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Chapter 15 खाद्य संसाधनों में सुधार Solutions

Question - 21 : -
आनुवंशिक फेरबदल क्या हैं? कृषि प्रणालियों में यह कैसे उपयोगी हैं?

Answer - 21 : -

आनुवंशिक फेरबदल फसल सुधार की एक नई विधि हैं जिसमें ऐच्छिक गुणों वाले जीन का डालना, इसके परिणामस्वरूप, आनुवंशिक रूपांतरित फसल प्राप्त होती है। इसमें उच्च तापमान, विशेष विकिरण या रासायनिक पदार्थों द्वारा पौधे के जीन में ऐसे उत्प्रेरित परिवर्तन लाए जाते हैं ताकि उत्पन्न होने वाली जीनों में इच्छित गुण आ जायँ।
उपयोग- इस प्रणाली द्वारा ऐच्छिक गुणों वाली फसलें तैयार कर सकते हैं।

Question - 22 : -
भण्डारगृहों (गोदामों) में अनाज की हानि कैसे होती है?

Answer - 22 : -

भण्डारगृह में अनाज की हानि के दो प्रकार के कारक उत्तरदायी हैं, जैसे-
1. जैविक
2. अजैविक।

  1. जैविक कारक – कीट, कुंतक, कवक, चिंचडी तथा जीवाणु जैविक कारक हैं।
  2. अजैविक कारक – उपयुक्त नमी व ताप का अभाव अजैविक कारक हैं। ये दोनों कारक अनाज की गुणवत्ता को खराब कर देते हैं, उनका वजन कम कर देते हैं, अंकुरण करने की क्षमता कम करते हैं, उत्पाद बदरंग हो जाती है। जैविक कारक अनाज को कुतर देते हैं या भीतर घुस जाते हैं। ये कीट कभी-कभी पौधों की वृद्धि के समय प्रवेश कर जाते हैं।

Question - 23 : -
किसानों के लिए पशुपालन प्रणालियाँ कैसे लाभदायक हैं?

Answer - 23 : -

किसानों के लिए पशुपालन प्रणाली लाभदायक है, क्योंकि पशुपालन के दो उद्देश्य हैं- (1) दूध देने वाले (2) कृषि कार्य के लिए जैसे-हल चलाना, सिंचाई तथा माल ढोने के लिए इन पशुओं को ड्राफ्ट पशु कहते हैं। किसानों के कृषि उत्पाद ही पशुओं के भोजन, जैसे-रुक्षांश व सान्द्र भोजन के रूप में प्रयोग होते हैं। पशुपालन में इनके अतिरिक्त मुर्गी पालन और मधुमक्खी पालन भी किया जा सकता है। ये सभी पशुपालन प्रणाली किसानों को आय के साधनों में वृद्धि करने में सहायक है।

Question - 24 : -
पशुपालन के क्या लाभ हैं?

Answer - 24 : -

  1. दुधारू पशुओं जैसे गाय, भैंस, भेड़, बकरी आदि से दूध प्राप्त होता है। इसमें सभी पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। दूध में विटामिन ‘A’ तथा ‘D’, कैल्सियम तथा फॉस्फोरस आदि खनिज पाए जाते हैं।
  2. पशुओं से मांस प्राप्त होता है। मांस उच्च प्रोटीन का स्रोत है।
  3. बैल, भैंसा, ऊँट, घोड़ा खच्चर आदि पशु बोझ ढोने के काम में लाए जाते हैं।
  4. पशुओं का उपयोग कृषि कार्यों (हल चलाना, सिंचाई कार्य, अनाज की श्रेसिंग आदि) में किया जाता है।
  5. भेड़ बकरी, ऊँट से हमें ऊन प्राप्त होती है। इसका विविध उपयोग किया जाता है।
  6. जंतु अपशिष्ट से खाद तैयार की जाती है।

Question - 25 : -
ज्पादन बढ़ाने के लिए कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन में क्या समानताएँ हैं?

Answer - 25 : -

कुक्कुट पालन, मत्स्य पालन तथा मधुमक्खी पालन में उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छी प्रबंधन प्रणालियाँ आवश्यक हैं, जैसे-

  1. उपयुक्त आवास, आवास की स्वच्छता, उपयुक्त ताप एवं स्वच्छता।
  2. उचित आहार, आहार की गुणवत्ता।
  3. रोगों तथा पीड़कों पर नियंत्रण तथा उनसे बचाव।

Question - 26 : -
प्रग्रहण मत्स्यन, मेरीकल्चर तथा जल संवर्धन में क्या अंतर है?

Answer - 26 : - प्रग्रहण मत्स्यन, मेरीकल्चर तथा जल संवर्धन में प्रमुख अन्तर निम्नलिखित हैं-

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