The Total solution for NCERT class 6-12
आज भी महिला नेताओं को ज्यादा आसानी से स्वीकार नहीं किया जाता। आज भी भारत में लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं की संख्या 5 प्रतिशत से भी कम है। ये अलग बात है कि सल्तनत काल की अपेक्षा वर्तमान में महिला नेताओं को ज्यादा आसानी से स्वीकार किया जाता है।