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Chapter 15 बहुलक (Polymers) Solutions

Question - 11 : - बहुलकन पद (शब्द) को परिभाषित कीजिए।

Answer - 11 : - वह प्रक्रम जिसमें एक अथवा अधिक एकलकों से व्युत्पन्न पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाइयाँ आपस में एक नियमित क्रम में जुड़कर अत्यधिक अणुभार वाले वृहदाणु (बहुलक) का निर्माण करती हैं। बहुलकन कहलाता है।

Question - 12 : - (NH-CHR-CO)n, एक समबहुलक है या सहबहुलक?

Answer - 12 : -



एक समबहुलक है क्योंकि पुनरावृत्त संरचनात्मक इकाई में केवल एक ही प्रकार के एकलक अणु अर्थात्  NH2– CHR– COOH विद्यमान हैं।

Question - 13 : - आण्विक बलों के आधार पर बहुलक किन संवर्गों में वर्गीकृत किए जाते हैं? आण्विक बलों के आधार पर बहुलकों का वर्गीकरण किस प्रकार किया गया है? प्रत्येक का एक उदाहरण भी दीजिए। 

Answer - 13 : -

आण्विक बलों के आधार पर, बहुलकों का वर्गीकरण निम्नलिखित वर्गों में किया जाता है
1. इलास्टोमर्स, (वल्कनीकृत रबड़)
2. फाइबर (रेशे) (नायलॉन 6, 6)
3. ताप सुघट्य बहुलक (पॉलिथीन)
4. ताप दृढ़ बहुलक (बैकेलाइट)

Question - 14 : - संकलन और संघनन बहुलकन के मध्य आप किस प्रकार विभेद करेंगे? ।

Answer - 14 : -

योगात्मक बहुलकन में बहुत से समान अथवा असमान एकलक अणु आपस में जुड़कर बहुलक श्रृंखला बनाते हैं। एकलक इकाइयों में प्रायः द्वि या त्रिबंध उपस्थित रहते हैं। इस प्रक्रिया में H2O, NHजैसे छोटे अणुओं का निराकरण नहीं होता है। इसके विपरीत, संघनन बहुलकन में संघनन अभिक्रियाओं की एक श्रेणी सम्पन्न होती है जिसमें H2O, NH3 जैसे छोटे अणुओं का निराकरण होता है। इस प्रकार का बहुलकन दो या अधिक क्रियात्मक समूहों युक्त एकलकों के मध्य सम्पन्न होता है।

Question - 15 : - सहबहुलकन पद (शब्द) की व्याख्या कीजिए और दो उदाहरण दीजिए।

Answer - 15 : -

सहबहुलकन (copolymerisation) एक बहुलकन अभिक्रिया है जिसमें एक से अधिक प्रकार की एकलक स्पीशीज के मिश्रण का बहुलकन एक सहबहुलक बनाने के लिए किया जाता है। सहबहुलक को न केवल श्रृंखला वृद्धि बहुलकन से बनाया जा सकता है, अपितु पदशः वृद्धि बहुलकन से भी बनाया जा सकता है। अत: सहबहुलक में एक ही बहुलकन श्रृंखला में प्रत्येक एकलक की अनेक इकाइयाँ होती हैं।
उदाहरणार्थ :
ब्यूना-S; 1, 3-ब्यूटाडाईन तथा स्टाइरीन का सहबहुलक है, जबकि ब्यूना-N; 1, 3-ब्यूटाडाईन तथा ऐक्रिलोनाइट्राइल का सहबहुलक हैं।

Question - 16 : - एथीन के बहुलकन के लिए मुक्त मूलक क्रियाविधि लिखिए।

Answer - 16 : -


Question - 17 : - तापसुघट्य और तापदृढ़ बहुलकों को प्रत्येक के दो उदाहरण के साथ परिभाषित कीजिए।

Answer - 17 : -

1. तापसघटय बहुलक (Thermoplastic polymers) :
ये रेखीय या अल्पशाखित दीर्घ श्रृंखला अणु होते हैं। इन्हें बार-बार तापन द्वारा मृदुलित और शीतलन द्वारा कठोर बनाया जा सकता है। इन बहुलकों के अन्तराआण्विक आकर्षण बल प्रत्यास्थ बहुलकों और रेशों के मध्यवर्ती होते हैं। पॉलिथीन, पॉलिस्टाइरीन, पॉलिवाइनिल क्लोराइड आदि कुछ सामान्य तापसुघट्य बहुलक हैं।

2. तापदृढ़ बहुलक (Thermosetting polymers) :
ये बहुलक तिर्यकबद्ध अथवा अत्यधिक शाखित अणु होते हैं जो साँचों में तापन से विस्तीर्ण तिर्यकबन्ध में परिवर्तित हो जाते हैं और दोबारा दुर्गलनीय बन जाते हैं। इनका दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता। बैकेलाइट, यूरिया-फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन आदि कुछ सामान्य तापदृढ़ बहुलक हैं।

Question - 18 : -
निम्नलिखित बहुलकों को प्राप्त करने के लिए प्रयुक्त एकलक लिखिए
1. पॉलिवाइनिल क्लोराइड
2. टेफ्लॉन
3. बैकलाइट

Answer - 18 : -

  1. CH2,= CHCl (वाइनिल क्लोराइड)
  2.  F2C = = CF2, (टेट्राफ्लोरोएथीन)
  3.  C6H5O HCHO (फीनॉल तथा फॉर्मेल्डिहाइड)

Question - 19 : - मुक्त मूलक योगज बहुलकन में प्रयुक्त एक सामान्य प्रारम्भक का नाम और संरचना लिखिए।

Answer - 19 : - बेन्जोइल परॉक्साइड।

Question - 20 : - रबड़ अणुओं में द्विबन्धों की उपस्थिति किस प्रकार उनकी संरचना और क्रियाशीलता को प्रभावित करती है?

Answer - 20 : - प्राकृतिक रबर सिस-पॉलिआइसोप्रीन है तथा इसका निर्माण आइसोप्रीन इकाइयों के 1, 4-बहुलकन द्वारा निम्न प्रकार होता है

इस बहुलक में प्रत्येक आइसोप्रीन इकाई के C2  C3 के मध्य द्विबन्ध उपस्थित हैं। आइसोप्रीन इकाइयों की इस प्रकार सिस व्यवस्था के कारण बहुलक श्रृंखलाएँ दुर्बल अन्त:अणुक आकर्षण बल की उपस्थिति के कारण प्रभावशाली अन्तः अणुक क्रिया हेतु एक-दूसरे के समीप नहीं पातीं। अत: निकटस्थ श्रृंखलाओं के मध्य केवल दुर्बल वाण्डरवाल्स बल विद्यमान रहते हैं। इसलिए रबर की अनियमित कुण्डलित संरचना होती है। इसे एक स्प्रिंग की भाँति खींचा जा सकता है, अर्थात् इसमें प्रत्यास्थता का गुण पाया जाता है।

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