया जाता है।
कार्य-

  1. यह अंगों के मध्य स्थान की पूर्ति करता है।
  2. अन्दर के अंगों को सहारा देता है।
  3. यह ऊतकों की मरम्मत में भी सहायता करता है।

Question - 14 : -
ऊतकं को परिभाषित करें।

Answer - 14 : -

कोशिकाओं के ऐसे समूह को जिनकी उत्पत्ति, रचना व कार्य एक समान हो ऊतक कहते हैं।

Question - 15 : -
कितने प्रकार के तत्त्वे मिलकर जाइलम ऊतक का निर्माण करते हैं। उनके नाम बताएँ।

Answer - 15 : -

चार प्रकार के अवयव मिलकर जाइलम ऊतक को बनाते हैं। वे निम्न प्रकार के हैं

  1. ट्रेकीड
  2. वैसलस (वाहिका)
  3. जाइलम पेरनकाइमा
  4. जाइलम फाइबर्स।
इनमें से वाहिकाएँ सबसे प्रमुख हैं। इनकी कोशिका भित्ति कठोर व सामान्यतया मृत होती है। वाहिकाएँ बेलनाकार होती हैं और एक नलिका-सी बनाती हैं जो पानी व खनिज लवणों को जड़ों से पौधे के विभिन्न भागों तक पहुँचाते हैं। पेरनकाइमा भोजन संग्रहण करती है जबकि फाइबर्स दृढ़ता प्रदान करते हैं।

Question - 16 : -
पौधों में सरल ऊतक जटिल ऊतक से किस प्रकार भिन्न होते हैं ?

Answer - 16 : -

  1. सरल ऊतक – ये ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं जैसे विभज्योतक, पेरनकाइमा, कोलेनकाइमा व स्केलरनकाइमा ये विभिन्न कार्य करते हैं।
  2. विभज्योतक  –  तीव्रता से विभाजित होकर वृद्धि करते हैं, पेरनकाइमा भोजन का संग्रह करता है, कोलेनकाइमा तना, शाखाएँ व पत्तों को दृढ़ता प्रदान करके उसे यान्त्रिकी आधार देता है।
  3. जटिल ऊतक – इस प्रकार के ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से मिलकर बनते हैं। सभी कोशिकाएँ परस्पर मिलकर कोई सामान्य कार्य करती है। जैसे जाइलम व फ्लोएम। ये दोनों संवहन का कार्य करते हैं और संवहन बंडल बनाते हैं।

Question - 17 : - कोशिका भित्ति के आधार पर पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा व स्क्लेरेन्काइमा के बीच भेद स्पष्ट करें।

Answer - 17 : - पैरेन्काइमा, कॉलेन्काइमा व स्क्लेरेन्काइमा में निम्नलिाखत अन्तर हैं

Question - 18 : - रन्ध्र के क्या कार्य हैं ?

Answer - 18 : -

पौधों की पत्तियों में बाह्य त्वचा या एपिडर्मिस की कोशिकाओं में छोटे-छोटे रन्ध्र होते हैं उन्हें स्टोमेटा या वात-रन्ध्र कहते हैं। ये पौधे के लिए निम्न प्रकार आवश्यक हैं-
1. ये वायुमण्डल से पौधों में वायु की गैसों का आदान-प्रदान कराने में सहायक हैं अर्थात् इनकी सहायता से पौधा प्रकाश संश्लेषण क्रिया के लिए कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं और
ऑक्सीजन बाहर निकालते हैं।
2. स्टोमेटा वाष्पोत्सर्जन की क्रिया में भी पौधे की पत्तियों द्वारा फालतू पानी को वाष्प के रूप में वायुमण्डल में उत्सर्जित करते हैं।

Question - 19 : - तीनों प्रकार के पेशीय रेशों में चित्र बनाकर अन्तर स्पष्ट करें।

Answer - 19 : -


Question - 20 : - कार्डिक (हृदयक) पेशी का विशेष कार्य क्या है ?

Answer - 20 : - हृदय पेशी ऊतक अनैच्छिक ऊतक है अतः ये जीवनपर्यन्त हृदय में लयबद्ध संकुचन व प्रसार करती रहती हैं, जिसके कारण शरीर में रुधिर का परिवहन होता है और जीवित रहते हैं।

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