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Chapter 3 दिल्ली के सुलतान Solutions

Question - 11 : - सल्तनत की ‘भीतरी’ और ‘बाहरी’ सीमा से आप क्या समझते हैं?

Answer - 11 : - भीतरी सीमा-भीतरी सीमा से अभिप्राय गैरिसन शहरों की पृष्ठभूमि में स्थित क्षेत्रों से गैरिसन शहरों की आवश्यकताओं की पूर्ति होती थी। बाहरी सीमा-गैरिसन शहरों की पृष्ठभूमि से सुदूरवर्ती क्षेत्रों को बाहरी सीमा कहा जाता था।

Question - 12 : - मुक्ती अपने-अपने कर्तव्यों का पालन करें, यह सुनिश्चित करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाए गए थे? आपके विचार में सुलतान के आदेशों का उल्लंघन करना चाहने के पीछे उनके क्या कारण हो सकते थे ? 

Answer - 12 : -

मुफ़्ती अपने कर्तव्यों का पालन करें, यह सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए थे
1. उनकी नियुक्ति वंश परंपरा के आधार पर नहीं की जाती थी। 
2. उन्हें कोई भी इक्ता (क्षेत्र) थोड़े समय के लिए दिया जाता था। 
3. मुक़्ती लोगों का समय-समय पर स्थानांतरण किया जाता था। 
4. मुक्ती लोगों द्वारा एकत्रित किए गए राजस्व की रकम का हिसाब लेने के लिए राज्य द्वारा लेखा अधिकारी नियुक्त किए जाते थे। 
5. इस बात का ध्यान रखा जाता था कि मुक़्ती राज्य द्वारा निर्धारित कर ही वसूलें और तय संख्या के अनुसार सैनिक रखें। 

Question - 13 : - दिल्ली सल्तनत पर मंगोल आक्रमणों का क्या प्रभाव पड़ा?

Answer - 13 : -

दिल्ली सल्तनत पर मंगोल आक्रमणों का निम्न प्रभाव पड़ा
1. मंगोल आक्रमणों से मजबूर होकर अलाउद्दीन खिलजी और मुहम्मद तुगलक को एक विशाल सेना खड़ी करनी पड़ी। 
2. अलाउद्दीन खिलजी ने सैनिकों को इक्ता के स्थान पर नकद वेतन देना तय किया। 
3. मुहम्मद बिन तुगलक ने दिल्ली के पुराने शहर के निवासियों को नयी राजधानी दौलताबाद भेज दिया और उस इलाके में बड़ी सैनिक छावनी बना दी गई। 
4. अलाउद्दीन खिलजी ने जनता पर और अधिक कर लगाए तो मुहम्मद तुगलक ने ताँबे के नए सिक्के चलवाए। 

Question - 14 : - क्या आपकी समझ में तवारीख के लेखक, आम जनता के जीवन के बारे में कोई जानकारी देते हैं ?

Answer - 14 : -

हमारी समझ में तवारीख के लेखक आम जनता के जीवन के बारे में जानकारी नहीं देते थे, क्योंकि
1. तवारीख के लेखक सचिव, प्रशासक, कवि और दरबारियों जैसे सुशिक्षित व्यक्ति होते थे जो घटनाओं का वर्णन | भी करते थे और शासकों को प्रशासन संबंधी सलाह देते थे। वे न्याय-संगत शासन के महत्त्व पर बल देते थे। 
2. तवारीख के लेखक नगरों में रहते थे, गाँव में शायद ही कभी रहते हों। 
3. वे अकसर अपने इतिहास सुलतानों के लिए, उनसे ढेर सारे इनाम-इकराम पाने की आशा में लिखा करते थे। 

Question - 15 : - दिल्ली सल्तनत के इतिहास में रजिया सुलतान अपने ढंग की एक ही थीं। क्या आपको लगता है कि आज महिला नेताओं को ज्यादा आसानी से स्वीकार किया जाता है?

Answer - 15 : - आज भी महिला नेताओं को ज्यादा आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता। आज भी भारत में लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की संख्या 5 प्रतिशत से भी कम है। ये अलग बात है कि सल्तनत काल की अपेक्षा वर्तमान में महिला नेताओं को ज्यादा आसानी से स्वीकार किया जाता है।

Question - 16 : - दिल्ली के सुलतान जंगलों को क्यों कटवा देना चाहते थे? क्या आज भी जंगल उन्हीं कारणों से काटे जा रहे हैं?

Answer - 16 : -

गैरिसन शहरों की पृष्ठभूमि में स्थित भीतरी क्षेत्रों की स्थिति को मजबूत करने के लिए गंगा-यमुना के दोआब से जंगलों को साफ़ कर दिया गया और शिकारी-संग्राहकों तथा चरवाहों को उनके पर्यावास से खदेड़ दिया गया। वह जमीन किसानों को दे दी गई और कृषि कार्य को प्रोत्साहन दिया गया।
आज जंगल कई कारणों से काटा जा रहा है।
1. कृषि भूमि को प्राप्त करना व आवासों का निर्माण। 
2. परिवहन मार्गों का निर्माण एवं खनन कार्य के लिए। 
3. बड़े बाँधों के निर्माण में वनों की कटाई। आइए करके देखें 

Question - 17 : - पता लगाइए कि क्या आपके इलाके में दिल्ली के सुलतानों द्वारा बनवाई गई कोई इमारत है? क्या आपके इलाके में और भी कोई ऐसी इमारत है, जो बारहवीं से पंद्रहवीं सदी के बीच बनाई गई हो? इनमें से कुछ इमारतों का वर्णन कीजिए और उनके रेखाचित्र बनाइए। 

Answer - 17 : - दिल्ली के सुल्तानों द्वारा बनाई गई इमारतें

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